CG Coal Scam: CBI का बड़ा एक्शन, बिलासपुर-रायगढ़ में दी दबिश, जांच जारी

CG Coal Scam: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला घोटाले मामले में CBI ने बड़ा एक्शन लिया है. CBI की 50 सदस्य टीम ने बिलासपुर और रायगढ़ में दबिश दी है.
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फाइल इमेज

CG Coal Scam: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला घोटाले मामले में CBI ने बड़ा एक्शन लिया है. CBI की 50 सदस्य टीम ने बिलासपुर और रायगढ़ में दबिश दी है.

कोयला घोटले में CBI का एक्शन

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस कार्यकाल में हुए करोड़ों के कोयला घोटाले मामले में CBI की टीम बिलासपुर पहुंची. 50 से अधिक सदस्य दो अलग-अलग हिस्सों में बंटे हैं और कोल घोटाला मामले की जांच कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ के कांग्रेस कार्यकाल में हुए करोड़ों रुपए के कोयला घोटाले मामले में बिलासपुर के कई कांग्रेसी नेताओं के अलावा कोयले के कारोबारी से भी पूछताछ चल रही है. सीबीआई की तरफ से इस पर औपचारिक बयान तो जारी नहीं किया गया है लेकिन भीतर ही भीतर बिलासपुर के अलावा रायगढ़ बिलासपुर और सरगुजा जिले के कुछ जगहों पर सीबीआई की टीम सक्रिय है और लगातार अधिकारियों से पूछताछ जारी है.

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50 सदस्यों की टीम कर रही जांच

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकाल में हुए कोयला घोटाले की जांच की SECL अधिकारियों तक भी पहुंच गई है. बिलासपुर मुख्यालय सहित अन्य जगह पहुंचकर सीबीआई की टीम यहां हुए कोयले के प्रोडक्शन और उनके डिस्पैच के दस्तावेज खंगाल रही है. जानकारी देते चले कि कोयला घोटाले में दो अलग-अलग तरह की जांच जारी है. CBI की एक टीम कांग्रेस नेताओं के कार्यकाल में हुए घोटाले में पूछताछ कर रही है. शनिवार को सीबीआई की टीम बिश्रामपुर के कोयला खदान में गई थी और वहां भी कुछ दस्तावेज इकट्ठा किया गया है. कुल मिलाकर दो अलग-अलग तरह की जांच सीबीआई कर रही है और जानकारी बता रहे हैं कि इस लिंक बनाकर कांग्रेस और कंपनी के अधिकारियों का तार जोड़ने का प्रयास चल रहा है.

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छत्तीसगढ़ का कोयला घोटाला

छत्तीसगढ़ में अवैध कोल लेवी वसूली का मामला ईडी की रेड में सामने आया था. छत्तीसगढ़ के चर्चित कोयला घोटाला को लेकर ED की माने तो छत्तीसगढ़ में 500 करोड़ रुपए से ज्यादा का कोयला घोटाला हुआ है. यह घोटाला साल 2020 से 2022 तक किया गया है. जिसमें पता चला कि कोल परिवहन में कोल व्यापारियों से वसूली करने के लिए ऑनलाइन मिलने वाले परमिट को ऑफलाइन कर दिया गया था. खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक IAS समीर बिश्नोई ने 15 जुलाई 2020 को इसके लिए आदेश जारी किया था. इसके लिए सिंडिकेट बनाकर वसूली की जाती थी. पूरे मामले का मास्टरमाइंड किंगपिन कोल व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया. जो व्यापारी 25 रुपए प्रति टन के हिसाब से अवैध रकम सूर्यकांत के कर्मचारियों के पास जमा करता था. उसे ही खनिज विभाग पीट पास और परिवहन पास जारी करता था.

इस तरह से स्कैम कर कुल 570 करोड़ रुपए की वसूली की गई. जिसमें सौम्या चौरसिया और रानू साहू भी पूरी तरह से संलिप्त थी. प्रवर्तन निदेशालय ने अब तक इसके खुलासे के लिए सैकड़ों जगह छापेमारी करने के बाद मामले में कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. जिसमें बड़े बड़े अधिकारी भी शामिल हैं जैसा कि हम आपको बता चुके हैं. इन सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद और अब जो पूरा घटनाक्रम हो रहा है, उसके बाद बड़े-बड़े काले कारनामें करने वालों की धड़कने बढ़ी हुई हैं.

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