बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के बाद एक्शन मोड में CM साय, बोले- बख्शा नहीं जाएगा

Bijapur: बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर के मर्डर केस को लेकर CM विष्णु देव साय एक्शन मोड में आ गए हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा.
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पत्रकार मुकेश चंद्राकर

Bijapur: नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर संभाग के बीजापुर जिले से जनता तक खबर पहंचाने वाले पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या कर दी गई है. तीन दिन से लापता जांबाज पत्रकार मुकेश चंद्राकर का डेड बॉडी एक सेप्टिक टैंक से बरामद हुई है. इस घटना को लेकर प्रदेश के CM विष्णु देव साय एक्शन मोड में आ गए हैं. उन्होंने कहा कि आरोपी को किसी भी हाल में बक्शा नहीं जाएगा.

एक्शन मोड में CM साय

CM विष्णु देव साय ने पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या पर शोक जताया है. साथ ही एक्शन मोड में आते हुए अधिकारियों को सख्त निर्देश भी दिए हैं. उन्होंने कहा-‘बीजापुर के युवा और समर्पित पत्रकार मुकेश चंद्राकर जी की हत्या का समाचार अत्यंत दु:खद और हृदयविदारक है. मुकेश जी का जाना पत्रकारिता जगत और समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है. इस घटना के अपराधी को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा. अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कड़ी से कड़ी सजा देने के निर्देश हमने दिए हैं. ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें और शोक संतप्त परिजनों को इस दुःख की घड़ी में संबल प्रदान करें. ऊं शांति’

पत्रकार मुकेश चंद्राकर का मिला शव

छत्तीसगढ़ के जांबाज और साहसी पत्रकार मुकेश चंद्राकर तीन दिनों से लापता थे. न्यू ईयर यानी 1 जनवरी 2025 की शाम अचानक लापता हो गए थे. तीन दिनों से लगातार उनकी तलाश की जा रही थी. शुक्रवार शाम को बीजापुर के चट्टानपारा बस्ती में सड़क ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के परिसर में एक टंकी के अंदर से बरामद किया गया. मुकेश के परिवार को सड़क ठेकेदार पर मुकेश की हत्या का शक है. पुलिस ने शव का पंचनामा तैयार कर फॉरेंसिंक जांच शुरू कर दी है. साथ ही इस मामले में पुलिस कई संदिग्धों से पूछताछ कर रही है.

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1 जनवरी की शाम हुए थे लापता

पत्रकार मुकेश Vistaar News के रिपोर्टर यूकेश चंद्राकर के भाई थे. वह अपनी तेज-तर्रार रिपोर्टिंग के लिए पूरे देश में जाने जाते थे. 1 जनवरी 2025 की शाम युकेश और मुकेश दोनों भाइयों की बात हुई थी. इसके बाद अगली सुबह जब युकेश अपने भाई मुकेश के कमरे में गए तो देखा कि वह वहां पर नहीं थे. उनका मोबाइल भी स्विच्ड ऑफ बता रहा था.

जान पर खेलकर बचाई थी जवान की जान

मुकेश चंद्राकर सिर्फ अपनी रिपोर्टिंग के लिए ही नहीं मशहूर थे. उन्होंने कई बार अपनी जान की परवाह किए बिना नक्सलियों के चंगुल से जवानों को छुड़ाया भी है. इस बात को पूरे देश ने तब जाना जब साल 2021 में बड़ी नक्सली मुठभेड़ हुई. इन नक्सली मुठभेड़ में 23 जवान शहीद हो गए थे. मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों ने एक जवान को कैद भी कर लिया था. इसकी जानकारी मिलने के बाद जाबांज पत्रकार मुकेश चंद्राकर नक्सलियों के पास गए और आग्रह कर जवान को रिहा कराया था. जवान को बाइक पर बैठाकर जब मुकेश वापस आए तो पूरे देश ने उनके साहस को सलाम किया.

पत्रकार मुकेश चंद्राकर एक मशहूर यूट्यूबर भी थे. ‘बस्तर जंक्शन’ नाम से उनका एक यूट्यूब चैनल था, जिसमें उनके खूब सारे फॉलोअर्स थे.

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