Chhattisgarh: अरपा नदी में टावर की जगह लगा दिए डबल स्ट्रक्चर पोल, कम ऊंचाई वाले हाईटेंशन लाइन से पोल के गिरने का खतरा

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ राजस्व आपदा प्रबंधन विभाग ने 1 जून 2016 को विद्युत वितरण विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी देकर खतरे से अवगत करवाया है.
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अरपा नदी के ऊपर से गुजरी हाईटेंशन लाइन

Chhattisgarh: बिजली वितरण कंपनी ने बिलासपुर शहर के लोगों की जान खतरे में डाल दी है. अरपा नदी के ऊपर से गुजरी हाईटेंशन लाइन को सहारा देने टावर की जगह डबल पोल स्ट्रक्चर का इस्तेमाल किया गया है, जिसके चलते इसकी ऊंचाई मापदंडों के हिसाब से बहुत कम है. बिजली के अधिकारियों ने इसकी सूचना एसडीएम को भेजकर यहां चार नए टावर लगाने की बात कही है. उन्होंने स्पष्ट किया है कि बारिश से पहले ये काम नहीं हुए तो पानी के तेज प्रवाह और भूस्खलन से यहां पाेल कभी भी गिरकर बिजली का ब्रेक डाउन कर सकते हैं. इसके अलावा करंट से बड़ा खतरा भी हो सकता है. इसके बावजूद अभी तक यहां इसमें सुधार की प्रक्रियाएं नहीं बढ़ाई जा रही है.

छत्तीसगढ़ स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी के अउदा निर्माण संभाग ने 26 जून को बिलासपुर और तखतपुर के अनुविभागीय अधिकारी को इसकी सूचना भेजी है. उन्होंने बताया है कि सेंदरी उपकेंद्र से घुटकू तक अरपा नदी से गुजरे 33 केवी लाइन की ऊंचाई बढ़ाना बहुत जरूरी है. वर्तमान में इन उपकेंद्रों को जोड़ने वाली लाइन की डीपी यानी डबल पोल स्ट्रक्चर अरपा नदी में पानी के प्रवाह से बहुत कम है. इसके चलते इस लाइन में ब्रेकडाउन होना संभावित है. इसके चलते शहर और गांवों में बिजली आपूर्ति प्रभावित हो सकती है.

बड़ी बात यह है कि ऐसा हुआ तो बिजली विभाग के पास बिजली गुल से राहत देने का कोई विकल्प भी नहीं है. उन्होंने एसडीएम को मुख्यमंत्री अधोसंरचना में यहां चार नए टावर की मंजूरी मिलने और इसे लगाने की बात कही है. इसके लिए उन्होंने कुछ किसानों की जमीन अधिग्रहित करने और उन्हें मुआवजा भुगतान करने के लिए पत्राचार किया है. फिलहाल इसकी प्रक्रियाएं अधर में है. इसमें किसी तरह का कोई काम शुरू नहीं हो पाया है.

पानी के बढ़ने पर ज्यादा समस्या

अरपा नदी पर से गुजरी लाइन की व्यवस्थाएं को लेकर कुछ बिजली अधिकारियों ने बताया कि यहां की ऊंचाई फिलहाल 15 मीटर है, जबकि यह नियम से 20 मीटर होना चाहिए. नदी के ऊपर से गुजर रही बिजली क्रासिंग लाइन इसलिए संवेदनशील है क्योंकि नीचे पानी है और बारिश के दिनों में इसकी चाल बदलते रहती है. यही वजह है कि यहां मजबूत टावर लगने जरूरी हैं, जबकि यह कमजाेर पैरानों पर खड़ा है. ऐसी दिक्कतों को देखकर 220 केवी टावर से इसकी ऊंचाई की क्षमता बढ़ानी जरूरी है.

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अरपा के दोनों छोर पर लगेंगे दो-दो टावर

बिजली विभाग अरपा के दोनों छोर पर ऊंचाई वाले अलग अलग टावर लगाने की बात कह रहा है. छत्तीसगढ़ राजस्व आपदा प्रबंधन विभाग ने 1 जून 2016 को विद्युत वितरण विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी देकर खतरे से अवगत करवाया है. यहां घुटकू, कछार और तखतपुर के कई किसानों की जमीनें टावर लगने वाली जगह की जद में आ रही हैं. इसके चलते फिलहाल टावर लगने का मामला अटका हुआ है.

मधुबन से शनिचरी तक प्रस्ताव

बता दें कि शहर में गांधी चौक के पास मधुबन और शनिचर क्षेत्र में भी इसी तरह की परेशानी है. यहां भी टावर लगाने और नदी के ऊपर से गुजरी लाइन को बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार है. ट्रांसमिशन डिपार्टमेंट के अधिकारी इसका प्रस्ताव भेज रहे हैं, जबकि घुटकू में टेंडर की प्रक्रिया बढ़ाने की बात कही जा रही है. इससे यहां की लाइन व्यवस्थित हो सकेगी.

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