Maha Kumbh 2025: महाकुंभ एक ऐसा धार्मिक मेला है जो 12 साल पर एक बार आता है. यह देश की चार प्रमुख नदियों- गंगा, यमुना, गोदावरी और शिप्रा के तट पर आयोजित किया जाता है.
कथानुसार, एक बार माता पार्वती अपने स्वर्ण मणि को नदी में खेलते हुए खो बैठीं, जो बहते हुए पाताल लोक में पहुंच गई. भगवान शिव ने मणि को ढूंढने के लिए अपने गणों को भेजा, लेकिन वे मणि को नहीं खोज पाए. इस पर भगवान शिव अत्यधिक क्रोधित हो गए...
Maha Kumbh 2025: महाकुंभ में पुलिस से लेकर अखाड़े और VVIP तक के लिए अलग-अलग रंग के e-Pass जारी किए जा रहे हैं. जारी होने वाले e-Pass के लिए कोटा निर्धारित किया जा रहा है.
Maha Kumbh 2025: पौराणिक मान्यता है कि महाकुंभ में स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. यहीं कारण है कि धर्म और आस्था के इस मेले में दुनिया भर से लोग आते हैं. महाकुंभ में आने से लेकर इसमें स्नान के कड़े नियम हैं.
इस साल अजमेर शरीफ में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का 813वां उर्स मनाया जा रहा है. यह उत्सव 28 दिसंबर से शुरू हुआ है. इस उर्स के दौरान दरगाह पर लाखों लोग अपनी श्रद्धा अर्पित करने के लिए आते हैं. हर साल की तरह इस बार भी पीएम मोदी ने चादर भेजी है.
Maha Kumbh 2025: 114 साल बाद तीर्थनगरी प्रयागराज में पूर्ण कुंभ का दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है. महाकुंभ प्रत्येक 12 साल पर लगता है. इस बार महाकुंभ में कुल 6 शाही स्नान हैं. इसमें स्नान करने से भक्तों को पुण्य मिलता है.
फिलहाल, बिहार की राजनीति में जो कलह और विरोधाभास नजर आ रहे हैं, वे राज्य की राजनीति में आने वाले समय में महत्वपूर्ण मोड़ ला सकते हैं.
बाबा का असली नाम हरिश्चंद्र विश्वकर्मा है, और वे उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले से हैं. 50 वर्षीय हरिश्चंद्र बचपन से ही आध्यात्मिकता की ओर आकर्षित थे, लेकिन परिवार के डर के कारण वे अपनी बातों को खुलकर नहीं कह पाते थे. 16 साल की उम्र में उन्होंने समाज में फैली बुराइयों और नफरत के खिलाफ आवाज उठाने का फैसला किया और घर छोड़ दिया.
Delhi Election: दिल्ली सरकार के विभाग ने 2100 रुपए की घोषणा के मामले में एलजी सचिवालय ने डिविजनल कमिश्नर से जांच करने को कहा है. सचिवालय ने कहा है कि किस तरह गैर सरकारी लोग लोगों का निजी डेटा इकट्ठा कर रहे हैं.
वायुदेव तेजपुंज के पास पहुंचे और उन्होंने अपनी शक्ति का अभिमान करते हुए कहा, "मैं अतिबलवान हूं, मैं ही प्राणों का स्रोत हूं, और मेरी शक्ति के आगे किसी की भी नहीं चल सकती." यह सुनकर तेजपुंज रूपी देवी दुर्गा ने वायुदेव से कहा, "अगर तुम सचमुच इतने शक्तिशाली हो, तो इस तिनके को हिलाकर दिखाओ."