US Election: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे सामने आ गए है. इस बार राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली. हालांकि, आखिरी में ट्रंप ने बहुमत का जादुई आंकड़े के साथ ऐतिहासिक जीत हासिल की है.
US Election: अमेरिका के 50 राज्यों से आए रिजल्ट में 29 राज्यों में रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप ने बजी मारी है. वहीं 16 में डेमोक्रेटिक पार्टी की कमला हैरिस को जीत मिली. राष्ट्रपति चुनाव के बीच ट्रंप 270 का आंकड़ा पार कर लिया है.
US Presidential Election 2024: नवंबर 2020 में जब अमेरिकियों ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान किया था तो वोटिंग के चार दिन बाद जो बाइडन को विजेता घोषित किया गया था. इसका सबसे बड़ा कारण था महत्वपूर्ण बैटलग्राउंड राज्यों में कांटे की टक्कर का होना.
Donald Trump: ट्रंप ने मंगलवार को प्रचार के आखिरी दिन मिशिगन में अपनी अंतिम रैली की. इस दौरान वह लगभग दो घंटों तक मंच से बिना रुके बोलते रहे. लेकिन अंत में वह स्टेज से उतरकर आम लोगों के बीच जाकर उनसे मिले.
External Affairs Minister S Jaishankar: बता दें कि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर ऑस्ट्रेलिया में हैं. एस जयशंकर के ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पेनी वोंग ने इन घटनाओं को भारतीय समुदाय के लिए "परेशान करने वाला" बताया.
Canada Crisis: कैनेडियन नेशनल काउंसिल ऑफ हिंदू के बैनर तले यह विरोध प्रदर्शन आयोजित किए गए. एक दिन पहले ही कनाडा में तमाम हिन्दू संगठनों ने बैठक की थी. जिसके बाद यह निर्णय लिया गया.
ब्रैम्पटन के प्रसिद्ध हिंदू सभा मंदिर में श्रद्धालुओं पर हमला हुआ. इस हमले में शामिल तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 23 वर्षीय विकास और 31 वर्षीय अमृतपाल सिंह के नाम सामने आए हैं.
US Election: अमेरिका के राष्ट्रपति के लिए 5 नवंबर को सुबह 7 बजे से 9 बजे (यूएस समय) के बीच मतदान केंद्र खुल जाएंगे. वहीं भारतीय समय के मुताबिक 5 नवंबर की शाम लगभग 4.30 बजे से मतदान शुरू होंगे जो अगले दिन 6 नवंबर की सुबह 6.30 बजे तक चलेंगे.
India-Canada Row: दरअसल, रविवार को खालिस्तानी समर्थकों ने ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर में भक्तों के एक समूह को निशाना बनाया है. इस घटना से हिंदुओं में बड़े स्तर पर आक्रोश फैल गया है.
ईरानी शासन ने इन प्रदर्शनों को दबाने के लिए हिंसा का सहारा लिया, जिसके परिणामस्वरूप कई मौतें हुईं. लेकिन महिलाओं ने अपने अधिकारों के लिए खड़े होने का साहस नहीं छोड़ा.