Kishtwar Encounter: जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई. इसमें 3 आतंकी मारे गए. इसके साथ ही 5 लाख रुपये का इनामी जैश कमांडर सैफुल्लाह भी ढेर हो गया
कांधला थाना इलाके में तैनात दारोगा वीरेंद्र सिंह पर आरोप है कि नशा तस्करी के मामले में उन्होंने 20 हजार रुपये घूस लिए थे. इसके बाद आरोपी दारोगा दलाल को धमकी भी दे रहे थे.
वेस्टर्न रेलवे ने के मुताबिक दोपहर के समय लगभग 5000 हजार लोगों ने धुलियान गंगा स्टेशन के पास ट्रैक जाम कर दिया था. भीड़ खुलेआम पुलिस की गाड़ी पर हमला कर रही है. भीड़ के हमले में 10 पुलिस कर्मी भी घायल हो गए हैं.
इंडियन कोस्ट गार्ड (ICG) ने नाव 'मा बसंती' पर अवैध तरीके से ले जाई जा रहीं लगभग 450 बोरी पकड़ी है. अब ICG मामले में आगे की जांच कस्टम विभाग को सौंपेगी.
2021 विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और अन्नाद्रमुक यानी (AIADMK) ने एकसाथ मिलकर चुनाव लड़ा था. लेकिन 2024 लोकसभा चुनाव में यह गठबंधन टूट गया और दोनों ही पार्टियां एक भी सीट नहीं जीत पाईं. जानकारों का मानना है कि वोट शेयर को देखते हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा और AIADMK को एकसाथ आने पर फायदा हो सकता है.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शिया समुदाय ने भी इस कानून के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की. जुमे की नमाज के बाद इमामबाड़े में शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद की अगुवाई में सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों के हाथों में तख्तियां थीं, जिन पर 'वक्फ संशोधन रद्द करो' जैसे नारे लिखे थे.
करीब 400 एकड़ का यह शहरी जंगल, जो न केवल विश्वविद्यालय का हिस्सा रहा है बल्कि सैकड़ों वन्य जीवों और जैव विविधता का घर भी, अब सरकार की विकास योजनाओं की ज़द में आ गया है.
कांग्रेस ने बिहार में बेरोजगारी और पलायन जैसे मुद्दों को लेकर नीतीश सरकार को घेरने के लिए यह पदयात्रा शुरू की थी. 16 मार्च को पश्चिम चंपारण के भितिहरवा आश्रम से शुरू हुआ यह सियासी सफर बिहार के तमाम जिलों से गुजरता हुआ पटना पहुंचा. प्लान था कि कार्यकर्ता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास का घेराव करेंगे, लेकिन डाकबंगला चौराहे पर पुलिस ने उन्हें रोक दिया. बस, यहीं से शुरू हुआ हंगामा.
अब एनआईए राणा से गहन पूछताछ करेगी. माना जा रहा है कि इस पूछताछ में मुंबई हमले से जुड़े कई अनसुलझे सवालों के जवाब मिल सकते हैं. क्या राणा पाकिस्तान की साजिश के और सबूत देगा? इस हमले के पीछे और कौन-कौन शामिल था? ये सवाल हर भारतीय के मन में हैं.
पीके की साफ-सुथरी छवि और विकास की बातें शहरी और युवा वोटरों को पसंद आ रही हैं. उनकी रैलियों में भीड़ इसका सबूत है. अगर पीके मुस्लिम और अति पिछड़ा वोटों को अपनी ओर खींच लेते हैं, तो RJD और JDU को बड़ा नुकसान हो सकता है. खासकर सीमांचल में, जहां मुस्लिम आबादी ज्यादा है, वे AIMIM के वोट भी काट सकते हैं.