Delhi government: दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि 2018 के आदेश पर पुनर्विचार किया जाए, क्योंकि यह नियम केवल वाहनों की उम्र पर आधारित है, न कि उनके प्रदूषण स्तर पर.
होमो एन्टिसेसर वो आदिमानव थे जो आज से लगभग 12 लाख से 8 लाख साल पहले धरती पर रहते थे. ये हम आधुनिक इंसानों से थोड़े छोटे और मज़बूत होते थे. इनका दिमाग भी आज के इंसानों से थोड़ा छोटा था. वैज्ञानिकों का मानना है कि ये दाहिने हाथ का इस्तेमाल करते थे और शायद सांकेतिक भाषा भी बोलते थे.
Bihar News: नीतीश कुमार ने ऐलान किया कि पत्रकारों को दी जाने वाली पत्रकार सम्मान पेंशन राशि को 6 हजार प्रति माह से बढ़ाकर 15 हजार प्रति माह कर दिया गया है.
विवाद बढ़ने पर स्वामी अनिरुद्धाचार्य ने एक नया वीडियो जारी कर माफी मांगी. उन्होंने सफाई दी कि वायरल हुआ वीडियो AI से बनाया गया है और उनके मूल विचारों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है.
Election Commission: चुनाव आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को पत्र लिखकर SIR की तैयारी शुरू करने को कहा. कई CEO ने अपनी वेबसाइट पर पिछली बार हुए रिवीजन की मतदाता सूची डालना भी शुरू कर दिया है.
CJI गवई ने कहा कि जजों को वकीलों का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि अदालतें दोनों की साझा जगह हैं. उन्होंने जूनियर वकीलों को भी नसीहत दी, "कई बार देखता हूं कि 25 साल का वकील कुर्सी पर बैठा होता है और जब 70 साल के सीनियर वकील आते हैं, तो उठता भी नहीं. थोड़ी तो शर्म करो, सीनियर का सम्मान करो."
UP News: रिटायर्ड एयरफोर्स कर्मी अशोक जायसवाल सुबह करीब 5:30 बजे अपने नियमित दिनचर्या के अनुसार रेलवे स्टेडियम में स्विमिंग करने के लिए निकले थे. लेकिन सुबह 9 बजे तक जब वह घर नहीं लौटे.
इस युद्ध की पहली आहट एक आम आदमी ने पहचानी. मई 1999 में ताशी नामग्याल नाम के एक स्थानीय चरवाहे ने बटालिक इलाके में कुछ संदिग्ध हरकतें देखीं. उन्होंने देखा कि कुछ ऐसे लोग, जो आसपास के लग नहीं रहे थे, हमारी चोटियों पर डेरा डाल रहे थे. ताशी ने बिना देर किए भारतीय सेना को खबर दी.
ऐसी चर्चा है कि बीजेपी अपने ही दल से किसी कद्दावर नेता को इस पद पर चुनेगी. दिलचस्प बात यह है कि पार्टी किसी ओबीसी नेता पर भी दांव खेल सकती है. इस फेहरिस्त में एक नाम जो काफी चर्चा में है, वह है राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश का.
Kargil Vijay Diwas: मात्र 18 साल की उम्र में, योगेंद्र सिंह यादव ने ऐसी वीरता दिखाई कि उनका नाम इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया.