CG Budget Session: छात्रावास में बच्चों की मौत पर सदन में जोरदार हंगामा, विपक्ष ने आंकड़े छिपाने का लगाया आरोप

CG Budget Session: छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र जारी है, बजट सत्र के पंद्रहवें दिन बस्तर संभाग के छात्रावास आश्रमों में बच्चों की मौत के मामले में सदन में जमकर हंगामा हुआ.
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CG Budget Session: छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र जारी है, बजट सत्र के पंद्रहवें दिन बस्तर संभाग के छात्रावास आश्रमों में बच्चों की मौत के मामले में सदन में जमकर हंगामा हुआ.

सरकार की ओर से तीन साल में 25 मौत का आंकड़ा बताया गया जबकि विपक्ष के आंकड़े कहीं ज्यादा होने की बात कही. विपक्ष ने सरकार पर मौत के आंकड़े छिपाने का आरोप लगाया जिस पर मंत्री के टिपण्णी से नाराज विपक्ष ने बहिर्गमन कर दिया.

सदन में गूंजा आदिवासी छात्रावासों में बच्चों की मौत का मुद्दा

बजट सत्र के 15वें दिन आश्रम और छात्रावासों में बच्चों की मौत का मुद्दा सदन में गूंजा. हंगामा इतना बढ़ा कि विपक्ष ने नाराजगी जताते हुए सदन से वाकआउट कर दिया. बस्तर संभाग के आश्रम-छात्रावासों में बच्चों की मौत का मुद्दा कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल ने उठाया उन्होंने कहा कि छात्रावासों में बच्चे सुरक्षित नहीं है. उन्होंने सदन में बच्चों के मौत की जानकारी मांगी. उन्होंने कहा कि आदिवासी बच्चों की सुरक्षा को लेकर सरकार गंभीर नहीं है.

मंत्री केदार कश्यप ने दिया जवाब

रामविचार नेताम की गैरमौजूदगी में सवाल का जवाब आज भारसाधक मंत्री केदार कश्यप ने दिया. बताया कि साल 2024–25 में 2 बच्चों की मौत हुई है, वहीं 2022 से 2025 तक कुल 25 बच्चों की मौत अलग अलग कारणों से हुई है जिसपर विधायक लखेश्वर बघेल ने नाराजगी जताई और कहा कि जवाब गलत है.सरकार पर छात्रावास में बच्चों की मौत का आंकड़ा छुपा रही है..सरकार जो आंकड़े बता रही है, उससे कहीं ज्यादा मौतें हुई है.सरकार के द्वारा उपलब्ध जानकारी के अतिरिक्त 10 और मौतों का उन्होंने दावा किया.

CG Assembly Budget Session 2025 : सदन में गूंजा आदिवासी छात्रावासों में बच्चों की मौ*त का मामला...

विपक्ष ने किया वॉकआउट

सदन में प्रश्नकाल के दौरान का अमूमन विपक्ष के नेता ही सत्ता पक्ष के मंत्रियों को घूरते नजर आते हैं. 15 वे दिन की कार्रवाई में आज एक बार फिर से बस्तर का मुद्दा गरमाया और जवाब से नाखुश नजर आए और वॉक आउट किया.आदिवासी क्षेत्र में आश्रम और छात्रावास में मौत का मामला आगे क्या रंग लेता है और क्या वाकई में सरकार बच्चों की मौत को छिपाने चाहती है यह आने वाला वक्त बताएगा.

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