CG News: धान खरीदी पर संकट! राइस मिलर्स ने शुरू की हड़ताल, धान उठाव बंद करने का किया ऐलान

CG News: धान खरीदी को लेकर शासन-प्रशासन की समस्या कम होने के बजाए बढ़ती ही जा रही है.  उठाव की समस्या खड़ी है. आज से एक बार फिर 3 हजार से ज्यादा राइस मिल्स बंद हो गई है. राइस मिलर्स भी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए है.
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CG News: धान खरीदी को लेकर शासन-प्रशासन की समस्या कम होने के बजाए बढ़ती ही जा रही है.  उठाव की समस्या खड़ी है. आज से एक बार फिर 3 हजार से ज्यादा राइस मिल्स बंद हो गई है. राइस मिलर्स भी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए है. राइस मिलर्स पिछले सालों के मिलिंग के करोड रुपए की मांग कर रहे हैं. ऐसे में किसानों की परेशानी बढ़ गई है.

अपनी मांगों को लेकर राइस मिलर्स ने शुरू की हड़ताल

प्रदेश में धान खरीदी की जा रही है. सरकार की ओर से धान खरीदी के लिए कई व्यवस्थाएं भी की है. लेकिन तमाम सुविधाओं के बाद भी किसानों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यदि धान खरीदी की पूरी प्रक्रिया को समझें तो सबसे महत्वपूर्ण भूमिका सरकार की होती है. जो किसानों को ज्यादा से ज्यादा सुविधा प्रदान करने का प्रयास करती है. लेकिन प्रदेश के राइस मिलर्स भी समानांतर भूमिका नजर आते हैं. चाहे किसानों को बार दाना उपलब्ध कराना हो या धान मंडी से क्रय किए गए धान का मीलिंग करना हो. राइस मिलर्स प्रत्येक प्रक्रिया ने मुख्य रोल निभाते है. लेकिन मीलिग की लंबित राशि का भुगतान समेत अपने कई मांगो पर राइस मिलर्स ने असहयोग आंदोलन शुरू कर दिया है. जिससे सरकार की सारी व्यवस्थाएं चरमरा गई.

अब तक 42.83 लाख मीट्रिक टन धान की हुई खरीदी

राज्य में अब तक 42.83 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है. सरकार ने 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी ने का लक्ष्य रखा है. धान खरीदी की रफ्तार धीमी हो गई है. कई केंद्रों में धान समिति की छत से ऊपर पहुंच गई है. धान रखने की जगह नहीं इसलिए कई जगहों पर खरीदी बंद हो गई है.

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धान उठाव बंद करने का ऐलान, किसान होंगे परेशान

इस मिलर्स के असहयोग आंदोलन से धान खरीदी की व्यवस्थाओं को बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. विस्तार न्यूज की टीम ने खुद धान खरीदी की जमीनी हकीकत जनानी चाही. धान मंडी को पहली दृष्टि में देखने पर सब कुछ ठीक नजर आ रहा था. वहां मौजूद व्यवस्थापक में स्पष्ट बताया कि यदि 2 दिनों के भीतर धान का उठाव नहीं होता है तो धान खरीदी का बंद भी करना पड़ सकता है. वही तपती धूप में कुछ किसान अपना धान बेचने आए हुए थे. जब हमारी टीम ने उन किसानों से चर्चा कि तो उन्होंने बिल दिखते हुए बताया कि प्रति क्विंटल सरकार को जल्द ही धान का उठाव करवा कर सुविधाओं को दुरुस्त करना चाहिए.

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धान खरीदी नहीं होने पर कांग्रेस ने सरकार पर लगाया आरोप

विपक्ष ने सरकार पर चढ़ाई करना शुरू दिया. कांग्रेस ने तत्काल 25 सदस्यीय निगरानी समिति का गठन किया.. इस समिति ने प्रदेश के कई मंडियों में जाकर किसानों से चर्चा की. कांग्रेस का कहना है कि राइस मिलर्स के साथ हिसाब किताब नहीं हो पाया है. धान अभी भी खरीदी केंद्रों में है, उपभोक्ता परेशान है. भाजपा किस बात का जश्न मना रही है यह नहीं समझ आता. किसानों को टोकन देकर बेवकूफ बनाने का काम हो रहा है. पूरे प्रदेश में धान का उठाव बिल्कुल नहीं हो रहा है. जैसे-जैसे धान खरीदी का समय बीतता जा रहा है विपक्ष सरकार पर और भी अधिक हमलावर हो रही है. इधर राइस मिलर्स की हड़ताल सरकार के लिए बड़ा संकट खड़ा कर रही है.

सियासी महकमे के कुछ लोग भले ही अपनी राजनीति चमकाने में लगे हो लेकिन धान के उठाओ ना होने से किसानों को 1 से 2 दिनों बाद तकलीफों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि अधिकतम चबूतरे भरे हुए हैं और धान खरीदी केदो में रखने तक की जगह नहीं है. लेकिन व्यवस्थाओं में सुधार की गुंजाइश अभी है. इन तमाम चुनौतियों के बीच सरकार कैसे सुचारू रूप से धान की खरीदी करती है यह अभी भी चिंता का विषय बना हुआ है.

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