Chhattisgarh: CGPSC घोटाला मामले में CBI की छापेमारी पर बोले सीएम- प्रदेश के युवाओं को मिलेगा न्याय

Chhattisgarh News: इस रेड के बाद CM विष्णुदेव साय ने ट्वीट किया है. CM ने लिखा है. सुशासन का नया अध्याय-प्रदेश के युवाओं को मिलेगा न्याय. इस ट्वीट को आप देख सकते हैं. तमाम नेताओं की प्रतिक्रिया भी सामने आई है.
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सीएम विष्णुदेव साय

Chhattisgarh News: पीएससी घोटाले की सीबीआई जांच के लिए 25 अप्रैल को अधिसूचना जारी की गई थी. छत्तीसगढ़ गृह विभाग से जांच की स्वीकृति मिलने के बाद यह नोटिफिकेशन केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जारी किया था. 25 अप्रैल को जारी अधिसूचना में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बालोद जिले के अर्जुंदा थाना में दर्ज FIR को क्लब करते हुए जांच करने का निर्देश CBI अफसरों को दिया था.

CBI ने आज कई जगहों पर की छापेमारी

आज से ठीक 23 दिन पहले 15 जुलाई 2024 को CGPSC परीक्षा में अनियमितता मामले में CBI ने पहली रेड मारी थी, जिसमें CGPSC के पूर्व अध्यक्ष​​​​ टामन सोनवानी और पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव के घर के साथ छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के कार्यालय शामिल था. अब ठीक 23 दिन बाद 8 अगस्त 2024 को CBI ने जांच आगे बढ़ाते हुए एक और बड़ा छापा मारा है. CGPSC घोटाले मामले में CBI ने सुबह कई जिलों की 15 जगहों में एक साथ छापा मारा. इनमें पूर्व राज्यपाल के सेक्रेटरी अमृत खालको, बिलासपुर के कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला, CGPSC के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवाली और श्रम पदाधिकारी सुनीता जोशी का मायका महासमुंद का हरदी गांव शामिल है. रायपुर में 6, दुर्ग भिलाई में 3, घमतरी में 2, महासमुंद में 2 और बिलासपुर में 1 और सरगुजा में 1 जगह पर CBI ने छापा मारा है. इससे लोगों के कान खड़े हो गए हैं.

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जहां-जहां CBI ने रेड मारी वहां जाकर आरोपियों से घोटाले को लेकर गहरी पूछताछ की गई. सबसे बड़ी बात ये हैं कि जिन पीएससी सलेक्टेड कंडीडेट्स का नाम फर्जी तरीके से परीक्षा पास करने में था, उनसे गहन पूछताछ पहली बार की गई है. किनसे की गई इस लिस्ट में लिखे नामों को देखिए इनसे की गई है. जो भी दबिश के दौरान मिला सबसे आरोपों पर बातचीत की गई.

इनकी नियुक्ति को चुनौती

1. नितेश-
चयनित पद- डिप्टी कलेक्टर
कौन- PSC के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी का दत्तक पुत्र
आरोप- सरनेम छिपाया गया

2. साहिल-
चयनित पद- डीएसपी
कौन- पीएससी के अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के बड़े भाई का बेटा
आरोप- सरनेम छिपाया गया

3. निशा कोशले
चयनित पद- डिप्टी कलेक्टर
कौन- पीएससी के अध्यक्ष टामन सिंह के पुत्र नितेश की पत्नी

4. दीपा अजगले आडिल
चयनित पद- जिला आबकारी अधिकारी
कौन- पीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के भाई की बहू

5. सुनीता जोशी
चयनित पद- लेबर आफिसर,
कौन- पीएससी के अध्यक्ष तामन सिंह सोनवानी की बहन की बेटी

6. सुमित ध्रुव,
चयनित पद- डिप्टी कलेक्टर,
कौन- लोक सेवा आयोग के सचिव अमृत खलखो का बेटा

7. नेहा खलखो,
चयनित पद- डिप्टी कलेक्टर,
कौन- लोक सेवा आयोग के सचिव अमृत खलखो की बेटी

8. निखिल खलखो,
चयनित पद- डिप्टी कलेक्टर,
कौन- लोक सेवा आयोग के सचिव अमृत खलखो का बेटा

9. साक्षी ध्रुव,
चयनित पद- डिप्टी कलेक्टर
कौन- बस्तर नक्सल आपरेशन के डीआइजी ध्रुव की बेटी

10. प्रज्ञा नायक,
चयनित पद- डिप्टी कलेक्टर
कौन- कांग्रेस नेता के ओएसडी के रिश्तेदार की बेटी

11. प्रखर नायक,
चयनित पद- डिप्टी कलेक्टर,
कौन- कांग्रेस नेता के ओएसडी के रिश्तेदार का बेटा

12. अन्यया अग्रवाल,
चयनित पद- डिप्टी कलेक्टर,
कौन- वरिष्ठ कांग्रेस नेता की पुत्री

13. शशांक गोयल,
चयनित पद- डिप्टी कलेक्टर,
कौन- वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुधीर कटियार का दामाद

14. भूमिका कटियार,
चयनित पद- डिप्टी कलेक्क्टर,
कौन- वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुधीर कटियार की बेटी

15. खुशबू बिजौरा,
चयनित पद- डिप्टी कलेक्टर,
कौन- कांग्रेस नेता के ओएसडी के साढू भाई की बेटी

16. स्वर्णिम शुक्ला,
चयनित पद- सहायक आयुक्त आदिवासी विकास,
कौन- कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला का बेटा

17. राजेंद्र कुमार कौशिक,
चयनित पद- डिप्टी कलेक्टर,
कौन- वरिष्ठ कांग्रेस नेता का पुत्र

18. मिनाक्षी गनवीर,
चयनित पद- डिप्टी कलेक्टर,
कौन- टामन सिंह सोनवानी के करीबी की बेटी

सुशासन का नया अध्याय-प्रदेश के युवाओं को मिलेगा न्याय – CM विष्णुदेव साय

यही नहीं इस रेड के बाद CM विष्णुदेव साय ने ट्वीट किया है. CM ने लिखा है. सुशासन का नया अध्याय-प्रदेश के युवाओं को मिलेगा न्याय. इस ट्वीट को आप देख सकते हैं. तमाम नेताओं की प्रतिक्रिया भी सामने आई है.

छत्तीसगढ़ की पिछली कांग्रेस सरकार ने पीएससी जैसी स्वच्छ छवि वाले संस्थान में घोटाला कर उसको बदनाम किया, प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया. अब सुशासन की सरकार में घोटालों की तह तक जांच हो रही है,…

— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) August 7, 2024

जानिए क्या है, CGPSC घोटाला?

दरअसल सीजीपीएससी परीक्षा 2021 में 171 पदों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी. प्री-परीक्षा 13 फरवरी 2022 को आयोजित की गई थी. इसमें 2 हजार 565 पास हुए. 26, 27, 28 और 29 मई 2022 को आयोजित मुख्य परीक्षा में 509 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए। इंटरव्यू के बाद 11 मई 2023 को 170 अभ्यर्थियों की चयन सूची जारी की गई थी और इसी सूची में चयन को लेकर ये पूरा बखेड़ा खड़ा हुआ. इस परीक्षा के रिजल्ट के बाद और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पूर्व गृहमंत्री व भाजपा नेता ननकीराम कंवर ने सीजी पीएससी फर्जीवाड़े को लेकर बड़ा खुलासा किया. पूर्व गृहमंत्री ने जनहित याचिका तक लगाई और इनकी जनहित याचिका के बाद से ही इस पूरे मामले की जांच को लेकर पृष्ठभूमि बनी. इसके बाद 2020-2022 भर्ती के दौरान डिप्टी कलेक्टर, डिप्टी एसपी और वरिष्ठ पदों के चयन में पक्षपात के आरोप लगे हैं. CGPSC समेत बाकी आरोपियों के खिलाफ ईओडब्ल्यू/एसीबी पुलिस स्टेशन, रायपुर में अपराध संख्या 05/2024 और बालोद जिले में स्थित अर्जुन्दा पुलिस स्टेशन में अपराध संख्या 28/2024 के तहत केस दर्ज किया गया. 2020-2022 में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग में पदस्थ अफसरों पर आरोप है, कि उन्होंने अपने बेटे, बेटी, रिश्तेदारों, अपने परिचितों को भर्ती करके अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया। खुद के अलावा सरकारी अफसरों, कारोबारियों और राजनेताओं के बच्चों का भी सिलेक्शन नियमों के खिलाफ हुआ है. FIR में आयोग के पूर्व चेयरमैन टामन सोनवानी, पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव, परीक्षा नियंत्रक सहित अन्य अफसरों और नेताओं का नाम शामिल हैं.

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