Delhi CM Atishi: आतिशी ने कहा,'आज मेरे मन में भरत की व्यथा है. भाजपा ने अरविंद केजरीवाल पर कीचड़ उछालने में कोई कसर नहीं छोड़ी. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जबतक दिल्ली वाले उनकी ईमानदारी साबित नहीं करते वो कुर्सी पर नहीं बैठेंगे और इस्तीफा दे दिया.
Manish Sisodiya: मनीष सिसोदिया ने रविवार को अपने बीते दिनों को याद किया और कहा कि दिल्ली शराब नीति 'घोटाले' में गिरफ्तारी के दौरान ईडी ने उनका बैंक खाता फ्रीज कर दिया था और इसके चलते उन्हें अपने बेटे की कॉलेज फीस के लिए 'भीख मांगने' को मजबूर होना पड़ा था.
Delhi Politics: शनिवार को साप्ताहिक जनता दरबार के पहले सेशन में केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सचदेवा के साथ मिलकर जनता दरबार लगाया थाा. उन्होंने कहा कि इस दौरान शहर के विभिन्न हिस्सों से कई लोग अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर बीजेपी कार्यालय पहुंचे थे.
अरविंद केजरीवाल ने अपने भाषण में अन्ना आंदोलन की याद दिलाई, जो 4 अप्रैल 2011 को जंतर मंतर से शुरू हुआ था. उन्होंने कहा कि तब की सरकार ने चुनौती दी थी कि चुनाव लड़कर दिखाओ, जिसे उन्होंने स्वीकार किया और जीत भी दर्ज की.
Arvind Kejriwal: सीएम अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा, "10 साल के बाद मैंने सीएम के पद से इस्तीफा दिया है. कुछ देर में मुख्यमंत्री आवास भी छोड़ दूंगा. आज दिल्ली में रहने के लिए मेरे पास घर भी नहीं है."
इस बंटवारे में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है. मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी के बाद सौरभ भारद्वाज और आतिशी को महत्वपूर्ण मंत्रालय सौंपे गए थे, और अब भी उनके पास ये मंत्रालय बने हुए हैं.
राघव चड्ढा ने जानकारी दी कि उन्होंने इस विषय में नोडल मिनिस्ट्री को पत्र भी लिखा है. उन्होंने कहा, "हमने नोडल मिनिस्ट्री को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि अरविंद केजरीवाल जी को सरकारी आवास उपलब्ध कराया जाए."
Rahul Gandhi: सचदेवा ने कहा कि राहुल गांधी पिछड़े वर्ग के खिलाफ बोलते हैं क्योंकि पीएम मोदी पिछड़े वर्ग से आते हैं.उनको इसका हिसाब देना होगा। हम मांग करेंगे कि उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो और हम उनके खिलाफ प्रदर्शन भी करेंगे.
मुकेश अहलावत को दलित समुदाय को साधने के उद्देश्य से कैबिनेट में शामिल किया गया है. हालांकि कुलदीप कुमार भी मंत्री पद के लिए एक संभावित उम्मीदवार थे, लेकिन अहलावत को प्राथमिकता दी गई. नॉर्थ-वेस्ट दिल्लीमें 10 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से 3 दलितों के लिए रिजर्व हैं.
अरविंद केजरीवाल ने इसे दिल्ली की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा रहा है. केजरीवाल ने अपने इस्तीफे की वजह बताते हुए कहा कि वह लोगों के फैसले का सम्मान करते हैं और उनकी राजनीति की ईमानदारी पर विश्वास करते हैं.