Chhattisgarh: बीजेपी सांसद और विधायक ने अपनी ही सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, कांग्रेस मुद्दा बनाकर प्रदेश में करेगी प्रदर्शन
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार को बने 8 महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका हैं.अब प्रदेश की साय सरकार अपने ही विधायक सांसदों से घिरती नजर आ रही है. क्या कारण है सांसद और विधायक सरकार को पत्र लिख रहे हैं. वही कांग्रेस पार्टी पत्र को मुद्दा बनाकर पूरे प्रदेशभर में प्रदर्शन करने जा रही है.
विजय बघेल के बाद अब बृजमोहन ने अपनी ही सरकार को लिखा पत्र
BJP के सांसद और विधायक अलग-अलग मुद्दों पर राज्य सरकार को पत्र लिखकर नाराजगी जाहिर कर रहे है.पहले सांसद विजय बघेल ने CM को पत्र लिखकर कर्मचारियो का मुद्दा उठाया, उन्होंने पत्र में इस बात का जिक्र किया कि कर्मचारियों का मुद्दा उलझा कर मत रखिए. जल्द उनकी मांगे पूरा करिये. बघेल ने कर्मचारियों कि बैठक में यह तक कह दिया कि आने वाले समय में आंदोलन होगा तो उसमें मैं भी शामिल होऊंगा. पत्र कि कड़ी में रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल का पत्र भी सामने आया है.
उन्होंने CM साय और केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमन को पत्र लिखकर प्रदेश में सीमेंट के दाम प्रति बोरी 50 रुपए बढ़ने पर नाराजगी जाहिर कि है. उन्होंने तत्काल बढ़ी कीमतें वापस लेने कि मांग की. वहीं रायपुर उत्तर विधायक ने बढ़ते अपराध पर चिंता जाहिर करते हुए. डिप्टी CM अरुण साव को पत्र लिखकर CCTV कैमरा लगाए जाने कि मांग की है. वहीं विधायक सांसदों के लगातार सरकार को पत्र लिखने पर डिप्टी CM अरुण साव ने कहां कि कोई राज्य सरकार के खिलाफ पत्र नहीं लिख रहे हैं. BJP के सभी लोग प्रदेश हित में काम कर रहे है.
कांग्रेस मुद्दा बनाकर करेगी प्रदर्शन
इधर BJP विधायक सांसदो के सरकार को पत्र लिखने पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा है. पीसीसी चीफ दीपक बैज ने प्रेसवार्ता निशाना साधते हुए सीमेंट का रेट बढ़ा कर लूटने का काम कर रही हैं. रेट गिट्टी और सीमेंट के दाम की बढ़ोतरी को लेकर कांग्रेस पूरे प्रदेश में प्रदर्शन करेगी. 11 सितंबर को पूरे प्रदेश में प्रेसवार्ता करेगी. 12 सितंबर को पूरा जिला मुख्यालय में एकदिवसीय धरना प्रदर्शन सरकार के खिलाफ किया जाएगा. बढ़े हुए दाम को वापस लेने का मांग सरकार से करेंगे.पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने कहा कि 9 महीने में कहीं कोई काम नहीं हुआ.सरकार में अयोग्य लो आ गए है. सरकार गिरने के डर से विधायक सांसद पत्र लिखने को मजबूर हो रहे हैं
सरकार जहाँ साँसद विधायकों के पत्र लिखने को राज्य के विकास के लिए बेहतर बता रही है तो कांग्रेस इसमें कमियां निकालकर सरकार को घेरते हुए नजर आ रही है.ऐसे में देखना होगा पत्र के माध्यम से माननियों की नाराजगी को सरकार दूर करने में कितनी कामयाब हो पाती है