Chhattisgarh: शैक्षणिक संस्थान के लिए नीति और मापदंड तय करने का अधिकार केंद्र सरकार को – हाई कोर्ट की टिप्पणी
Chhattisgarh News: हाई कोर्ट ने कहा है कि प्रवेश के लिए नीति बनाना और मापदंड तय करना केंद्र सरकार का अधिकार है और छात्र छूट के लिए दावा नहीं कर सकते. डिवीजन बेंच ने यह भी कहा कि हमें लगता है कि इस मसले पर केंद्र सरकार को कोर्ट परमादेश भी जारी नहीं कर सकता. केंद्र सरकार ने आईआईटी, एनआईटी में एडमिशन के लिए नया मापदंड तय कर दिया है. सऊदी अरब निवासी आठ से अधिक छात्रों ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से इसे चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई करते हुए डिवीजन बेंच ने याचिका को खारिज कर दिया है. केंद्र सरकार की पालिसी के तहत विदेशी स्टूडेंट को डायरेक्ट एडमिशन आफ स्टूडेंट्स के तहत व्यावसायिक शिक्षण संस्थानों में एडमिशन देने का प्रावधान है सऊदी अरब में रहने वाले स्टूडेंट्स शेख मुनीर, सुहास काम्मा, श्रियांस कुमार, आफिया अनीस, रंजीत, राघव सक्सेना सहित अन्य ने अपने अधिवक्ता के जरिए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। दायर याचिका में विदेश स्टूडेंट्स ने कहा था कि एनआईटी, आईआईटी व अन्य संस्थानों में डासा योजना के तहत एडमिशन के लिए पात्र है.
शैक्षणिक संस्थान के लिए नीति और मापदंड तय करने का केंद्र सरकार को अधिकार
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने शैक्षणिक योग्यता के लिए निर्धारित मानदंड में बदलाव किया है इसके चलते वे एडमशिन नहीं करा पा रहे हैं। याचिकाकर्ताओं ने बताया कि वर्ष 2024-25 के लिए स्नातक कोर्स में एडमिशन के लिए पूर्व में 60 फीसदी अंक निर्धारित थे. एन आर आई स्टूडेंट्स के लिए है पालिसी केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने वर्ष 2001-02 में विदेशी नागरिकों, भारतीय मूल के विदेश में रहने वाले, अप्रवासी भारतीयों और एनआरआई को देश के प्रमुख 66 तकनीकी शिक्षा संस्थानों में प्रवेश के लिए डासा योजना लागू की गई है. शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए डासा योजना के तहत प्रवेश प्रक्रिया संचालित करने का जिम्मा एनआईटी रायपुर को सौंपा गया है. शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के लिए प्रवेश प्रक्रिया के समन्वय का काम एनआईटी कालीकट को मिला था. 30 जनवरी 2024 को अधिसूचना जारी की गई. इसके तहत डासा योजना से एडमिशन के लिए निर्धारित अंकों में बदलाव किया गय। याचिकाकर्ता स्टूडेंट्स के अनुसार केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने प्रवेश के लिए शैक्षणिक योग्यता को 60 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दिया है.
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कोविड-19 में दी गई थी छूट
मामले की सुनवाई के दौरान एनआईटी रायपुर की ओर से डिवीजन बेंच को जानकारी दी गई कि विशेषज्ञों व कोर कमेटी से विचार विमर्श के बाद कक्षा 12वीं में 75 प्रतिशत अंक की अर्हता तय की गई है. एनआईटी ने कोर्ट को बताया कि कोविड-19 महामारी के कारण वर्ष 2020-21 से 2023-24 तक कक्षा 12वीं के लिए अंकों में छूट दी गई थी, लेकिन वर्ष 2024-25 से कोई छूट नहीं दी जा रही है.