Chhattisgarh: बिलासपुर में डायरिया के 250 मरीज, डिप्टी सीएम अरुण साव पहुंचे रतनपुर, कांग्रेसियों ने सरकार को घेरा
Chhattisgarh News: जिले में डायरिया मरीजों की संख्या लगातार बढ़ते चले जा रही है. बिलासपुर में इसके एक्टिव मरीज ढाई सौ से ज्यादा है. इनमें मस्तूरी बिल्हा रतनपुर क्षेत्र में सबसे ज्यादा मरीजों की संख्या है. बड़ी बात यह है कि बिलासपुर में डायरिया को लेकर सियासत शुरू हो गई है. छत्तीसगढ़ के कांग्रेस के बड़े पदाधिकारी भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी को घेरने में लग गए हैं.
बिलासपुर के पूर्व विधायक शैलेश पांडेय ने सरकार पर मरीजों की अनदेखी और नगर निगम पर लोगों की समस्या को टालने का आरोप लगाया है, उन्होंने कहा है कि शान गूंगी और बहरी हो गई है इसके चलते ही डायरिया फैल रहा है. भिलाई विधायक देवेंद्र यादव भी एक दिन पहले सिम्स पहुंचे थे और उन्होंने भी शासन पर डायरिया पीड़ितों के मामले में गैर गंभीरता का आरोप लगाया है.
डिप्टी सीएम अरुण साव पहुंचे रतनपुर
दूसरी तरफ रतनपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम अरुण साव पहुंचे और उन्होंने भी डायरिया पीड़ितों से बात की इसके अलावा कलेक्टर को निर्देश दिए हैं, कि किसी भी तरह से मामले में अनदेखी नहीं होनी चाहिए. मरीज की देखभाल को लेकर उन्होंने व्यवस्था बनाने की निर्देश दिए.
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नगर निगम के चलते फैली महामारी
नगर निगम और नगर पंचायत शहर और गांव में लोगों को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने के लिए बाध्य है. इसके बावजूद निगम और नगर पंचायत की तरफ से घरों तक पहुंचाई गई. पाइपलाइन जगह-जगह से फट चुकी है, और लोग नाली का पानी पीने मजबूर हैं. लोगों ने इसकी शिकायत अधिकारियों से की है लेकिन अभी तक स्थिति नहीं सुधरी है. बिलासपुर में अटल आवास सकरी में भी डायरिया पीड़ित सामने आए थे जहां निगम के जोन अधिकारियों की लापरवाही उजागर हुई थी. लोगों ने खोला आरोप लगाया कि वे कीड़े वाला पानी पीने को मजबूर है जिसके चलते बीमारी फैली है.
डायरिया फैलने के बाद जागा स्वास्थ्य विभाग
मानसून आने से पहले स्वास्थ्य विभाग को गांव और शहरों में क्लोरीन और ब्लीचिंग पाउडर बांट देनी चाहिए ताकि बारिश के दिनों में संक्रमण कम फाइल लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इस पर नहीं ध्यान दिया और इसके चलते ही लगातार बीमारियां और मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. स्वास्थ्य विभाग को जगह-जगह शिविर लगाकर डायरिया को कंट्रोल करना पड़ रहा है.