छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश सीमा पर बड़ी मुठभेड़, नक्सली चलपति की पत्नी अरुणा समेत 3 बड़े नक्सली ढेर

Naxal Encounter: इस मुठभेड़ में नक्सली चलपति की पत्नी रावी वेंकट चैतन्य उर्फ अरुणा (SZCM, AOBSZC), अंजू (ACM / AOBSZC) और जोनल कमेटी के सदस्य गजराला रवि उर्फ उदय के मारे जाने की खबर है.
Naxal Encounter

तीन बड़े नक्सली

Naxal Encounter: छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश सीमा पर सुकमा लगे एएसआर जिले के देविपटनम के कोंडामोडालु गांव के मारेडमिली के जंगल में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में नक्सली चलपति की पत्नी अरुणा समेत तीन बड़े नक्सलियों के मारे जाने की खबर है. अल्लुरी सीताराम जिले के SP ने की मुठभेड़ की पुष्टि की है.

चलपती की पत्नी समेत 3 बड़े नक्सली ढेर

यह मुठभेड़ बुधवार तड़के किंटुकुरु गांव (मारेडुमिल्लि और रामपचोड़ावरम क्षेत्र के बीच), अल्लूरी सीताराम राजू जिले में हुई. पुलिस सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा बलों ने क्षेत्र में 16 माओवादियों के एक समूह को देखा और लगभग 25 मिनट तक फायरिंग चली. इसके बाद मौके पर तीन शव मिले, इनकी पहचान नक्सली चलपति की पत्नी रावी वेंकट चैतन्य उर्फ अरुणा (SZCM, AOBSZC), अंजू (ACM / AOBSZC) और जोनल कमेटी के सदस्य गजराला रवि उर्फ उदय के रूप में हुई. वहीं बाकी माओवादी जंगलों में भाग निकले, और क्षेत्र में सघन सर्च ऑपरेशन जारी है.

भारी मात्रा में हथियार बरामद

यह मुठभेड़ मारेडुमिल्लि थाना क्षेत्र के अंतर्गत हुई. मौके से भारी मात्रा में हथियार बरामद किया गया. मुठभेड़ की पुष्टि आंध्र के अल्लुरी सीताराम जिले के एसपी ने की है. 

ये भी पढ़ें- आवारा सांडों की लड़ाई में गई महिला की जान, VIDEO देखकर कांप जाएगी रूह

मोस्टवांटेड नक्सली गजराला रवि

गजराला रवि, नक्सलियों के आंध्र ओडिसा बॉर्डर स्पेशल जोनल कमेटी का सचिव था. यानी कि आंध्र ओडिसा बॉर्डर में सबसे बड़ा नक्सली था. आंध्र ओडिसा बॉर्डर पर जितनी भी नक्सली घटनाएं होती थी वो गजराला रवि के इशारे पर ही होती थी. साथ ही वो सेंट्रल मिलिट्री कमीशन का सदस्य भी है. जो कि नक्सलियों का सैन्य विंग है.

ये भी पढ़ें- Bilaspur: 173 करोड़ रुपए की लागत से तैयार ITMS सिस्टम का कैमरा बोल रहा झूठ, ई चालान भेजने में हो रही गड़बड़ी, हर दिन 400 लोग परेशान

गजरला रवि AK-47 लेक चलता था, ये एनआईए का मोस्टवांटेड नक्सली था. इसे सैन्य रणनीतिकार और पार्टी के विचारक के रूप में भी जाना जाता था पोलित ब्यूरो के सदस्य राम कृष्णन के साथ मलकानगिरी में हमले के दौरान मौजूद था. वहीं गजरला को नए सिरे से भर्ती और सुरक्षा तैनाती के साथ मलकानगिरी क्षेत्र का पुनर्निर्माण करने की ज़िम्मेदारी थी.

ज़रूर पढ़ें