Chhattisgarh: जलजीवन मिशन में बड़ी लापरवाही, कागजों में पूरी लेकिन धरातल पर अधूरी है योजना, ‘सफेद हाथी’ बने नल
Chhattisgarh News: डिप्टी सीएम व पीएचई मंत्री अरुण साव ने हाल ही में जलजीवन मिशन में लापरवाही बरतने वाले 6 जिलों के कार्यपालन अभियंता को निलंबित किया था और साफ लहजे में हिदायत दी थी कि किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नही की जाएगी. पर मंत्री जी ने खुद के जिले की लापरवाही करने वाले अधिकारी पर रियायत क्यों कि यह चर्चाओं में है. कागजो में ऑल इज वेल वाली योजना धरातल पर विपरीत नजर आ रही है. जिस कार्य को पूर्ण बताया जा रहा है वहा जल जीवन मिशन के तहत लगे नल पानी के इंतेजार में सफेद हाथी के समान बनकर रह गए है.
सीपेज हो रहे लाखो की टंकी, लोगों के घर तक नहीं पहुंचा पानी
छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में ‘जल जीवन मिशन योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है’. यदि यह कहा जाये तो शायद गलत न होगा. विभागीय अधिकारियों व ठेकेदारों के मिलीभगत से शासन की यह महत्वपूर्ण योजना मुंगेली जिले में फेल नजर आ रही है. मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक योजना जल जीवन मिशन भी शामिल है इस योजना के तहत गांव-गांव में घर घर तक लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है. केन्द्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से संचालित हो रहे इस योजना में करोड़ों रुपये पानी के लिए पानी की तरह बहाया जा रहा है.जिले में जल जीवन मिशन योजना सिर्फ कागजों में ही सफलता की कहानी गढ़ रहा है जबकि हकीकत ठीक विपरीत है. जल जीवन मिशन योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकार ग्राम के प्रत्येक घरों तक नल-और जल का कनेक्शन देने मिशन मोड पर काम कर रही. समय सीमा में योजना के काम को पूरा करना.
ये भी पढ़ें- दुर्ग में माथे पर तिलक लगाकर स्कूल पहुंचा छात्र, शिक्षिका ने किया मना, ABVP ने जताया विरोध
2019 में शुरू हुई थी जल जीवन मिशन योजना
2019 से जिले में केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन योजना की शुरुआत हुई. कछुआ गति में चलती इस योजना का मुंगेली जिले में हाल बेहाल है. योजना के नाम पर सड़को को जगह जगह बेतरतीब खुदाई कर ऐसे ही छोड़ दिया गया है. कही टंकी ही नहीं बनी जो बनी वो गुणवत्ताहीन बनाया गया. मगर विभाग के अधिकारी एवं ठेकेदार के लिए यह योजना कई गांवों में कमाई का जरिया बना हुआ है. जिले के 370 ग्राम पंचायत के 674 ग्राम मे 168347 नल कनेक्शन का टारगेट है जहां विभाग के बताए अनुसार 146878 कनेक्शन दिए जा चुके हैं. जिले में 521 टंकिया स्वीकृत की गई जिसमे 214 टंकियों का निर्माण हो चुका है 261 टंकिया निर्माणाधीन हैं तो वहीं 46 टंकियों के निर्माण का कार्य अप्रारंभ है, मुंगेली में 39 गांव FHTC में रिपोर्ट दर्ज किया है, यानी इन गांव में शतप्रतिशत हर घर मे जल पहुचाया जा चुका है पर इन्ही गांव का ग्राउंड रिपोर्ट विपरीत है जहां नल कनेक्शन मजाक बना हुआ गांव में लगे नल कचरे में नजर आ रहे है, अधिकांश नलों में टोटी नही है वही सप्लाई महज कागजो में सीमित है साथ ही गांव में बनाए गए टंकी प्रायः सीपेज मार रहे है. विभागीय रिपोर्ट के अनुसार 112 गांव में कार्य पूर्ण हो चुके है लेकिन धरातल में सब अधूरे पड़े है तो कही कार्य प्रारंभ ही नही हो पाया है ये हम नही ग्रामीण बता रहे है जरा आप सुनिए क्या कहते है ग्रामीण. इस मामले पर कांग्रेस विधायक और पूर्व बिलासपुर लोकसभा कांग्रेस प्रत्याशी देवेन्द्र यादव ने गम्भीर आरोप लगाते हुए योजना पर बताया कि ये जो सड़क खोदते है उसको दूसरे मद से बनाकर उस राशि का बंदरबांट करते है वही ये सरकार 40 परशेन्ट कमीशन वाली सरकार है.
धरातल पर नहीं कागज पर हुए काम
इस मामले पर जब हम विभाग के प्रमुख कार्यपालन अभियंता आई पी मंडावी के पास पहुचे तो साहब कहते है बाईट देने का अधिकार उनके पास नही है कलेक्टर साहब से लेवे. वही कलेक्टर राहुल देव जल जीवन मिशन पर अपने जिले को देश और प्रदेश की रैंकिंग में अच्छी स्तिथि पर होना बता रहे 97 ग्रामों में पूर्णता का सर्टिफिकेट प्राप्त करने सहित जो गड्ढे बीच मे खोदे गए है उसे सुधार कर लिया जाएगा और समयावधि में जो कार्य अधूरे है उसे पूर्ण करा लेने की बात कही गई. मुंगेली जिले में जल जीवन मिशन में गुणवताहीन काम की वजह से राज्य स्तर से एक ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही हुई उसे कार्य से पृथक किया गया तो वहीं जिले स्तर पर 4 ठेकदारों पर कार्य में लापरवाही और कार्य मे विलंब की वजह से ब्लैकलिस्ट की कार्यवाही करते हुए कार्य से पृथक किया गया. मुंगेली जिला प्रदेश के डिप्टी सी एम अरुण साव का गृह जिला है साथ ही वो लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मंत्री भी है लोरमी क्षेत्र के ग्रामवासियों की शिकायत पर एक गुणवत्ताहीन निर्मित टंकी को उनके आदेश पर तोड़ कर नया निर्माण भी कराया जा रहा है, वहीं अब इस योजना को 100% पूर्ण करने की मियाद तारीख दिसंबर में हो जाएगी. ऐसे में 2019 से शुरू हुई यह योजना जिले में महज 50 फीसदी ही हो पाई तो क्या जो कार्य 5 साल में आधे हो पाए वो क्या 5 महीने में पूरे हो पाएंगे बहरहाल कागज का सवाल है उसमें पूर्ण कर लेना कोई बड़ी बात नही.