Bihar Politics: ‘मैं सिर्फ 18 महीने मंत्री रहा…’, पुल गिरने पर NDA के आरोपों पर बोले तेजस्वी यादव

तेजस्वी यादव ने कहा, "बिहार में डबल इंजन का अद्भुत खेल है, एक इंजन भ्रष्टाचार में लगा हुआ है और एक इंजन अपराध में लगा हुआ है. 15 दिन में 12 पुलों का गिरना कोई सामान्य घटना नहीं है. यह भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा है."

तेजस्वी यादव (फाइल फोटो)

Bihar Politics: बिहार में लगातार गिर रहे पुलों पर राजनीति तेज हो गई है. 18 जून से लेकर अभी तक 12 पुल जल समाधि ले चुके हैं. इसका ठीकरा एक ओर जहां सत्तारूढ़ एनडीए ने पूर्व डिप्टी सीएम और राजद नेता सीएम तेजस्वी यादव पर फोड़ा है. वहीं, दूसरी तरफ एनडीए के आरोपों पर तेजस्वी ने पलटवार करते हुए नीतीश सरकार को घेरा है. उनका कहना है कि वह सिर्फ 18 महीने ही संबंधित विभाग के मंत्री रहे हैं और जब मंत्री थे तब विभाग के पास पैसे नहीं थे.

तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “बिहार में डबल इंजन का अद्भुत खेल है, एक इंजन भ्रष्टाचार में लगा हुआ है और एक इंजन अपराध में लगा हुआ है. 15 दिन में 12 पुलों का गिरना कोई सामान्य घटना नहीं है. यह भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा है. जिस दिन से नीतीश कुमार सीएम बने हैं, सिर्फ 18 महीने को छोड़ दें तो पूरे समय ग्रामीण कार्य विभाग जेडीयू के पास ही रहा है. बिहार में लगातार भ्रष्टाचार देखने को मिल रहा है, बिहार में लगातार अपराध की घटनाएं हो रही हैं. जिन लोगों ने बेरोजगारी, गरीबी, महंगाई बढ़ाई, जिन लोगों के कार्यकाल में पुल टूटा, उन्हें हम सत्ता में वापस नहीं आने देंगे.”

एनडीए में शामिल जेडीयू और बीजेपी पुल गिरने की घटनाओं को लेकर लगातार तेजस्वी यादव को घेर रही है. केंद्रीय मंत्री और जेडीयू नेता ललन सिंह ने कहा, “तेजस्वी यादव डेढ़ साल तक ग्रामीण विकास मंत्री रहे हैं. वह काम कर रहे थे कि मजा कर रहे थे, यह उन्हें बताना चाहिए.”

ये भी पढ़ेंः राजस्थान पेपर लीक के सरगना से है भोले बाबा का कनेक्शन! हाथरस कांड के लिए असामाजिक तत्वों को ठहराया था जिम्मेदार

उधर, केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने कहा, “मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहूंगा कि जो पुल गिरे हैं, उनकी जांच कराई जाए. वजह पता किया जाए. ये पुल कब बने थे. किसके समय बने थे. यह भी लोगों को बताएं. एक कमेटी बनाकर जांच करें.: वहीं, तेजस्वी को लेकर सिंह ने कहा, “वह शुरू से ही भ्रष्टाचार कर रहे हैं. यह सब करने में उन्हें आनंद आता है.” गौरतलब है कि राज्य में 18 जून से लेकर अभी तक 12 पुल जल समाधि ले चुके हैं. बुधवार (तीन जून) को रिकॉर्ड टूटते हुए सीवान में तीन और सारण में दो पुल गिर गए थे.

ज़रूर पढ़ें