कांग्रेस ने कराई बस्तर के राजा की हत्या, प्रवीर चंद्र भंजदेव को याद कर Amit Shah ने क्यों कही ये बात?

CG News: अमित शाह ने कहा कि प्रवीर चंद्र ने जनजातियों के जल जंगल जमीन और संस्कृति के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी. उनकी लोकप्रियता कांग्रेस के आकाओं को सहन नहीं हुई और साजिश के तहत उनकी हत्या कर दी गई.
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गृह मंत्री अमित शाह

CG News: देश के गृह मंत्री अमित शाह आज बस्तर दौरे पर थे और दंतेवाड़ा में बस्तर पंडुम में शामिल हुए इस दौरान उन्होंने लाल आतंक के खात्मे की बात कही साथ ही साय सरकार के काम भी गिनाये. उन्होंने नक्सलियों से हथियार छोड़कर मुख्य धारा में लौटने की अपील की. लेकिन इन सब के साथ उन्होंने बस्तर के राजा प्रवीर चंद्र भंजदेव को याद करते हुए कहा कि महाराजा प्रवीर चंद्र भंज देव को बहुत विनम्रतापूर्वक प्रणाम करके श्रद्धांजलि देता हूं.

कांग्रेस ने कराई बस्तर के राजा की हत्या – अमित शाह

अमित शाह ने कहा कि प्रवीर चंद्र ने जनजातियों के जल जंगल जमीन और संस्कृति के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी. उनकी लोकप्रियता कांग्रेस के आकाओं को सहन नहीं हुई और साजिश के तहत उनकी हत्या कर दी गई.
और अब जब पूरा बस्तर लाल आतंक से मुक्त होने के कगार पर है और विकास के रास्ते पर चल चुका है तब प्रवीर चंद्र भंजदेव की आत्मा जहां पर भी होगी जरूर वहां से बस्तर के वासियों को अपना आशीर्वाद देती होगी.

ऐसा क्यों कह गए अमित शाह?

गृहमंत्री अमित शाह ने साफ-साफ कहा कि कांग्रेस के आकाओं ने साजिश के तहत महाराज प्रवीर चंद्रभंज देव की हत्या कर दी. लेकिन उन्होंने ऐसा कहा क्यूँ?
दरअसल महाराज आजादी के बाद बस्तर रियासत के राजा थे इन्होंने आगे चलकर अपनी रियासत का विलय भारत देश में किया लेकिन सरकार के द्वारा लगातार आदिवासियों के साथ दुर्व्यवहार और उनके अधिकारों को समाप्त करने से वह आहत हुए और अलग से ही अपने लोगों के लिए कार्य करना शुरू किया. भारत सरकार के द्वारा उन्हें 2 लाख रुपये भत्ता दिया जाता था, उन पैसों को वह अपनी जनता पर खर्च करते थे जिससे उनकी लोकप्रियता बहुत बढ़ रही थी और इस बात से भारत सरकार उनसे नाराज थी.

Amit Shah ने क्यों कहा कांग्रेस ने कराई Bastar राजा की हत्या! Sourav Tiwari | Vistaar Digital |

सरकार ने राजा को करवाया था गिरफ्तार

आदिवासियों के अधिकार खत्म किए जाने के कारण राजा और आदिवासियों में रोस था और उन्होंने जल जंगल जमीन की लड़ाई शुरू की जिस का नेतृत्व राजा प्रवीर चंद भंज देव ने किया और यह बात सरकार को रास नहीं आई और उन्होंने महाराज की संपत्ति को जप्त कर लिया और राजा को गिरफ्तार कर लिया.

बस्तर के आदिवासियों ने किया विरोध

महाराजा प्रवीर चंद्र भंज देव की गिरफ्तारी का बस्तर में घोर विरोध हुआ, विरोध इतना भीषण था कि पुलिस और आदिवासी के बीच संघर्ष होने लगा जिससे कई आदिवासी मारे गए लेकिन, आदिवासियों का विरोध संघर्ष का रूप ले लिया और आदिवासियों के विरोध के आगे सरकार को झुकना पड़ा और उन्होंने महाराजा को रिहा किया और इतना ही नहीं सरकार को उनकी संपत्ति को भी वापस लौटाना पड़ा.

राजा के रिहा होते ही उनकी प्रजा का जोश और बढ़ गया और राजा के नेतृत्व में जंगल जल जंगल जमीन की लड़ाई और तेज हो गई इसी के साथ-साथ सरकार और राजा के बीच कि खाई भी बढ़ती गई… इधर संघर्ष लगातार बढ़ने लगे जिससे एक तरफ आदिवासी तो दूसरे तरफ पुलिस को लगातार नुकसान होता रहा.

प्रवीर चंद भंजदेव की गोली लगने से हुई मौत

25 मार्च 1966 का दिन था जब पुलिस ने राजमहल को घेर लिया क्यों कि कुछ संदिग्ध लोगों की जांच के लिए पुलिस वहां पहुंची थी और वहीं राजा के समर्थक तीर धनुष लेकर अपने राजा के समर्थन में राजमहल के सामने इकट्ठा होने लगे. पुलिस और समर्थकों के बीच फिर से विवाद बढ़ने लगा और लड़ाई शुरू हो गई. जब राजा को बात पता चला तो राजा इस विवाद को रोकने के लिए अपने महल से बाहर आए और तभी पुलिस ने फायरिंग कर दी और इसी फायरिंग में महाराज प्रवीर चंद भंजदेव को गोली लगी और उनकी मृत्यु हो गई. उनके साथ उनके कई साथी भी मारे गए
और इस तरह बस्तर के लोकप्रिय राजा अपने प्रजा से हमेशा-हमेशा के लिए दूर हो गए.

उस समय कांग्रेस की थी सरकार

जिस समय महाराज प्रवीर चंद्र भंज देव को पुलिस ने गोली मारी जिससे उनके मृत्यु हो गई उस समय देश में कांग्रेस की सरकार थी और इसके बाद ही बस्तर के लोगों का सरकार से भरोसा उठ गया. जिसका परिणाम यह देखने को मिला कि बस्तर में नक्सली गतिविधियां खूब बढ़ी और लोग सरकार से दूर हो गए.

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