Bilaspur में छह बार कांग्रेस का महापौर तो 3 बार BJP का परचम, इस बार किसके हाथों में जाएगी ‘शहर सरकार’?
Bilaspur : छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं. सरकार ने इस बार महापौर के लिए प्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली करने की घोषणा कर दी है. बिलासपुर के लोग इससे खासे उत्साहित हैं. उनका कहना है कि उन्हें अपने महापौर को चुनने का अवसर मिल रहा है यह बड़ी बात है. कांग्रेस भी इस चुनाव प्रक्रिया से सहमत है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी पर नगरीय निकाय चुनाव को जानबूझकर देरी से करने का आरोप लगा रही है. इधर BJP ने प्रत्यक्ष प्रणाली को अच्छा निर्णय बताया है. जानिए बिलासपुर नगर निगम चुनाव का इतिहास-
बिलासपुर नगर निगम चुनाव
नगरीय निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस का कहना है कि छत्तीसगढ़ में जनता फिलहाल भारतीय जनता पार्टी के कामकाज से खुश नहीं है. तेजी से अपराध बढ़ रहे हैं. इसके अलावा कई सरकारी योजनाओं का लाभ ठीक तरह से लोगों तक नहीं पहुंच रहा है, जिसके कारण ही भारतीय जनता पार्टी यह चाह रही है की देरी से चुनाव हो और तब उन्हें इसका फायदा मिलेगा. कांग्रेस का कहना है कि उनकी तैयारी तेज हो गई है और एक बेहतर कैंडिडेट देने का प्रयास भी जारी है. दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी कहते हैं कि प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव एक अच्छा निर्णय है और बिलासपुर के लोग एक युवा नेतृत्व चाहते हैं ताकि उनकी सोच से बिलासपुर का विकास और अच्छा हो.
जानिए इतिहास
बिलासपुर जिले में नगर निगम के इतिहास को देखें तो प्रत्यक्ष प्रणाली से हुए चुनाव में अब तक तीन बार भारतीय जनता पार्टी के महापौर चुनकर आए हैं. वहीं, अप्रत्यक्ष प्रणाली से छह बार कांग्रेस के नेताओं को महापौर बनने का मौका मिला है. कुल मिलाकर भारतीय जनता पार्टी के लिए प्रत्यक्ष प्रणाली का चुनाव लकी रहा है.
साल 2000 में पहली बार प्रत्यक्ष चुनाव
बिलासपुर में साल 2000 में पहली बार यहां के लोगों को मेयर चुनने का मौका मिला था और उसे वक्त उमाशंकर जायसवाल भारतीय जनता पार्टी से महापौर बने थे. शहर में इस दौरान ही भारतीय जनता पार्टी का कैंडिडेट पहली बार चुन कर आया था. इसी तरह 2005 के चुनाव में अशोक पिंगले महापौर बने थे. कुल मिलाकर प्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव में भाजपा को ही फायदा मिलते आया है.
ये भी जान लीजिए
- बिलासपुर में 1983 से 2024 तक नजर डालें तो सबसे पहले 1983 में कांग्रेस पार्टी के अशोक राव मेयर बने.
- उनके बाद कांग्रेस के ही श्री कुमार.
- श्री कुमार के बाद कांग्रेस के बलराम सिंह.
- बलराम सिंह के बाद राजेश पांडे.
- इनके बाद साल 2000 में भारतीय जनता पार्टी का खाता खुला और उमाशंकर जायसवाल मेयर बने.
- उनके बाद भारतीय जनता पार्टी के अशोक पिंगले मेयर बने.
- उनके बाद फिर विनोद सोनी.
- उनके बाद कांग्रेस से वादी राव फिर भारतीय जनता पार्टी से किशोर राय और उसके बाद कांग्रेस के रामशरण यादव फिलहाल बिलासपुर के मेयर हैं.
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