खाद पर Chhattisgarh में सियासत, कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपने की तैयारी में कांग्रेस, अरुण साव बोले- नहीं होगी कमी
डिप्टी सीएम अरुण साव और PCC चीफ दीपक बैज
Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में इस बार समय से पहले मानसून की एंट्री हो गई है. मानसून की एंट्री होने के बाद किसान खेती किसानी में जुट गए है, लेकिन छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए एक बड़ी चिंता की खबर सामने आ रही है. खरीफ सीजन की तैयारी कर रहे किसानों को डीएपी खाद की भारी किल्लत का सामना करना पड़ सकता है. खेतों में बुआई का समय नज़दीक है, लेकिन जरूरी खाद की अनुपलब्धता ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है, इसको लेकर सियासत तेज हो गई है.
छत्तीसगढ़ में खाद की कमी
छत्तीसगढ़ में डीएपी-खाद के संकट को सरकार ने माना कि लक्ष्य के विरुद्ध सिर्फ 38% खाद का भंडारण किया गया. डीएपी की जगह वैकल्पिक खाद की उपयोग पर जोर दिया गया. अधिक दाम में बेचने की शिकायत पर कार्रवाई होगी. निजी दुकानों में गड़बड़ियों पर नजर रहेगी. प्रदेश में 10.72 लाख मीट्रीक टन खाद्य का लक्ष्य रखा गया है. इसमें 4.10 लाख मीट्रीक टन का भंडारण किया गया है.
कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपने की तैयारी में कांग्रेस
इधर प्रदेश में खाद्य की कमी को लेकर प्रदेश भर सभी जिलों को कलेक्टरों को ज्ञापन सौपने की तैयारी में कांग्रेस है. पीसीसी चीफ दीपक बैज का कहना है कि पूरे प्रदेश में 3 लाख टन डीएपी की जरूरत है, लेकिन सोसाइटी में डीएपी खाद पहुंचना चाहिए वह अब तक नहीं पहुंचा है.सिर्फ 86 हजार खाद पहुंचा है,जिससे किसान चिंतित है. उन्होंने कहा धान बोने की शुरुआत भी कर चुके हैं.खाद की कमी को लेकर सरकार गंभीर नहीं है.सरकार चाहती है किसान परेशान हो जानबूझकर सरकार का उपलब्ध नहीं कर रही है, ताकि किसान दान पैदा कम करें इस मुद्दे को लेकर सभी जिला अध्यक्ष किसानों के हित में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेंगे.
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खाद की कमी नहीं होगी – अरुण साव
इधर देशभर में खाद की कमी पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव का बयान खाद की कोई कमी नहीं होगी किसान हितैषी सरकार है किसानों के बेहतरीन और तरक्की के लिए काम हो रहा है खाद की कमी नहीं होगी सरकार सुनिश्चित कर रही है.
फिलहाल सवाल यह है कि जब हर साल यही स्थिति होती है, तो समय रहते इंतज़ाम क्यों नहीं होते. सवाल तो ये भी है कि क्या हर बार किसानों को इसी तरह संकट का सामना करना पड़ेगा.उम्मीद है कि प्रशासन जल्द कोई ठोस कदम उठाएगा.