CG News: कांकेर से इस बस्ती की दूरी 35 किलोमीटर है. नरहरपुर ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले ग्राम रिसेवाड़ा के जंगल में पारधी जनजाति परिवार के 10 घर बने है. यहां रहने वालों की संख्या 35 है, लेकिन इनके घरों में कोई दरवाजा नहीं लगा है
Chhattisgarh Pitru Paksha tradition: छत्तीसगढ़ में पितृपक्ष की परंपरा 7 सितंबर से शुरू हो चुकी है और इसका समापन 21 सितंबर तक होगा. छत्तीसगढ़ में पितृपक्ष केवल श्राद्धकर्म तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक पर्व की तरह मनाया जाता है.
Ambikapur Tourist Place: अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत लिए छत्तीसगढ़ की गोद में बसा अंबिकापुर. यदि आप प्रकृति के करीब आना चाहते हैं और शांति का अनुभव करना चाहते हैं, तो अंबिकापुर आपके लिए एक परफेक्ट प्लेस है. जहां जाकर आपका दिल खुश हो जाएगा.
बस्तर के अबूझमाड़ में अनोखी परंपरा है. यहां लोग आत्माओं की पूजा करते हैं. इस परंपरा को आदिवासी समाज में 'आना कुड़मा' कहा जाता है. 'आना कुड़मा' का मतलब आत्मा का घर होता है.
छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के गाड़ाडीह गांव में किसान रमनलाल साहू के खेत में 6 फीट लंबी लौकी और सवा 3 फीट की बरबट्टी उगी है. जिसे देख लोगों की आंखें फटी की फटी रह गईं.
छत्तीसगढ़ अपनी संस्कृति, खान-पान और ऐतिहासिक धरोहर के लिए प्रसिध्द है. वहीं प्रदेश की ज्यादातर आबादी प्रकृति पर निर्भर है. ऐसे में अगर हम यहां के सबसे गरीब जिलों की बात करें, तो स्थिति चिंताजनक है. एक रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ का सबसे गरीब जिला बस्तर है.
Mata Lingeshwari Temple: छत्तीसगढ़ में एक ऐसा अनोखा मंदिर है, जो साल में सिर्फ एक बार ही खुलता है. इस मंदिर में खीरा का प्रसाद चढ़ाने से संतान की प्राप्ति होती है. संतान की खुशखबरी पाने के लिए यहां दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं. जानिए इस साल यह मंदिर कब खुलेगा और मंदिर को लेकर क्या मान्यता है.
Chhattisgarh: अपनी संस्कृति और परंपराओं के लिए मशहूर छत्तीसगढ़ खनिज संपदाओं से भरपूर है. जानिए छत्तीसगढ़ के 5 अमीर जिले कौन से हैं-
Gaurghat Waterfall: छत्तीसगढ़ का कोरिया जिला अपनी हरियाली, पहाड़ियों और स्वच्छ वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। इन्हीं प्राकृतिक सौंदर्य स्थलों में से एक है गौरघाट जलप्रपात, जो हसदेव नदी पर लगभग 70 से 80 फीट की ऊँचाई से गिरता है.
छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है, लेकिन यह हरी-भरी भाजियों का भी गढ़ है. यहां 36 प्रकार की भाजियां भी मिलती है. जिसे लोग बड़े चाव से खाते हैं.