Photos: छत्तीसगढ़ में कई जगहें ऐसी हैं, जो किसी अजूबे से कम नहीं हैं. अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए मशहूर छत्तीसगढ़ में कहीं उल्टा पानी बहता है तो कहीं जमीन उछलती है. इतना ही नहीं एक ऐसा झरना भी है, जहां से गर्म पानी गिरता है. आज विश्व पर्यटन दिवस पर जानें छत्तीसगढ़ की ऐसी अनोखी जगहों के बारे में-
छत्तीसगढ़ का बिलासपुर जिला एक औद्योगिक शहर के रूप में विकसित हुआ है. शहर को उद्योग में आगे बढ़ाने में इन 5 लोगों का अहम योगदान है.
नवरात्रि में धर्मनगरी कवर्धा के मंदिरों में भी विशेष पूजा-अर्चना की जा रही है. वहीं जिले के सूरजपुरा गांव स्थित मां राजोदाई मंदिर की मान्यता के लिए प्रसिध्द है. सबरीमाला मंदिर की तरह इस मंदिर में भी महिलाओं के प्रवेश पर रोक है. मान्यता के अनुसार, 10 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं मंदिर के भीतर प्रवेश नहीं कर सकती.
छत्तीसगढ़ के सरगुजा में स्वच्छ भारत मिशन के तहत मैनपाट में देश का पहला ग्रामीण गार्बेज कैफे खोला गया है. इससे न केवल शहर को साफ रखने में मदद मिलेगी बल्कि महिलाओं को रोजगार का अवसर भी मिलेगा.
Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ को भारत की 'खनिज राजधानी' के नाम से भी जाना जाता है. छत्तीसगढ़ आज से नहीं बल्कि कई सदी पहले से ही प्राकृतिक और खनिज संपदा से समृद्ध राज्य माना गया है. यह राज्य उपजाऊ धरती, जंगल और नदीं के साथ-साथ अलग-अलग खनिज संसाधनों से परिपूर्ण है. जानिए यहां कौन-कौन से मिनरल्स मिलते हैं-
Bastar Shardiya Navratri 2025: देश भर में शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो गई है. आज पहले दिन जगह-जगह पर धूमधाम से माता रानी का स्वागत किया जा रहा है. इस मौके पर छत्तीसगढ़ के बस्तर में किन्नर सामज ने खास परंपरा निभाई.
Shardiya Navratri 2025 Darshan: इस शारदीय नवरात्रि करिए छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध देवी मंदिरों के दर्शन. इन सभी मंदिरों की अलग-अलग मान्यता है. जानिए इन मंदिरों के बारे में-
Chhattisgarh 52th shakti peeth: छत्तीसगढ़ के बस्तर में नवरात्रि बड़ें धूमधाम से मनाई जाती है. वहीं आराध्य देवी माई दंतेश्वरी के मंदिर में भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है. ये माता के 52 शक्तिपीठों में एक शक्तिपीठ है, जहां माता सती का दांत गिरा था. इसी कारण से मंदिर का नाम दंतेश्वरी पड़ा है.
Mahishasur Puja Reason: जशपुर जिले में एक अनोखी परंपरा निभाई जाती है. यहां मनौरा विकासखंड में कुछ समुदाय ऐसे हैं, जो महिषासुर को अपना पूर्वज मानते हैं और नवरात्रि के दौरान उनकी विशेष पूजा करते हैं. ये लोग इसे छल मानते हैं. उनका मानना है, कि देवताओं ने मिलकर उनके पूर्वज की हत्या की थी. यही कारण है कि वे दुर्गा पूजा से दूर रहते हैं.
छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में स्थित नानकसागर गांव को “पिंक विलेज” कहा जाता है. यह गांव स्वच्छता और सामाजिक जागरूकता का प्रतीक बन चुका है.