पूर्व IAS अनिल टुटेजा के घर CBI रेड की वजह का खुलासा, आलोक शुक्ला और सतीश चंद्र वर्मा के खिलाफ भी FIR दर्ज
फाइल इमेज
CG News: सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के एक दिन बाद ही CBI की टीम ने एक बार फिर पूर्व IAS अनिल टूटेजा पर शिकंजा कसा है. शुक्रवार को अनिल टुटेजा के ठिकानों पर CBI की टीम ने रेड मारी थी, जिसके कारणों का खुलासा हो गया है.
नान घोटाला में 3 पर FIR दर्ज
CBI की टीम ने नान घोटाले की जांच को प्रभावित करने पर पूर्व IAS अनिल टुटेजा,आलोक शुक्ला और पूर्व AG सतीश चंद्र वर्मा के खिलाफ FIR दर्ज की है. नान घोटाला मामले में जांच के लिए FIR दर्ज होने के बाद अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला के घरों पर शुक्रवार को छापेमारी की गई थी. छापेमारी में कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद हुए थे.
शराब घोटाला मामले में हुई थी गिरफ्तारी
अनिल टुटेजा को शराब घोटाला मामले में 21 अप्रैल 2024 को ED ने गिरफ्तार किया था. ED के मुताबिक भूपेश बघेल सरकार के समय 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का शराब घोटाला किया गया. इस मामले में अनिल टुटेजा के अलावा आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था.
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने शराब घोटाले में एक साल से ज्यादा समय तक न्यायिक हिरासत में रहने के आधार पर अनिल टुटेजा को सशर्त जमानत दी थी, लेकिन उन्हें केवल ED के केस में राहत मिली है. उनके खिलाफ EOW ने भी केस दर्ज किया है, जिसकी वजह से जमानत मिलने के बाद भी वह जेल में ही हैं.
क्या है नान घोटाला?
छत्तीसगढ़ में नागरिक आपूर्ति निगम (नान) के जरिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली का संचालन होता है. 12 फरवरी साल 20215 में ACB की टीम ने नान के मुख्यालय सहित अधिकारियों-कर्मचारियों के 28 ठिकानों पर छापा मारा था. छापे में करोड़ों रुपए कैश, कथित भ्रष्टाचार से संबंधित कई दस्तावेज, डायरी, कम्प्यूटर हार्ड डिस्क समेत कई दस्तावेज बरामद हुए थे. आरोप है कि नान ने राइस मिलों से लाखों क्विंटल घटिया चावल खरीदा और इसके बदले करोड़ों रुपए की रिश्वत ली गई. चावल के भंडारण और परिवहन में भी भ्रष्टाचार किया गया.
ये भी पढ़ें- Korba: गिड़गिड़ाते रहे मजदूर, पीटता गया ठेकेदार और लगा दिया करंट, VIDEO वायरल