JDU को ‘खेला’ होने का डर! Floor Test से पहले CM नीतीश ने विधायकों को पटना बुलाया

इस बीच, कांग्रेस के 19 में से 16 विधायक संभावित खरीद-फरोख्त के प्रयासों से बचने के लिए 4 फरवरी को हैदराबाद चले गए और शक्ति परीक्षण से एक दिन पहले 11 फरवरी को पटना लौट आएंगे.
CM Nitish Kumar

सीएम नीतीश कुमार (फाइल फोटो)

Floor Test: एनडीए में लौटने के करीब दो हफ्ते बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 12 फरवरी को विधानसभा में शक्ति परीक्षण का सामना करेंगे. विधानसभा कार्यक्रम के अनुसार, कार्यवाही सुबह 11 बजे अध्यक्ष के उद्घाटन भाषण के साथ शुरू होगी. राज्यपाल सुबह 11.30 बजे सत्र को संबोधित करेंगे, जिसके बाद कार्यवाही फिर से शुरू होगी. जदयू-एनडीए सरकार विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को हटाने के लिए एक प्रस्ताव ला सकती है, क्योंकि सरकार तो एनडीए की है लेकिन विधानसभा अध्यक्ष राजद के नेता ही हैं.

राजद कोटे के स्पीकर ने इस्तीफा देने से किया इनकार

पिछले हफ्ते स्पीकर ने अपने पद से हटने से इनकार कर दिया था. अवध बिहारी चौधरी ने घोषणा की थी कि विधानसभा सत्र शुरू होने तक वह इस्तीफा नहीं देंगे.प्रस्ताव पर फैसले के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा में अपनी सरकार के लिए विश्वास प्रस्ताव पेश करेंगे.इस बीच जेडीयू ने सभी विधायकों को पटना बुलाया है.

खबर के मुताबिक, शनिवार दोपहर नीतीश कुमार के करीबी मंत्री श्रवण कुमार के आवास पर दोपहर के भोजन का ना सिर्फ लुत्फ उठाएंगे बल्कि वहीं जदयू के विधायकों के साथ विश्वास मत को लेकर रणनीति भी बनेगी. इस कवायद के साथ ही जदयू तमाम अटकलों को विराम देने की कोशिश करेगा. दरअसल आरजेडी के कई नेताओं की ओर से लगातार ये दावा किया जा रहा है कि बिहार में 12 फरवरी को विधानसभा के अंदर विश्वास मत के दौरान खेला होगा.

कहीं न कहीं जेडीयू को इसी बात डर सता रही है. कहा जा रहा है कि नीतीश के बेहद करीबी मंत्री श्रवन कुमार के घर फ्लोर टेस्ट के लिए सीएम नीतीश कुमार खुद रणनीति बनाएंगे. आरजेडी की ओर से लगातार दावा किया जा रहा है कि फ्लोर टेस्ट के दौरान बिहार में खेला होगा.

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फिर से पलट गए थे नीतीश कुमार

243 सदस्यीय विधानसभा में 128 विधायकों वाले एनडीए की नैया पार लगने की संभावना है. महागठबंधन में शामिल राजद, कांग्रेस और वाम दलों के पास 114 विधायक हैं. विधानसभा में 79 विधायकों के साथ राजद सबसे बड़ी पार्टी है. 28 जनवरी को नीतीश कुमार ने महागठबंधन गठबंधन छोड़ दिया और एनडीए में फिर से शामिल हो गए.

इस बीच, कांग्रेस के 19 में से 16 विधायक संभावित खरीद-फरोख्त के प्रयासों से बचने के लिए 4 फरवरी को हैदराबाद चले गए और शक्ति परीक्षण से एक दिन पहले 11 फरवरी को पटना लौट आएंगे. कांग्रेस सूत्रों ने कहा था कि बीजेपी से ज्यादा उन्हें संदेह है कि जेडीयू उनके विधायकों को तोड़ने की कोशिश करेगी.

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