क्या भ्रष्टाचार को उजागर करने की पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने चुकाई कीमत? किया था सड़क घोटाले का पर्दाफाश, अब सेप्टिक टैंक में मिली लाश
Bijapur: बीजापुर में साहसी पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. लापता पत्रकार मुकेश का शव तीन दिन बाद एक सेप्टिक टैंक में मिला. यह शव उस पत्रकार का था, जो नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में जांबाज रिपोर्टिंग करता था. वही पत्रकार, जिसने बिना अपनी जान की परवाह किए नक्सलियों के पास से जवानों की जान बचाई. पत्रकार मुकेश की हत्या तब हुई, जब कुछ दिनों पहले ही उन्होंने सड़क ठेकेदार द्वारा किए गए भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया था.
भ्रष्टाचार का मामला उजागर
करीब एक सप्ताह पहले बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया था. मुकेश चंद्रकार ने नेलशनार, कुडोली और मिरतुर के सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया था. जानकारी के मुताबिक इस सड़क का निर्माण करी 56 करोड़ में होना था, लेकिन यह बढ़कर अचानक 120 करोड़ हो गया. उसके बाद भी सड़क गुवत्ताहीन बनी.
इस सड़क निर्माण का ठेका ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के पास था. बताया जा रहा है कि इस भ्रष्टाचार को उजागर करने की बात से ठेकेदार और उसके परिवार के सदस्य मुकेश से नाराज थे. दोनों के बीच विवाद भी हुआ था.
न्यू ईयर की शाम से गायब
पत्रकार मुकेश चंद्राकर 1 जनवरी 2025 की साम से लापता थे. 3 जनवरी की शाम उनका शव बीजापुर के चट्टानपारा बस्ती में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के परिसर में एक टंकी के अंदर से बरामद किया गया. यह वही ठेकेदार है, जिसके खिलाफ मुकेश ने भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया था. इस मामले में पुलिस को ठेकेदार सुरेश पर हत्या का शक है. पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. सभी से पूछताछ की जा रही है.
कौन थे पत्रकार मुकेश चंद्राकर?
बीजापुर के जांबाज पत्रकार मुकेश चंद्राकर नक्सलियों के गढ़ में साहसी पत्रकारिता के लिए मशहूर थे. पत्रकार मुकेश Vistaar News के रिपोर्टर यूकेश चंद्राकर के भाई थे. वह अपनी तेज-तर्रार रिपोर्टिंग के लिए पूरे देश में जाने जाते थे. मुकेश चंद्राकर मशहूर यूट्यूबर भी थे. ‘बस्तर जंक्शन’ नाम से उनका एक यूट्यूब चैनल भी है, जिसे लाखों की संख्या में लोग देखना पसंद करते थे. इस चैनल पर उनके खूब फॉलोअर्स थे.
जान पर खेलकर बचाई थी जवान की जान
मुकेश चंद्राकर ने कई बार अपनी जान की परवाह किए बिना नक्सलियों के चंगुल से जवानों को छुड़ाया भी है. इस बात को पूरे देश ने तब जाना जब साल 2021 में बड़ी नक्सली मुठभेड़ हुई. इस नक्सली मुठभेड़ में 23 जवान शहीद हो गए थे. मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों ने एक जवान को कैद भी कर लिया था. इसकी जानकारी मिलने के बाद जाबांज पत्रकार मुकेश चंद्राकर नक्सलियों के पास गए और आग्रह कर जवान को रिहा कराया था. जवान को बाइक पर बैठाकर जब मुकेश वापस आए तो पूरे देश ने उनके साहस को सलाम किया.
ठेकेदार के ठिकानों पर एक्शन
पत्रकार मुकेश चंद्राकर मर्डर केस में बड़ा एक्शन लिया गया है. प्रशासन की टीम शनिवार को मर्डर केस के आरोपी सड़क ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के साइट पर पहुंची. यहां बुलडोजर कार्रवाई की गई.
पत्रकारों ने किया चक्काजाम
पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के विरोध में शनिवार को बस्तर संभाग के पत्रकार बड़ी संख्या में एकजुट हुए और चक्का जाम किया. धरने पर बैठे पत्रकारों ने मुकेश चंद्राकर मर्डर केस के आरोपियों की गिरफ्तारी और ठेकेदार की वैध-अवैध सभी संपत्तियों की कुर्क करने की मांग की. साथ ही सभी सरकारी टेंडर निरस्त कर बैंक खाते सीज करने की भी मांग की.