CG News: MISA बंदियों के लिए छत्तीसगढ़ सरकार का अहम फैसला, जानें मिली कौन सी सौगात
CG News: छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने MISA बंदियों के लिए अहम फैसला लेते हुए बड़ी सौगात दी है. 1975-77 के आपातकाल के दौर में जब लोकतंत्र की आवाज को दबाने की हर कोशिश की जा रही थी. उस समय विरोध की मशाल जलाए रखने वाले MISA बंदियों को छत्तीसगढ़ राजकीय सम्मान से सम्मानित किया जाएगा. इसके अलावा उनके परिजानों को अंतिम संस्कार के लिए 25,000 रुपए वित्तीय सहायता भी दी जाएगी.
MISA बंदियों के लिए छत्तीसगढ़ सरकार का अहम फैसला
1975-77 के आपातकाल के दौर में देशभर में ऐसे अनेक लोग थे, जो विरोध की मशाल जलाए हुए थे और अपने हक की लड़ाई लड़ रहे थे. छत्तीसगढ़ सरकार ने अब उन लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है, जो उस मुश्किल समय में आंतरिक सुरक्षा अधिनियम (MISA) के तहत गिरफ्तार किए गए थे.
कैबिनेट बैठक में हुआ फैसला
त्रालय महानदी भवन में CM विष्णु देव साय की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया गया कि इन सेनानियों के निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार के समय उन्हें राजकीय सम्मान दिया जाएगा. इसके साथ ही, उनके परिवारों को अंतिम संस्कार के लिए 25,000 रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी.
संशोधन को मंजूरी
कैबिनेट ने इसके लिए लोकनायक जयप्रकाश नारायण (MISA/डिफेंस ऑफ इंडिया रूल्स (DIR) राजनीतिक या सामाजिक कारणों से निरुद्ध व्यक्ति) सम्मान निधि नियम, 2008 में संशोधन को मंजूरी दी.
350 MISA बंदियों को होगा लाभ
छत्तीसगढ़ सरकार के इस फैसले से राज्य के लगभग 350 MISA बंदी इससे लाभान्वित होंगे. यह निर्णय उन लोगों के लिए एक विशेष मान्यता के रूप में है, जिन्होंने अपने अधिकारों के लिए संघर्ष किया और लोकतंत्र की रक्षा में अपना योगदान दिया.
गौरतलब है कि फरवरी में छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार ने MISA बंदियों के लिए पेंशन योजना को फिर से शुरू किया था, जिसे पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 2019 में बंद कर दिया था. यह पेंशन योजना पहली बार 2008 में भाजपा शासनकाल में शुरू की गई थी, जिसके तहत MISA बंदियों (लोकतंत्र सेनानी) को 10,000 रुपये से लेकर 25,000 रुपए तक की मासिक पेंशन दी जाती है.