CG Local Body Election: टिकट बंटवारे के बाद बीजेपी-कांग्रेस की बढ़ी टेंशन! कार्यकर्ता जता रहे विरोध, बैलेंस करने में जुटी पार्टियां

CG Local Body Election: छत्तीसगढ़ में निकाय चुनाव का बिगूल फूंका जा चुका है. राजनीतिक पार्टियों ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा भी कर दी है, लेकिन प्रत्याशियों की घोषणा ने राजनीतिक दलों के सामने एक बड़ी समस्या पैदा कर दी है. बीजेपी हो या फिर कांग्रेस, प्रदेश के कई स्थानों में कार्यकर्ताओं की नाराजगी फूट रही है.
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बीजेपी-कांग्रेस

CG Local Body Election: छत्तीसगढ़ में निकाय चुनाव का बिगूल फूंका जा चुका है. राजनीतिक पार्टियों ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा भी कर दी है, लेकिन प्रत्याशियों की घोषणा ने राजनीतिक दलों के सामने एक बड़ी समस्या पैदा कर दी है. बीजेपी हो या फिर कांग्रेस, प्रदेश के कई स्थानों में कार्यकर्ताओं की नाराजगी फूट रही है. अब इस बीच दोनों ही दल कार्यकर्ताओं को संतुष्ट करने में लगे हुए हैं. कार्यकर्ताओं में संतुलन के इस प्रयास ने सियासत-दानो को नया मुद्दा दे दिया है, जिससे प्रदेश का राजनीति थर्मामीटर हाई हो गया है.

टिकट बंटवारे के बाद BJP-कांग्रेस के कार्यकर्ता जता रहे विरोध

निकाय चुनाव में टिकट बंटवारे के बाद बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के कार्यकर्ताओं की नाराजगी सामने आई है. प्रदेश के कई क्षेत्रों में कार्यकर्ता टिकट वितरण का विरोध कर रहे है. जहां एक तरफ धमतरी के बीजेपी कार्यालय में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड की, वहीं सुकमा जिले में बीजेपी के पूर्व जिला अध्यक्ष समेत 18 लोगों ने प्रत्याशी चयन के बाद पार्टी से इस्तीफा दिया है. तो वहीं किसी कांग्रेस कार्यकर्ता ने थामा दूसरे पार्टी का दामन थाम लिया है. और कई कांग्रेस प्रत्याशियों ने नामांकन वापस लिया है.

किसी ने छोड़ी पार्टी, तो किसी ने थामा नई पार्टी का दामन

वहीं प्रत्याशी चयन के बाद दोनों ही पार्टियों को खासा विरोध का सामना करना पड़ रहा है. प्रत्याशी के घोषणा के बाद सुकमा में बीजेपी के 18 कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा दे दिया.बीजापुर और दंतेवाड़ा में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने मिल रहा है.दंतेवाड़ा जिले के गीदम में बीजेपी को विरोध का सामना करना पड़ा.अध्यक्ष पद का टिकट न मिलने से भाजपा कार्यकर्ता विनोद साहू ने निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. धमतरी में तो बात इतनी बढ़ गई कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने कार्यालय में जमकर तोड़फोड़ कर दी. दूसरी ओर कांग्रेस में भी कई बागी स्वर सुनाई पड़ रहे हैं. प्रत्याशियों के घोषणा होने के तुरंत बाद ही प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने टिकट वितरण का विरोध शुरू कर दिया था. कटघोरा में कांग्रेस प्रत्याशी सीता बाई पटेल और कोरबा नगर निगम के वार्ड 18 से कांग्रेस प्रत्याशी हरीश ने अपना नामांकन वापस ले लिया है. मानपुर मोहला अंबागढ़ चौकी के जिला अध्यक्ष अनिल मानिकपुरी ने अपने लगभग 30- 40 समर्थकों के साथ कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया.

कार्यकर्ताओं को बैलेंस करने में जुटी पार्टियां

इस्तीफों और विरोध के बीच दोनों ही दलों ने अपने कार्यकर्ताओं संतुष्ट करने की कवायत शुरू करदी है, लेकिन दोनों ही दल के नेता एक- दूसरे के संगठन को कमजोर बताने में कोई भी कमी नहीं छोड़ रहे हैं.बीजेपी प्रदेश स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन करने जा रही है. इनडोर स्टेडियम में मुख्यमंत्री कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देते हुए नजर आए. वहीं कांग्रेस ने अपने जिला अध्यक्षों नगर पालिका नगर निगम और नगर पंचायत स्तर पर बैठक करने के निर्देश दे दिए हैं,

बीजेपी-कांग्रेस के नेता एक-दूसरे पर कस रहे तंज

वहीं कार्यकर्ताओं की नाराजगी पर सियासी बयान बाजी तेज है. छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को अपने नेतृत्व के प्रति भरोसा नहीं है इसलिए कांग्रेस में इस प्रकार की गतिविधियां हो रही है. पीसीसी दीपक बैज ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा कार्यकर्ता खुलकर आरोप लगा रहे हैं कि पैसों में टिकट बिक रहा है.कांग्रेस में विरोध हो रहा है लेकिन किसी ने कार्यालय में आज नहीं लगाया. बीजेपी में टिकट का बंदरबाट हुआ है और यह बीजेपी का दुर्भाग्य है. कांग्रेस के आरोपों पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहावत के जरिए तंज कसा है.

कार्यकर्ताओं के बिना चुनावी डगर पार कर पाना संभव नहीं है. इसलिए कार्यकर्ताओं को साधने में दोनों ही दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. इस अंतर्कलह और दलीय गुटबाजी के बीच जनता को अपने पक्ष में करना भी पार्टियों को लिए एक बड़ी चुनौती है.इन तमाम चुनौतियों को बीच किसके हाथ जीत का परचम लगता है और किसे हार का सामना करना पड़ता है इसका निर्णय जनता करेगी.

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