Chhattisgarh: 1200 नुकीले किल पर सोकर महिला कर रही माता रानी की आराधना, देखिए भक्ति की अनोखी तस्वीर

Chhattisgarh News: आदिवासी बाहुल्य सरगुजा इलाके में भी नवरात्रि के अवसर पर माता रानी की अलग-अलग तरीके से उपासना की जा रही है लेकिन सूरजपुर जिले में एक महिला ने माता रानी को खुश करने के लिए खतरनाक और चुभने वाले किल को ही अपना बिस्तर बना लिया है.
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कील में सोकर महिला कर रही माता की आराधना

Chhattisgarh News: आदिवासी बाहुल्य सरगुजा इलाके में भी नवरात्रि के अवसर पर माता रानी की अलग-अलग तरीके से उपासना की जा रही है लेकिन सूरजपुर जिले में एक महिला ने माता रानी को खुश करने के लिए खतरनाक और चुभने वाले किल को ही अपना बिस्तर बना लिया है और इस इसमें लेटकर माता रानी की आराधना में जुटी हुई है, किल इतने नुकीले हैं कि कभी भी चुभ सकते हैं लेकिन उसका कहना है कि उसे इस बात का भी अहसास नहीं हो रहा कि किल पर लेटी है.

1200 नुकीले किल पर सोकर महिला कर रही माता रानी की आराधना

सूरजपुर के अजबनगर में हेमा राजवाड़े नामक महिला नवरात्रि पर माता रानी को खुश करने के लिए नीम की लकड़ी पर बेड पर ठोके गए 1200 से अधिक नुकीले किल के ऊपर सो रही है, महिला का कहना है कि उसे माता रानी ने सपने में इसी तरीके का कठोर व्रत करने के लिए कहा और वह तब नवरात्रि में इसी तरीके से कठोर उपासना कर रही है लेकिन उसे किल के चुभने का तनिक भी डर नहीं लगता है और न ही उसे इस बात का एहसास होता है कि वह किल के ऊपर सो रही है वहीं वह नौ दिनों तक किल वाले बेड से उतरती तक नहीं है और न ही अन्न जल ग्रहण करती है. इतना ही नहीं हेमा राजवाड़े के पिता प्रसाद राम भी अपनी बेटी की इस कठोर उपासना में उनका साथ दे रहे हैं प्रसाद राम का कहना है कि जब हेमा की शादी नहीं हुई थी तब से वह हर सप्ताह मंगलवार और सोमवार को कठोर उपवास रहती थी थऔर शादी हो जाने के बाद भी वह अभी भी हर सप्ताह 2 दिन तक निर्जला उपवास रहती है.

हेमा रजवाड़े के द्वारा इस तरीके से किए जा रहे हैं कठोर उपासना की जानकारी जो कोई भी सुन रहा है. वह उसे देखने जानने के लिए पहुंच जा रहा है और गांव में पहुंचते ही लोग यह बताने लगते हैं कि हेमा किस तरीके से कठोर साधना कर रही है.

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