Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ विधानसभा में गूंजा पीडीएस घोटाले का मामला, BJP MLA ने अपने ही मंत्री को सदन में घेरा
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र का दूसरा दिन काफी हंगामेदार रहा. बीजेपी के वरिष्ठ विधायक धरमलाल कौशिक ने कांग्रेस सरकार में हुए कथित चावल गड़बड़ी का मामला सदन में उठाया और अपने ही मंत्री के जवाब से असंतुष्ट भाजपा विधायकों ने नाराजगी जाहिर की. हालांकि विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह बीच बचाव करते नजर आए लेकिन इसके बाद भी सदन में जमकर हंगामा हुआ.
चावल घोटाले पर विधानसभा में जमकर हंगामा
दरअसल भाजपा के वरिष्ठ विधायक धरमलाल कौशिक ने प्रश्न काल के दौरान कांग्रेस सरकार में हुए कथित चावल घोटाले का मुद्दा उठाया. धरम लाल कौशिक ने पूछा कि पिछली सरकार ने 24 मार्च तक परीक्षण कर जवाब देने की बात कही थी, लेकिन 23 मार्च को ही विधानसभा का सत्र समापन हो गया. इसके बाद कोर्ट में मामला होने की बात कहकर जानकारी छिपाई. चावल में गोरखधंधा चल रहा है. फिर मार्च 2023 की स्थिति में जो परीक्षण किया गया? कितनी गड़बड़ी पाई गई? कितनी एफ़आईआर दर्ज हुई?
बीजेपी विधायक अपने ही पार्टी के मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं
इस सवाल के जवाब में खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल ने कहा कि पूर्व खाद्य मंत्री ने 24 मार्च तक स्टॉक सत्यापन पूरा करने की बात कही गई थी ,लेकिन उस अवधि में सत्यापन पूरा नहीं किया गया था. 216 करोड़ रुपए का चावल का स्टॉक कम पाया गया. स्टॉक में अनियमितता पाए जाने पर 221 दुकानों को निलंबित किया गया. 127 लोगों के खिलाफ एफ़आईआर दर्ज की गई.
लेकिन धरमलाल कौशिक अपनी पार्टी के मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के भेजे गए चावल में गड़बड़ी हुई, इसलिए सदन की कमेटी बनाकर इस मामले की जांच कराई जाए. इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने सदन में घोषणा करते हुए कहा कि इस पूरे मामले की जांच विधायकों की कमेटी से कराई जाएगी.
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क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि कोरोना काल के दौरान केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत छत्तीसगढ़ के गरीब परिवारों के लिए 11 लाख 53 हजार 380 क्विंटल प्रति माह चावल राज्य सरकार को दिया गया. इस योजना के अंतर्गत अप्रैल 2020 से दिसंबर 2022 तक कुल राज्य सरकार को 3 करोड़ 80 लाख 61 हजार 540 क्विंटल चावल अतिरिक्त बांटने के लिए दिया गया.
बीजेपी का आरोप है कि राज्य सरकार ने अप्रैल 2020 से दिसंबर 2022 तक गरीब परिवारों को इस योजना के अंतर्गत मात्र 2 करोड़ 29 लाख 80 हजार 711 क्विंटल चावल वितरण किया गया और राज्य सरकार ने एक करोड़ 50 लाख 80 हजार 829 क्विंटल चावल का वितरण नहीं किया है. इस मामले में जांच के लिए 12 अप्रैल 2023 को पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी.