कांग्रेस MLA देवेंद्र यादव को रिहाई का जश्न मनाना पड़ा भारी! उनके साथ 12 और नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज
कांग्रेस MLA देवेंद्र यादव
CG News: 7 महीने बाद जेल से रिहा हुए कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की मुश्किलें फिर बढ़ गई हैं. जमानत पर बाहर आते ही उनके खिलाफ एक और FIR दर्ज हो गई है. 21 फरवरी को MLA देवेंद्र यादव जेल से बाहर आए. इस दौरान वह कांग्रेस नेताओं के साथ जश्न मनाने लगे, जिस कारण रोड पर जाम लग गया. इसे लेकर MLA देंवेंद्र यादव समेत कुल 13 कांग्रेस नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज की गई है.
13 कांग्रेस नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज
शुक्रवार को जमानत पर जेल से बाहर आए MLA देंवेंद्र यादव अपने समर्थकों के साथ सेंट्रल जेल से बाहर रोड पर जश्न मना रहे थे. इस कारण रोड पर लंबा जाम लग गया था. इस जाम को लेकर कांग्रेस MLA देवेंद्र यादव, सुबोध हरितवाल, शांतनु झा, आकाश शर्मा, शोएब ढेबर , अतीक मेमन, फराज , फरदीन खोखर, अनवर हुसैन , शेख वसीम , नीता लोधी , बाबी पांडे और शिबली मेराज खान के खिलाफ FIR दर्ज की गई है.
सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत
बलौदाबाजार जिले में हुई आगजनी की घटना के बाद भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव गिरफ्तार हुए थे. 7 महीने तक जेल में रहने के बाद उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली और वह 21 फरवरी को जमानत पर रिहा हो गए हैं.
देवेंद्र यादव पर भीड़ को उकसाने का आरोप
10 जून को बलौदाबाजार में हिंसा भड़की थी. इस हिंसा में लोगों के भड़काने के आरोप में 17 अगस्त को विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी हुई थी. देवेंद्र यादव 17 अगस्त से जेल में बंद है. बता दें कि इस मामले में बलौदाबाजार पुलिस ने 4 बार नोटिस जारी किया, लेकिन विधायक ने बयान देने जाने से मना कर दिया था. उन्होंने कहा था कि पुलिस को बयान लेना है, तो उनके पास और लेकर जाए. कलेक्ट्रेट आगजनी मामले में पूछताछ के लिए तीसरा नोटिस मिलने पर देवेंद्र यादव ने बलौदबाजार जाकर पुलिस अधीक्षक से मुलाकात भी की थी.
बलौदाबाजार में क्या हुआ था?
15 मई 2024 को सतनामी समुदाय के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब 5 किमी मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिन्ह जैतखाम को देर रात क्षतिग्रस्त कर दिया गया था. इसके बाद कार्रवाई की मांग उठी और लगातार लोकल स्तर पर प्रदर्शन हुए. 19 मई को पुलिस ने इस मामले में बिहार निवासी 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया. पूछताछ में पता चला कि नल-जल योजना कार्य में ठेकेदार पैसे नहीं दे रहा था. इसलिए शराब के नशे में आरोपियों ने तोड़फोड़ कर दी लेकिन इस कार्रवाई से समाज के लोग संतुष्ट नहीं थे.
10 जून को उग्र हुआ आंदोलन
इस बीच 10 जून को बलौदाबाजार में प्रदर्शन के दौरान अचानक से लोग उग्र हो गए और बवाल बढ़ता चला गया. हिंसा के दौरान कलेक्टर-एसपी दफ्तर में आगजनी की गई. कई गाड़ियां जला दी गईं. इसके बाद कई जनप्रतिनिधि समेत करीब 200 लोगों की गिरफ्तारी हुई. प्रदर्शन में एक वीडियो सामने आया, जिसमें देवेंद्र यादव भी शामिल दिखे. इस मामले में उन्हें नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया. एक बार वे पूछताछ के लिए बलौदाबाजार भी पहुंचे. इसके बाद 17 अगस्त को उनकी गिरफ्तारी हुई थी.