Chhattisgarh: राजनांदगांव में लकड़ी काटने के मामले में विस्तार न्यूज की खबर का बड़ा असर, अवैध लकड़ी व मशीन सीज
Chhattisgarh News: विस्तार न्यूज ने कल राजनांदगांव जिले में तस्करों द्वारा पेड़ की लकड़ी काटने की खबर प्रमुखता से दिखया था. जिसके बाद उपवनमंडल अधिकारी पूर्णिमा राजपूत ने आरा मिल सोमेश्वर वर्मा, आरा मिल एल बी नगर, डोंगरगढ़ ब्लॉक का आकस्मिक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान कहुआ 103 नग 3.408 घन मीटर, साजा 28 नग 1.385 घन मीटर, बीजा 3 नग 0.663 घन मीटर, खम्हार 23 नग 1.026 घन मीटर, कुल 159 नग इमारती लठ्ठा 6.788 घन मीटर के भारी मात्रा में अवैध लकड़ी/ लठ्ठा पाया गया. जिनकी अनुमानित लागत 2 लाख रुपए है ,पूछताछ में किसी भी प्रकार के कागजात या प्रमाण प्रस्तुत न कर पाने के कारण सभी लकड़ी व आरा मशीन को सीज कर लिया गया.
जिले में कीमती लकड़ी की होती है कटाई
जिले में वन तस्कर कीमती लकड़ी की बेधड़क कटाई कर रहे हैं. तस्करों के द्वारा खुलेआम सुकुलदैहान से मुसरा के बीच सैकड़ों पेड़ काटकर सड़क किनारे रखे जाते है. जितने भी वृक्ष आसपास लगे हैं, उसको भी काटने की पूरी तैयारी कर रहे हैं, क्योंकि उस पेड़ को गोल काटकर छोड़ दिया गया है. लेकिन इसके बावजूद प्रशासन इस तरफ अनदेखी कर रहा था. वहीं, ग्रामीणों ने बताया कि कुछ लोग पैसे की लालच में कीमती पेड़ों को भी काट रहे हैं. जंगल में कई औषधीय युक्त कीमती पेड़ हैं, उसे भी नहीं छोड़ रहे. सड़क के किनारे खेत में लगे कहुआ, रिया और बबूल के पेड़ों की धड़ल्ले से कटाई की जा रही है. इसकी वजह है कि प्रशासन कुम्भकर्णीय नींद में सोया था. प्रशासन की लापरवाही के चलते क्षेत्र में धड़ल्ले से हरे पेड़ों की कटाई की जा रही थी. इसके बाद भी माफियाओं पर शिकंजा कसने में नाकाम साबित हो रहा है. वहीं विस्तार न्यूज ने कल ही ये खबर दिखाई थी, जिसके बाद आज कार्यवाही की गई है.
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गांवों में भी पेड़ों की कटाई
गांवों से लगातार हरे-भरे पेड़ों की कटाई की जा रही है, जिससे पर्यावरण संकट बढ़ रहा है. माफियाओं द्वारा कीमती पेड़ों की कटाई कर जंगलों को वृक्ष विहीन बनाने का कार्य धड़ल्ले से किया जा रहा है. पेड़ों की अवैध कटाई से आने वाले दिनों में प्रदूषण बढ़ने की आशंका बढ़ती जा रही है. पेड़ों की अवैध कटाई कर कई लोग मालामाल हो रहे हैं. वहीं, प्रकृति से हरियाली घटती जा रही है. प्रशासन की लापरवाही के कारण जंगलों का उजाड़ दिया जा रहा है. कई जगहों पर कीमती बीजा पेड़ की अंधाधुंध कटाई की जा रही है और औने पौने दाम में बेची जा रही है.