Chhattisgarh: 730 अंदरुनी और सरहदों पर बसे गांवों में 6 साल बाद भी नहीं पहुंची बिजली! जानिए क्या है वजह

Chhattisgarh: हैरानी की बात ये है कि आज भी इतने बड़े प्रोजेक्ट के बावजूद यहां काम की पेंडेंसी दिख रही है.
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छत्तीसगंढ़ के कई गांवों में बिजली नहीं

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के अंदरुनी गांवों में मजरा-टोला ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत बिजली पहुंचाने की योजना फेल हाे रही है. तीन साल पहले शुरू हुई इस स्कीम में आज भी 730 गांव ऐसे हैं, जहां के लाखों लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है. इनमें सरगुजा के सबसे ज्यादा 155, जशपुर के 101 और बलौदाबाजार के 51 गांव और मोहल्ले शामिल हैं, //यहां के लोग छह-छह साल से बिजली आने का इंतजार कर रहे हैं. इस स्कीम के तहत ऐसी जगहों पर स्थाई बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराने समेत कुछ ऐसी सुविधाएं शुरू होनी थीं जो अभी तक चालू नहीं हो पाई हैं. यही वजह है कि शासन ने इसकी सूची विद्युत वितरण कंपनी को भेजकर काम पूरा नहीं होने का कारण पूछा है.

बिलासपुर के इन गावों में बिजली कनेक्शन नहीं

बिलासपुर में इस स्कीम के तहत छह गांव शामिल थे. इनमें किसान परसदा, भगवान पाली, कछार, परसदा, भरनी और अमेरी के आवासपारा को शामिल गया गया. इसके अलावा पेंड्रा के कुछ जगह भी शामिल थे, जहां अभी तक सिर्फ पोल लगाने का काम हो पाया है. इस प्रोजेक्ट के तहत गांवों को 11 केवी लाइन सप्लाई कराना, एलटी लाइन विस्तार, 25 केवी क्षमता के ट्रांसफार्मर लगाने समेत अन्य तरह की बिजली सुविधाएं देने का जिम्मा विद्युत वितरण कंपनी को सौंपा गया था.

करोड़ों रुपए के आवंटन के बाद भी ग्रामीणों को बिजली नहीं मिली

इस स्कीम के तहत किसी गांव के लिए दो करोड़, किसी गांव के लिए पांच ,तो कहीं के लिए 20 से 25 लाख रुपए तक आवंटित किए गए. हैरानी की बात ये है कि आज भी इतने बड़े प्रोजेक्ट के बावजूद यहां काम की पेंडेंसी दिख रही है. बिलासपुर, पेंड्रा, मनेंद्रगढ़, चिरमिरी, बलराम जैसी सरहदों तक कई गांवों में बिजली नहीं पहुंच पाई है. विद्युत वितरण कंपनी ने मार्च महीने में जिन गांवों में काम की पेंडेंसी है, उसकी सूची भेजकर काम पूरा नहीं होने का कारण पूछा है.

12 जिलों में आज भी पोल लगाने का काम जारी

विद्युत वितरण कंपनी रायपुर के अधिकारियों की भेजी सूची के अनुसार राज्य के 33 में 12 जिलों के जो गांव आज भी बिजली को तरस रहे है, इनमें गरियाबंद, छुई खदान, सुकमा, बीजापुर, पेंड्रारोड, मुुंगेली, जशपुर नगर, बलरामपुर, कोरिया जैसे गांव शामिल हैं.

कहां कितनी पेंडेंसी

राज्य के नक्सल प्राभावित क्षेत्र सुकमा जिले के 32 गांव में, इसी तरह बीजापुर जिले के 14 जगह बिजली पहुंचाने की कोशिश जारी है. खैरागढ़, छुईखदान और गंडई में कुल 72 गांवों में, गरियांबद के 51 गांव में बलौदाबाजार के 87, बलरामपुर के 105, कोरबा के 03, जशपुर के 101, सरगुजा के 155 गांव शामिल हैं, जहां दो-दो साल से बिजली पहुंचाने की कवायद जारी है.

जिन स्थानों पर काम, वहां की स्थिति भी बदतर

इस योजना में बिलासपुर के जिन छह स्थानों पर काम करवाया गया है, वहां भी ट्रांसफार्मर लगाने और लाइन खींचने का काम हल्के स्तर पर किया गया है. किसान परसदा, भगवान पाली, कछार, भरनी पहुंचकर इस योजना में हुए काम का परीक्षण करने पर पता लगेगा कि कहीं तार झूल रहे हैं, तो कहीं कुछ और लापवाही की गई है. कुल मिलाकर यहां लाइन तो पहुंची है, लेकिन बिजली से जुड़ी कई तरह की समस्याएं आए दिन ग्रामीणों को झेलनी पड़ रही हैं.

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