पत्रकार मुकेश चंद्राकर की बेरहमी से हत्या; तोड़ी गईं 5 पसलियां-सिर पर 15 फ्रैक्चर, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे

Bijapur: पत्रकार मुकेश चंद्राकर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में लीवर के 4 टुकड़े, सिर पर 15 फ्रैक्चर, टूटी हुई 5 पसलियां, फटा हुआ हार्ट मिलने की बात सामने आई है.
bijapur

मुकेश चंद्राकर मर्डर केस

Bijapur: बस्तर संभाग के पत्रकार मुकेश चंद्राकर (Mukesh Chandrakar Murder Case) की बेरहमी से हत्या का खुलासा हुआ है. इस मर्डर केस में एक तरफ लगातार एक्शन लिए जा रहे हैं. दूसरी तरफ सेप्टिक टैंक से बरामद हुए बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है. रिपोर्ट में लीवर के 4 टुकड़े, सिर पर 15 फ्रैक्चर, टूटी हुई 5 पसलियां, फटा हुआ हार्ट मिलने समेत कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं.

मुकेश चंद्राकर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट

पत्रकार मुकेश चंद्राकर के साथ आरोपियों ने बर्बरता की. उनकी बेरहमी से हत्या का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक मुकेश चंद्राकर का लीवर 4 टुकड़ों में मिला है. साछ ही उनकी 5 पसलियां टूटीं हुई पाई गई हैं. इतना ही नहीं सिर पर 15 फ्रैक्चर, हार्ट फटा हुआ, टूटी हुई गर्दन, कॉलर बोन टूटी और बाईं कलाई पर निशान मिला है.

बेरहमी से हत्या

पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों के मुताबिक आरोपियों ने सबसे पहले मुकेश पर पीछे से वार किया था. जब वह गिर गया तो उस पर लगातार वार किए गए. आरोपियों ने इतनी बुरी तरह मुकेश पर वार किया कि कुछ ही पलों ने में उसने दम तोड़ दिया.

शरीर के हर हिस्से में चोट

पत्रकार मुकेश चंद्राकर के शव का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने बताया कि आरोपियों ने उसके शरीर के किसी भी हिस्से को नहीं छोड़ा. मुकेश के शरीर के सभी हिस्सों में चोट के निशान पाए गए हैं.

नहीं देखा ऐसा शव

डॉक्टरों ने यह भी बताया कि आज तक उन्होंने अपने करियर में किसी भी शव को इतनी बुरी हालत में नहीं देखा.

दो से ज्यादा लोगों ने की हत्या

अब तक इस मर्डर केस में सामने आई जानकारी के मुताबिक आरोपी रितेश और उसके साथी महेंद्र रामटेके ने इस हत्या को अंजाम दिया है, लेकिन पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि किसी को इतनी ज्यादा चोट पहुंचाना सिर्फ 2 व्यक्तियों के लिए संभव नहीं दिखता है. मौके पर आरोपियों की संख्या और भी ज्यादा रही होगी.

ये भी पढ़ें- Mukesh Chandrakar Murder Case: आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर हैदराबाद से गिरफ्तार, हो सकते हैं कई बड़े खुलासे

सेप्टिक टैंक से मिला था पत्रकार मुकेश का शव

बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर 1 जनवरी 2025 की शाम से लापता थे. 3 जनवरी को 2025 बीजापुर के चट्टानपारा बस्ती में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के परिसर में एक सेप्टिक टैंक के अंदर से उनका बरामद किया गया था.

चार आरोपियों की गिरफ्तारी

इस मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया गया है. अब तक चार आरोपियों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है. शनिवार को मर्डर केस के तीन आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्रकार के भाई रितेश चंद्राकर, दिनेश चंद्राकर और महेंद्र रामटेके को गिरफ्तार किया था. सोमवार सुबह फरार ठेकेदार सुरेश चंद्राकर को भी हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया गया है.

डिनर पर बुलाकर हत्या

पत्रकार मुकेश के रिश्ते में लगने वाले भाई रितेश चंद्राकर ने 1 जनवरी 2025 की रात कॉल पर बातचीत के बाद मुकेश को डिनर पर बुलाया. दोनों ने बीजापुर के चट्टान पारा स्थित ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के बाड़े में डिनर शुरू किया. इस दौरान आरोपी रितेश ने मुकेश से पारिवारिक सबंध होने के बावजूद उनके काम में बाधा डालने की बात कही. रितेश ने कहा कि मुकेश को रिश्तेदार होने के नाते उनके काम में मदद करनी चाहिए. दोनों के बीच इस बात को लेकर बहस हुई.

सेप्टिक टैंक में दफना दिया शव

बहस के दौरान आरोपी रितेश ने पहले से ही प्लान करके बाड़े में रखे लोहे की रॉड से पत्रकार मुकेश के सिर, छाती, पेट और पीठ पर हमला कर दिया. इस दौरान आरोपी रितेश के सहयोगी महेंद्र रामटेके ने भी उसका साथ दिया. दोनों ने मुकेश को इतनी बेरहमी से मारा की मौके पर ही मुकेश की मौत हो गई. इसके बाद उन्होंने तीसरे आरोपी को इसकी जानकारी दी और शव को मिलकर सेप्टिक टैंक में दफना दिया.

पढ़ें पूरी खबर- पत्रकार मुकेश चंद्राकर मर्डर केस में बड़ा खुलासा, रिश्ते में भाई रितेश ने डिनर पर बुलाकर कर दी हत्या, इस वजह से हुई थी बहस

कौन थे पत्रकार मुकेश चंद्राकर?

बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर जांबाज थे. नक्सलियों के गढ़ में साहसी पत्रकारिता के लिए उन्हें देशभर में जाना जाता था. नक्सलियों के गढ़ में भी वह तेज-तर्रार रिपोर्टिंग करते थे. ‘बस्तर जंक्शन’ नाम से उनका एक यूट्यूब चैनल भी है, जिसे लाखों की संख्या में लोग देखना पसंद करते थे. इस चैनल पर उनके खूब फॉलोअर्स थे.

ये भी पढ़ें- कौन थे बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर? जिनकी सेप्टिक टैंक में मिली डेड बॉडी, न्यू ईयर की शाम अचानक हुए थे लापता

जान पर खेलकर बचाई थी जवान की जान

मुकेश चंद्राकर चंद्राकर सिर्फ अपनी रिपोर्टिंग के लिए ही नहीं मशहूर थे. उन्होंने कई बार अपनी जान की परवाह किए बिना नक्सलियों के चंगुल से जवानों को छुड़ाया भी है. इस बात को पूरे देश ने तब जाना जब साल 2021 में बड़ी नक्सली मुठभेड़ हुई. इस नक्सली मुठभेड़ में 23 जवान शहीद हो गए थे. मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों ने एक जवान को कैद भी कर लिया था. इसकी जानकारी मिलने के बाद जाबांज पत्रकार मुकेश चंद्राकर नक्सलियों के पास गए और आग्रह कर जवान को रिहा कराया था. जवान को बाइक पर बैठाकर जब मुकेश वापस आए तो पूरे देश ने उनके साहस को सलाम किया.

मर्डर केस पर राजनीति

इस मर्डर केस को लेकर राजनीति भी जारी है. आरोपी सुरेश चंद्राकर का कांग्रेस कनेक्शन सामने आया है. इसे लेकर BJP और कांग्रेस दोनों आमने-सामने हैं.

क्या भ्रष्टाचार को उजागर करने की पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने चुकाई कीमत? किया था सड़क घोटाले का पर्दाफाश, अब सेप्टिक टैंक में मिली लाश

ज़रूर पढ़ें