Bemetara Blast: 30 घंटे से ज्यादा हो चुके, बेमेतरा में ब्लास्ट के दौरान यूनिट में रहने वाले मजदूर अब भी लापता
Bemetara Blast: बेमेतरा के स्पेशल ब्लास्ट फैक्ट्री में हुए हादसे ने पूरे देश को हिला कर रख दिया. शनिवार सुबह 7:57 बजे बारूद फैक्ट्री के पीईटीएन यूनिट में जोरदार धमाका हुआ. धमाका इतना जोरदार था कि दो मंजिला बिल्डिंग जमीनदोज़ हो गई. वहां काम करने वाले लोगों के चिथड़े उड़ गए. धमाका हुए 30 घंटे से ज्यादा का वक्त हो गया है, लेकिन अब तक जिला प्रशासन और फैक्ट्री प्रबंधन हादसे में लापता हुए लोगों का पता नहीं लगा पाया है. मलबे में दबे लोग जिंदा है या मर गए हैं, ये अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है.
हादसे के दिन शनिवार को प्रशासन ने सात लोगों के घायल होने की पुष्टि की थी जिसमें एक मजदूर की इलाज के दौरान मौत हो गई. वहीं एक घायल मजदूर गंभीर हालत में है. बाकी घायल सामान्य स्थिति में हैं. इसके अलावा आज प्रशासन ने 7 लोगों की लापता होने की भी पुष्टि कर दी है. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान मलबा हटाकर इनकी तलाश की जा रही है. लापता हुए लोगों के परिजन आक्रोशित हैं. परिजन लगातार नारेबाजी और प्रदर्शन कर रहे हैं. परिजन लगातार प्रशासन से लापता हुए की लोगों की खबर पूछ रहे हैं हालांकि प्रशासन के तरफ से उन्हें कुछ भी जवाब नहीं दिया जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक जिस जगह हादसा हुआ वहां 8 से 10 कर्मचारी काम कर रहे थे. बारूद फटने से कर्मचारियों के चिथड़े उड़ गए. विस्फोट की आवाज ने आसपास के गांव वाले दहल गए. पास की यूनिट में काम कर रहे मजदूरों ने बताया कि हम काम कर रहे थे तभी बड़ा धमाका हुआ. उसके बाद भूकंप का झटका जैसा महसूस हुआ. धमाके का सीसीटीवी वीडियो भी सामने आया है जिसमें साफ तौर पर देखा जा रहा है कितना भयानक यह धमाका था. वहीं दूसरी यूनिट में काम कर रहे सभी मजदूर उछलकर दूसरी जगह जा गिरे. आसमान में धुआं का गुब्बारा छा गया. दो मंजिला बिल्डिंग का कंक्रीट ईट 1 से 2 किलोमीटर तक उड़कर जा गिरे. आसपास की यूनिट के सेट हवा में उड़ रहे थे. बता दे कि जिस यूनिट में यह हादसा हुआ वहां लगभग 700 से 800 लोग काम करते थे. हादसे के शिकार हुए लोग सुबह के शिफ्ट में ड्यूटी करने गए हुए थे.
घटना के बाद SDRF और NDRF की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई है. बेमेतरा के एसपी रामकृष्ण साहू और कलेक्टर रणवीर शर्मा मौके पर बने हुए हैं. वहीं हादसे के बाद प्रदेश के उप मुख्यमंत्री अरुण साव और साजा विधायक ईश्वर साहू भी ब्लास्ट फैक्टरी पहुंचकर स्थिति का जायजा लिए थे. प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने घटना की मजेष्ट्रीयल जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही उन्होंने मृतक के परिजन को 5 लाख रुपए देने और घायलों को 50-50 हजार रुपए देने का ऐलान किया.
एक्सपर्ट्स की माने तो फैक्ट्री में बनने वाली बारूद टेट्रानाइट्रेट (पीईटीएन) हाईली एक्सप्लोसिव है. ऐसे विस्फोटकों से शरीर के चीथड़े उड़ने में 0.10 सेकेंड से भी कम का समय लगता है. फैक्ट्री में एडवांस्ड विस्फोटक बनाया जा रहा था. इसका उपयोग ब्लास्टिंग कैंप और अन्य विस्फोटक उपकरणों के निर्माण में किया जाता है. इसे माइंस 20 डिग्री में भी कम तापमान में रखा जाता है. अधिक तापमान में यह फट जाता है. धमाके की वजह शायद इस तापमान को मेंटेन ना कर पाना भी हो सकती है.
बता दें कि जिस फैक्ट्री में यह हादसा हुआ, इस फैक्ट्री को वर्ष 2022 में बंद कर दिया गया था. प्रशासन में फैक्ट्री में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं पाया था. कुछ ही महीने बाद फैक्ट्री को फिर से शुरू कर दिया गया. लेकिन सुरक्षा के इंतजाम में कोई सुधार नहीं पाया गया. स्थानीय ग्रामीणों ने तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारी और फैक्ट्री प्रबंधन के बीच सांठगाठ का आरोप लगाते हुए बिना सुरक्षा मानक के फैक्ट्री संचालक की अनुमति दिए जाने का आरोप लगाया.
फैक्ट्री के बाहर यूनिट में काम करने वाले परिजन धरने पर बैठ गए हैं. वह लगातार एसपी, कलेक्टर और नेताओं से ये ही पूछ रहे हैं कि उनका बेटा-पिता भाई या चाचा कहां हैं. शनिवार की रात ग्रामीण फैक्ट्री के में गेट पर बैठे रहे. ग्रामीण का कहना है कि उनके अपने लोग काम पर आए हुए थे लेकिन अभी तक वापस नहीं लौटे हैं और न ही प्रशासन उनके बारे में कोई खबर दे रही है. यहां तक की ग्रामीणों से प्रशासन बात तक नहीं कर रही है.
स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड फैक्ट्री देश में बारूद सप्लाई करने के मामले में देश की टॉप-18 हाई एक्सप्लोसिव फैक्ट्री में शामिल है. यहां अमोनियम नाइट्रेट, PETN यानि पेंटाएरीथ्रिटोल टेट्रानाइट्रेट, TNT यानि ट्राइनाइट्रो टॉल्विन और डायनामाइट जैसे खतरनाक विस्फोटकों का निर्माण होता है.