Chhattisgarh: नगर निवेश कार्यालय में चल रहा था रिश्वतखोरी का धंधा, ACB ने 35 हजार रुपये के साथ 2 लोगों को दबोचा

Chhattisgarh News: अंबिकापुर में स्थित नगर निवेश कार्यालय में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है. जहां क्रेशर प्लांट लगाने और एनओसी जारी करने के एवज में 35 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए सहायक संचालन और मानचित्रकार को गिरफ्तार किया है.
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गिरफ्तार आरोपी

Chhattisgarh News: अंबिकापुर में स्थित नगर निवेश कार्यालय में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है. जहां क्रेशर प्लांट लगाने और एनओसी जारी करने के एवज में 35 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए सहायक संचालन और मानचित्रकार को गिरफ्तार किया है.  मानचित्रकार ने एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारियों को पूछताछ में बताया कि सहायक संचालन ने उसे रिश्वत लेने के लिए कहा था, वह पूरा पैसा अकेले नहीं रखता. इसके कारण दोनों को गिरफ्तार किया गया है.

एंटी करप्शन ब्यूरो का अंबिकापुर के दफ्तर में अंबिकापुर निवासी वसीम बारी ने शिकायत किया था कि बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर में उसका जमीन है जिस पर वह क्रेशर प्लांट लगाना चाहता था. इस पर वहां के एसडीएम ने नगर निवेश दफ्तर से एनओसी लेने के लिए उसे यहां भेजा था. 15 दिन पहले उसने इसके लिए यहां आवेदन किया. पूरे दस्तावेज जमा करने के बाद भी गुरुवार को 35 हजार रुपये की मांग की गई थी.

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ACB की टीम रंगे हाथों दबोचा

जिसके बाद वसीम बारी ने तत्काल एंटी करप्शन ब्यूरो में इसकी शिकायत किया तो ब्यूरो की टीम ने नगर निवेश कार्यालय में छापा मारा. इस दौरान 35 हजार रुपये रिश्वत लेते सहायक संचालक और मानचित्रकार रंगे हाथ धराए. इसके बाद डीएसपी प्रमोद कुमार खेस की टीम ने सहायक संचालक बाल कृष्ण चौहान व मानचित्रकार नीलेश्वर कुमार धुर्वे को दबोच लिया और टीम दोनों के घर भी जांच के लिए गई.

बता दें कि एंटी करप्शन ब्यूरो ने यह कार्रवाई दोपहर दो बजे से शुरू किया था और शाम को पूछताछ के साथ खत्म हुई. इस दफ्तर में नक्शा पास करने के एवज में रिश्वतखोरी में मोटा रकम लेने के कारण लोग नक्शा और लेआउट पास कराने से बचते हैं और यही वजह है कि शहर में सैकड़ो मकान बिना टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के द्वारा बिना नक्शा पास किए बनाए गए हैं.

आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज

डीएसपी प्रमोद कुमार खेस ने बताया कि मानचित्रकार के हाथ में ज़ब पीड़ित ने रिश्वत दिया इसके बाद सहायक संचालक को बताया कि पैसे दे दिए हैं तो सहायक संचालन ने कहा कि ठीक है, मतलब साफ है कि दफ़्तर में सभी रिश्वत के पैसे आपस में बांटते थे. दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है.

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