CG Budget Session: PM आवास पर भिड़े बघेल-शर्मा, आंकड़ों पर उठाया सवाल, फिर विपक्ष ने किया वॉक आउट

CG News: पीएम आवास को लेकर एक बार भी सदन में जमकर हंगामा देखने को मिला. खासकर सदन में पेश किए गए पीएम आवास के आकंड़ों में एकरूपता नहीं होने को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा और हंगामा करते हुए सदन से वॉक आउट किया.
CG Assembly Budget Session

CG Assembly Budget Session: प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर सूबे में सियासी घमासान मचता रहा है. पीएम आवास को लेकर एक बार भी सदन में जमकर हंगामा देखने को मिला. खासकर सदन में पेश किए गए पीएम आवास के आकंड़ों में एकरूपता नहीं होने को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा और हंगामा करते हुए सदन से वॉक आउट किया.

भूपेश बघेल ने उठाया पीएम आवास का मुद्दा

बजट सत्र के प्रश्नकाल में पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने पीएम आवास के मामले पर सवाल उठाते कहा, कि पीएम आवास को लेकर आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2024-25 के आंकड़े और सदन में पंचायत मंत्री द्वारा दिए गए आंकड़े में भारी अन्तर है.

पीएम आवास के आंकड़ों पर एक नजर

(कांग्रेस कार्यकाल में)

आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2024-25 के अनुसार

साल 2018-19 में स्वीकृत आवास 348960 और पूर्ण आवास 339747,

साल 2019-20 में स्वीकृत आवास 151098 और पूर्ण आवास 136770

साल 2020-21 में स्वीकृत आवास 157811 और पूर्ण आवास 125188

साल 2021-22 में स्वीकृत आवास 00 और पूर्ण आवास 00

साल 2022-23 में स्वीकृत आवास 78998 और पूर्ण आवास 62456

(बीजेपी सरकार की कार्यकाल में)

साल 2023-24 में स्वीकृत आवास 00 और पूर्ण आवास 00
साल 2024-25 में स्वीकृत आवास 553444 और पूर्ण आवास 06

पंचायत मंत्री द्वारा सदन दिए गए आंकड़े

साल 2018 में स्वीकृत आवास 348153 और पूर्ण आवास 307414,

साल 2019 में स्वीकृत आवास 152639 और पूर्ण आवास 220095

साल 2020 में स्वीकृत आवास 154524 और पूर्ण आवास 33792

साल 2021 में स्वीकृत आवास 3559 और पूर्ण आवास 47728

साल 2022 में स्वीकृत आवास 1742 और पूर्ण आवास 10485

साल 2023 में स्वीकृत आवास 79771 और पूर्ण आवास 109489

साल 2024 में स्वीकृत आवास 670663 और पूर्ण आवास 165620

बीजेपी सरकार में 18 लाख आवास को मिली मंजूरी

बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने साल 2015 में गरीबों को आवास उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की. इस योजना में 2011 की जनगणना को आधार मानते हुए सभी राज्यों के लिए पीएम आवास बनाने लक्ष्य निर्धारित किए गए.इसके तहत छत्तीसगढ़ में कुल 18 लाख पीएम आवास स्वीकृत किए गए. इस योजना के तहत हितग्राहियों को केंद्र सरकार 60 फ़ीसदी राशि उपलब्ध कराती है. वहीं राज्य सरकार को 40 फ़ीसदी राज्यांश के रूप में देना होता है. इस योजना में हर साल के लिए एक लक्ष्य तय किए जाते हैं, जिसके तहत राज्य सरकार अपने हिस्से के राज्यांश जमा करना होता है, इसके अनुरूप केंद्र पीएम आवास की स्वीकृति प्रदान करती है. कांग्रेस सरकार में पीएम आवास में काम नहीं होने का आरोप लगाते हुए तत्कालीन पंचायत मंत्री टी एस सिंहदेव ने विभाग से इस्तीफा दे दिया था. जिसे मुद्दा बनाकर बीजेपी ने कांग्रेस सरकार को लगातार घेरा. जिसका फायदा भी चुनाव बीजेपी को मिला. वहीं सत्ता में आते ही साय कैबिनेट की पहली बैठक में ही 18 लाख पीएम आवास को मंजूरी दी गई.

भूपेश बघेल ने सरकार पर लगाए आरोप

वहीं आज पीएम आवास को लेकर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा, प्रश्नकाल में सदन में प्रधानमंत्री आवास का साधारण प्रश्न पूछा गया. 2016 रमन कार्यकाल में प्रधानमंत्री आवास का काम पूरा नहीं हुआ. कांग्रेस पर आरोप लगाया गया कि कांग्रेस शासनकाल में कोई काम नहीं हुआ.आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर 2021-22 में प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुए थे. 6 लाख से अधिक प्रधानमंत्री आवास कांग्रेस कार्यकाल में बने. आंकड़ों के अनुसार सरकार का झूठ पकड़ा गया. 2011 के सर्वे सूची के आधार आवास योजना बनी थी. सदन में उपमुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास पर सबको गुमराह किया.

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सरकार 18 लाख आवास बनाने का कर रही काम विजय शर्मा

वहीं पंचायत मंत्री विजय शर्मा ने कहा, छत्तीसगढ़ में कुल 11 लाख से अधिक प्रधानमंत्री आवास बने हैं. सरकार का 18 लाख आवास बनाने का काम कर रही है। भूपेश कार्यकाल में 3 लाख प्रधानमंत्री आवास बने हैं. छत्तीसगढ़ में कुल 11 लाख 58 हजार 919 आवास बने है। साय सरकार में 2 लाख से अधिक आवास बनाए गए. केंद्र ने 17 राज्यों को आवास प्लस में आवास दिए हैं। भूपेश सरकार ने सभी आवास को अमान्य कर दिया था.

बहरहाल, पीएम आवास के आकंड़े को लेकर सदन में खूब हंगामा हुआ. पूर्व सीएम ने तो यह तक कह दिया कि उपमुख्यमंत्री के पास उत्तर नहीं था इसलिए प्रवचन दे रहे थे.वहीं डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने पलटवार करते हुए कहा उनके कार्यकाल का वर्णन करेंगे तो पूरा कथा कहना पड़ेगा.वहीं कथा और प्रवचन के बीच अब देखना होगा कि पात्र गरीब हितग्राहियों को कब तक उनका आवास मिल पाता है..??

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