Chhattisgarh: खैरागढ़ के श्री साईं अस्पताल में गलत इंजेक्शन लगाने से मरीज के कमर के नीचे में बना पस, मरीज का इलाज जारी

Chhattisgarh News: एक चौंका देने वाला मामला खैरागढ़ जिले से सामने आया है, जहां जिले के ग्राम विक्रमपुर निवासी हेमंत वर्मा ने खैरागढ़ जिले के दाऊ चौरा वार्ड पे स्थित निजी अस्पताल श्री साईं अस्पताल पर गलत इंजेक्शन लगाकर ईलाज किये जाने का आरोप लगाया है.
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Chhattisgarh News: डॉक्टरों को भगवान कहा जाता है लेकिन जिले में निजी अस्पताल के डॉक्टर आजकल मरीजों को गलत इंजेक्शन लगा कर उनकी और तकलीफ बड़ा रहे हैं , साथ ही ईलाज के नाम पर दुगनी कीमत वशूली जा रही है. ऐसा ही एक चौंका देने वाला मामला खैरागढ़ जिले से सामने आया है, जहां जिले के ग्राम विक्रमपुर निवासी हेमंत वर्मा ने खैरागढ़ जिले के दाऊ चौरा वार्ड पे स्थित निजी अस्पताल श्री साईं अस्पताल पर गलत इंजेक्शन लगाकर ईलाज किये जाने का आरोप लगाया है.

गलत इंजेक्शन लगाने से मरीज के कमर के नीचे में बना पस

मरीज का कहना है कि श्री साईं अस्पताल के स्टाफ नर्स के द्वारा इंजेक्शन लगाने में बरती गई लापरवाही के चलते मरीज के कूल्हे में गठान बनकर, पस(मवाद) बन गया था. जिससे पूरे पीछे के हिस्से में गठान बनकर सूजन आ गई. मरीज को उठने बैठने से लेकर चलने में भी तकलीफ शुरू हो गयी थी. तकलीफ ज्यादा होने पर मरीज हेमंत ने सरकारी अस्पताल के सर्जन डॉक्टर परिहार से अपना उपचार करवाया जा रहा है.

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मरीज का इलाज जारी

जहां पर मरीज ने पूर्व में श्री साईं अस्पताल से करवाये गए इलाज के बारे में डॉक्टर परिहार को पूरी बात बताई. आरोप है कि कुछ सप्ताह पहले जब वह अपनी पत्नी का ईलाज करवाने खैरागढ़ के निजी अस्पताल श्री साईं अस्पताल गया हुवा था. जहां हेमंत वर्मा को भी पेट में दर्द होने की तकलीफ हुई जिस पर साईं हॉस्पिटल के प्रबंधन द्वारा 1600 रूपये लेकर उसका गलत ईलाज करते हुए कमर पे इंजेक्शन लगा दिया गया है. जिसके कुछ दिन बाद इंजेक्शन लगे स्थान पर गठान बन गया. जहां पर मवाद भर गया. जिसका ईलाज खैरागढ़ सरकारी अस्पताल के सर्जन डॉक्टर परिहार ने मरीज का उपचार किया है. जिस पर मरीज ने बड़ा खुलासा करते हुए निजी अस्पताल की नर्स के द्वारा लगाए गए गलत इंजेक्शन की बड़ी लपारवाही को उजागर किया है.

ईधर निजी अस्पताल के डॉक्टर मुकेश वर्मा का कहना है की हेमंत वर्मा को हाथों के नब्ज में ही इंजेक्शन लगाया गया है , उसे आकर हमसे मिलना चहिए था. हमने उनके हाथ में ही इंजेक्शन लगाया है. मरीज जो आरोप लगा रहा है वह सरासर सब गलत आरोप है.

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