CGPSC घोटाला केस में CBI का बड़ा एक्शन, रायपुर समेत 5 ठिकानों पर मारी रेड
फाइल इमेज
CGPSC Scam: छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग घोटाला (CGPSC) मामले में CBI की टीम ने बड़ा एक्शन लिया है. राज्य में इस घोटाला मामले में CBI की टीम ने रायपुर और महासमुंद में एक साथ 5 ठिकानों पर रेड मारी है. इस कार्रवाई के दौरान टीम को अहम दस्तावेज समेत टेक्निकल एविडेंस मिले हैं.
5 ठिकानों पर CBI की रेड
CBI की टीम ने मंगलवार रात को रायपुर और महासमुंद में कुल 5 ठिकानों पर दबिश दी. ये रेड सरकारी डॉक्टर, कोचिंग इंस्टीट्यूट और एक निजी होटल समेत कुल 5 ठिकानों पर मारी गई थी. महासमुंद में अभ्यारण के गेस्ट हाउस, सरकारी डॉक्टर के घर, रायपुर के फूल चौक स्थित निजी होटल, सिविल लाइन स्थित कोचिंग इंस्टीट्यूट पर CBI ने दबिश दी. बताया जा रहा है कि ये सभी ठिकाने CGPSC परीक्षा में कथित गड़बड़ी से जुड़े हैं.
जल्द हो सकती है बड़ी गिरफ्तारी
इस कार्रवाई के बाद माना जा रहा है कि जल्द ही इस मामले में दो और बड़ी गिरफ्तारी हो सकती है. अब तक इस मामले में कई हाई प्रोफाइल गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, जिनमें टामन सिंह सोनवानी (पूर्व CGPSC चेयरमैन), साहिल सोनवानी और नितेश सोनवानी (रिश्तेदार), शशांक गोयल (बजरंग पावर डायरेक्टर के बेटे), भूमिका कटियार और ललित गनवीर (पूर्व डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर) शामिल हैं.
ये भी पढ़ें- क्या है तेंदूपत्ता बोनस घोटाला? जिसमें EOW ने IFS अशोक पटेल को किया गिरफ्तार
क्या है CGPSC घोटाला?
साल 2020 से 2022 के दौरान डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी समेत कई पदों के लिए हुई CGPSC परीक्षा में टामन सोनवानी के रिश्तेदार समेत कुछ VIP लोगों के करीबी रिश्तेदारों के चयन पर सवाल उठे थे. इन्हीं आरोपों के आधार पर CBI ने मामला दर्ज किया था. इस केस की जांच जारी है. इस मामले में CBI की टीम CGPSC के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी और बजरंग पावर के डायरेक्टर श्रवण कुमार गोयल को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.
CGPSC 2019 से 2022 तक की भर्ती में कुछ अभ्यर्थियों के चयन को लेकर विवाद है. ईओडब्ल्यू और अर्जुंदा पुलिस ने भ्रष्टाचार-अनियमितता के आरोप में मामला दर्ज किया है. आरोप है कि तत्कालीन चेयरमैन सोनवानी ने अपने रिश्तेदारों समेत कांग्रेसी नेता और ब्यूरोक्रेट्स के बच्चों की नौकरी लगवाई है.