Bijapur: भालू के बाद बाघ से क्रूरता, शिकारियों के लगाए तार में फंसकर हुआ घायल, इलाज जारी

CG News: छत्तीसगढ़ के बीजापुर ज़िले के इंद्रावती टाइगर रिज़र्व के बफर ज़ोन से एक घायल बाघ का रेस्क्यू किया गया है. बाघ की उम्र करीब पाँच से छह साल है और वह बेहद नाज़ुक हालत में मिला है.
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बाघ घायल

CG News: छत्तीसगढ़ के बीजापुर ज़िले के इंद्रावती टाइगर रिज़र्व के बफर ज़ोन से एक घायल बाघ का रेस्क्यू किया गया है. बाघ की उम्र करीब पाँच से छह साल है और वह बेहद नाज़ुक हालत में मिला है.

बाघ के शरीर पर गहरे जख्म, इलाज जारी

बाघ के पिछले दोनों पैरों में गहरे ज़ख्म पाए गए हैं, जो शिकारी द्वारा लगाए गए फंदे में फंसने की वजह से हुए. ज़ख्मों में सड़न और कीड़े तक पड़ चुके थे. वन विभाग की टीम ने 16 और 17 अप्रैल की दरम्यानी रात बाघ को ट्रैंकुलाइज़ कर फंदा हटाया और उसे इलाज के लिए रायपुर की जंगल सफारी भेजा गया.

घटना बीजापुर बफर रेंज के कांदुलनार, मोरमेड़ और तोयनार गाँवों के बीच के घने जंगलों में हुई. रेस्क्यू के दौरान लिए गए वीडियो और तस्वीरों में वनकर्मी बाघ को फंदे से निकालते और तार काटते हुए नज़र आ रहे हैं. यह दृश्य एक सुनियोजित शिकार की साज़िश की ओर इशारा करता है.

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कुछ हफ्ते पहले बाघ ने ली थी युवक की जान

इस घटना से कुछ हफ्ते पहले, कांदुलनार गांव के सर्वे कन्ना नामक व्यक्ति की बाघ के हमले में मौत हो गई थी. शुरुआत में बताया गया कि वह महुआ बीनने गया था, लेकिन अब तक मौजूदा सूत्रों की मानें तो आदिवासी युवक कन्ना, महाराष्ट्र से आए शिकारियों के साथ बाघ की रेकी कर रहा था और उसी घायल बाघ ने, जो तार में फंसा हुआ था, कन्ना पर हमला कर उसकी जान ले ली.

इस पूरी घटना ने वन विभाग की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. यह सिर्फ एक घायल बाघ की कहानी नहीं है, बल्कि यह वन्यजीव संरक्षण की कमजोरियों और शिकारियों की बढ़ती सक्रियता का गवाह भी है. अब ज़रूरत है कि दोषियों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई हो और जंगलों की निगरानी व्यवस्था को और मज़बूत किया जाए.

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