Bijapur: 3 दिन से लापता पत्रकार मुकेश चंद्राकर का मिला शव, सेप्टिक टैंक खोदकर FSL की टीम ने निकाला, ठेकेदार पर हत्या का शक
Bijapur: बीजापुर जिले के जांबाज पत्रकार मुकेश चंद्राकर का शव मिला है. वह तीन दिनों से लापता थे. शुक्रवार को सड़क ठेकेदार के घर के पीछे एक सेप्टिक टैंक से FSL की टीम ने उनका शव खोदकर निकाला है. मुकेश के परिवार ने सड़क ठेकेदार पर उनके मर्डर का शक जताया है. पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है.
पत्रकार मुकेश चंद्राकर का मिला शव
नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के बीजापुर जिले के जाबांज पत्रकार मुकेश चंद्राकर तीन दिनों से लापता थे. तीन दिनों बाद शुक्रवार को उनका शव मिला है. पत्रकार मुकेश का शव सड़क ठेकेदार के घर के पीछे स्थित एक सेप्टिक टैंक से मिला है. FSL की टीम ने टैंक को खोदकर शव बाहर निकाला.
कौन हैं मुकेश चंद्राकर?
जांबाज पत्रकार मुकेश चंद्राकर Vistaar News के रिपोर्टर यूकेश चंद्राकर के भाई हैं. वह अपनी तेज-तर्रार रिपोर्टिंग के साथ-साथ देश के किसी भी कोने से बीजापुर में कवरेज के आने वाले सभी पत्रकारों की मदद और खाना खिलाने के लिए हमेशा आगे रहते थे. वह मशहूर युट्यूबर भी थे. ‘बस्तर जंक्शन’ नाम के यूट्यूब चैनल पर उनके खूब फॉलोअर्स हैं.
तीन दिन से लापता थे पत्रकार मुकेश
Vistaar News के रिपोर्टर यूकेश चंद्राकर के भाई तीन दिन से लापता थे. युकेश ने बताया कि 1 जनवरी 2025 की शाम युकेश और मुकेश दोनों भाइयों की बात हुई थी. इसके बाद अगली सुबह जब युकेश अपने भाई मुकेश के कमरे में गए तो देखा कि वह वहां पर नहीं थे. उनका मोबाइल भी स्विच्ड ऑफ बता रहा था. युकेश ने आसपास के लोग, दोस्तों और दूसरे पत्रकार साथियों से भी मुकेश के बारे में जानकारी ली. कहीं कुछ भी पता नहीं चलने पर यूकेश काफी परेशान हो गए.
कहीं पर भी पता नहीं चलने पर युकेश ने थाने में शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद पुलिस ने जांच तेज की और तीसरे दिन उनका शव मिला.
पूछताछ में जुटी पुलिस
3 जनवरी की शाम पत्रकार मुकेश चंद्राकर का शव बीजापुर के चट्टानपारा बस्ती में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के परिसर में एक टंकी के अंदर से बरामद किया गया. इसके बाद शव का पंचनामा तैयार कर फॉरेंसिंक जांच की जा रही है. इस मामले में पुलिस कई संदिग्धों से पूछताछ कर रही है.
अपनी जान पर खेलकर बचाई थी जवानों की जान
जाबांज पत्रकार मुकेश चंद्राकर कई बार अपनी जान की बाजी लगाकर नक्सलियों के चंगुल में फंसे जवानों की जान बचा चुके हैं. साल 2021 में बड़ी नक्सली मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ में 23 जवान शहीद हो गए थे. इस मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों ने एक जवान को कैद कर लिया था. इसकी जानकारी मिलने के बाद जाबांज पत्रकार मुकेश चंद्राकर नक्सलियों के पास गए और आग्रह कर जवान को रिहा कराया था.