Ambikapur: 50 लाख की लागत से बने महामाया गेट पर सियासत, कांग्रेस के बाद BJP के मंत्री-विधायकों ने किया उद्घाटन
Ambikapur: अंबिकापुर में मां महामाया प्रवेश द्वार को लेकर एक बार फिर राजनीति शुरू हो गई है. पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री TS सिंह देव के द्वारा महामाया गेट का उद्घाटन किया गया था लेकिन आज फिर भाजपा के केबिनेट मंत्री केदार कश्यप सहित विधायकों ने महामाया गेट का फिर से उद्घाटन किया. इस गेट के निर्माण के दौरान भी बीजेपी कांग्रेस के बीच खूब राजनीति हुई थी लेकिन अब जब यह गेट बनकर तैयार हो गया है तब भी राजनीति रुकने का नाम नहीं ले रहा है.
50 लाख की लागत से बने महामाया गेट पर सियासत
वोट बैंक की राजनीति के लिए राजनीतिक दल कुछ भी करने से गुरेज नहीं करते हैं, जिसे देखकर आप शर्मिंदा हो जाएं लेकिन नेताओं को कोई शर्म नहीं आता. ऐसा इसलिए क्योंकि अंबिकापुर में मां महामाया मंदिर जाने वाले रास्ते में नगर निगम के द्वारा करीब 50 लाख की लागत से प्रवेश द्वार का निर्माण कराया गया है. निर्माण पूरा हो चुका है. इस पर कांग्रेस के नेताओं और नगर निगम के पदाधिकारियो के द्वारा आचार संहिता लगने से पहले आनन फानन में 7 जनवरी को प्रवेश द्वार का उद्घाटन पूर्व उपमुख्यमंत्री TS सिंह देव के माध्यम से कराया गया. कांग्रेस के नेताओं का दावा है कि इस कार्यक्रम में भाजपा के पदाधिकारियो व सांसद विधायक को भी बुलाया गया था लेकिन वे नहीं पहुंचे.
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पहले कांग्रेस फिर बीजेपी ने की किया उद्घाटन
इसके बाद आज 15 जनवरी को फिर से प्रवेश द्वार का उद्घाटन भाजपा ने किया. कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप, महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के साथ अंबिकापुर के विधायक और दूसरे नेता मौजूद रहे. माना जा रहा है कि आगामी नगरीय निकाय चुनाव में दोनों राजनीतिक दल इस प्रवेश द्वार के निर्माण पर श्रेय लेने के लिए इस तरह की राजनीति कर रहे हैं.
वोट बैंक के लिए राजनीति कर रही पार्टी
बहरहाल शहर के लोग समझ रहे हैं कि दोनों दल के लोग अपना वोट बैंक बनाने के चक्कर में महामाया प्रवेश द्वार को राजनीति का अखाड़ा बना लिए लेकिन देखने वाली बात होगी कि आखिर इसका फायदा किस पार्टी को कितना मिलता है.
मां महामाया प्रवेश द्वार पर जहां राजनीति हों रहीं है वहीं दूसरी तरफ भाजपा के नेताओं और मंत्रियों ने कहा है कि अंबिकापुर रेलवे स्टेशन से महामाया मंदिर तक कारिडोर का निर्माण किया जायेगा और सभी विधायक व सरकार इसमें अपना योगदान करेंगे लेकिन देखने वाली बात होंगी कि इस राजनीति का किसको कितना फायदा होगा.