Chhattisgarh: गेल इंडिया लिमिटेड से दुर्ग के किसान परेशान, खेतों में लगी फसल पर चलाया जेसीबी
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है. छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा धान की खेती होती है. प्रदेश के अधिकत्तर किसान धान की ही खेती करते है. दुर्ग जिले के अन्नदाता किसान इन दिनों गेल इंडिया की गैस पाइपलाइन परियोजना से बेहद परेशान है. मानसून आते ही खेती का दौर शुरू हो गया है पर दुर्ग जिले के किसान खेती नहीं कर पा रहे है उसकी वजह है गेल इंडिया की गैस पाइपलाइन परियोजना जिसका किसान पिछले एक साल से किसान विरोध कर रहे है.
किसानों का आरोप पुलिस के संरक्षण में खेतों में चलायी जेसीबी
किसान रघुवर प्रसाद साहू ने दिनांक 27 जून 2024 को दुर्ग जिले के ग्राम ढौर में गेल इंडिया के 15-20 कर्मचारी पुलिस लेकर आए और गेल इंडिया के अधिकारीयो ने 5 किसानों के खेतों में जे.सी.बी. चलाकर फसल बर्बाद कर दी. इस कार्यवाही से ग्राम ढौर के किसान काफी नाराज है. पिछले 2 साल से गैस पाइपलाइन परियोजना के चलते हम खेती किसानी नहीं कर पा रहे है. इस साल फसल की बोआई किए एक हफ्ता ही हुआ था कि गेल इंडिया ने मेरे खेत में लगी फसल पर बुलडोजर चला कर फसल बर्बाद कर दी. जिससे हम किसानों को काफ़ी आर्थिक नुक़सान हुआ है. मैंने इस साल खेती करने के लिए सोसाइटी से कर्जा लिया है और अब गेल इंडिया वाले पाइपलाइन डालने आ गए. हमारे खेतो में होने वाले नुकसान का पंचनामा गलत तरीके से बनाया गया है जिसका हमने विरोध किया था पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
किसानों ने बताई अपनी समस्या
किसान हरिचंद साहू ने बताया कि अभी खेती का सीजन चल रहा है हम अपने खेत में धान उगा रहे हैं. लेकिन गेल इंडिया के कर्मचारी मुझे बिना बताए मेरे खेत पर जेसीबी चल दिए गेल इंडिया के लोगों ने मेरा खाता नंबर लिया और मुआवजा के तौर पर मात्र 2 लाख मेरे खाते में डाल दिया, मैं कहता हूं कि मैं 3 लाख दे रहा हूं मेरी जमीन मुझे दे दीजिए. आगे किस हरिश्चंद्र साहू ने कहा कि अभी हम खेती कर रहे हैं खेती होने के बाद चार-पांच महीने बाद जेल इंडिया अपना पाइप लाइन बिछा दे लेकिन गेल इंडिया कंपनी के कर्मचारियों ने मेरी एक भी बात नहीं मानी और मेरे खेत में बुलडोजर चला दिया. मेरा आय का स्रोत खेती किसानी ही है अगर मेरा खेत नहीं रहेगा तो मैं जिंदा रहकर क्या करूंगा मुझे मार डालो.
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आगे विस्तार न्यूज गेल इंडिया जहां पर पाइपलाइन बिछा रहा था उस जगह पर पहुंचे तो हमने देखा एक खेत में गेल इंडिया कंपनी के कर्मचारी पाइपलाइन बिछा रहे हैं हमने पता कर किया कि यह खेत किसका है तो हमें पता चला कि यह खेत सावत राम ठाकुर का है हमने किसान सावत राम ठाकुर से बात किसान सावत राम ठाकुर ने बताया कि मेरे खेत से इस पाइपलाइन के लिए 10 डिसमिल जगह निकल रहा है और उसके आवाज में मुझे मात्र 84 हजार रुपए दिए हैं मैंने कंपनी के लोगों से कहा कि अभी खेती का सीजन चल रहा है मैंने थरहा लगा लिया है और इस खेत में बोउंगा जब फसल कट जाएगी तो आप पाइपलाइन बिछा लीजिएगा. लेकिन कंपनी के अधिकारी मेरी एक नहीं सुनी मेरी इस जमीन की वर्तमान कीमत करोड़ों में है लेकिन मुझे मात्र 84000 मुआवजा के तौर पर देकर मुझे डराया धमकाया जा रहा है, पाइपलाइन बिछाने की वजह से मेरा डेढ़ एकड़ की जमीन प्रभावित हो रहा है मैं इस बार कर पा रहा हूं कर्ज लेकर मैं खेती करने की शुरुआत की थी लेकिन अब क्या करूं अपने खेत को गुजरा अपनी आंखों के सामने देख रहा हूं अब मुझे चिंता है कि मैं इस साल खेती नहीं करूंगा तो अपने परिवार को क्या खिलाऊंगा.
जिम्मेदार नहीं दे रहे जवाब
किसानों से बात करने के बाद हमने जिम्मेदार जो अधिकारी है उनसे बात करने की कोशिश की लेकिन वहां पर कोई भी ऐसा जिम्मेदार अधिकारी नहीं मिला लेकिन जब हमने वहां कैमरा शुरू किया तो कुछ अधिकारी वहां पर जो मौजूद थे जहां काम चल रहा था वह कैमरा देखकर भागने लगे हमने वहां जो काम कर रहे थे एक कर्मचारी से बात करने की कोशिश की उस कर्मचारि ने अपना नाम विनय बताया और उन्होंने बताया कि मैं यहां लाइजिनिग का काम करता हूं कंपनी के द्वारा, हमने उनसे बात किया और पूछा कि यहां क्या काम चल रहा है तो उन्होंने बताया कि गेल इंडिया कंपनी का पाइप बिछाने का काम चल रहा है. हमने उनसे कहा कि आप लोग किसानों को मुआवजा का आकलन कैसे करें उन्होंने कहा कि यहां के जो अधिकारी है वह मुआवजा तय कर रहे हैं बहुत किसानों को मुआवजा मिल चुका है कुछ किसानों को मुआवजा नहीं मिला है हम उनसे बात कर रहे हैं, लेकिन हमने उनसे एक सवाल किया कि आप लोग बिना किसी जानकारी की किसान के खेत में लगे फसल पर जेसीबी क्यों चल दिए तो उस पर विनय का कहना था कि यह तो गलत हुआ है ऐसा नहीं करना चाहिए, यह सब के बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता वह अधिकारी ही बता सकेंगे.
आपको बता दे कि पिछले एक साल से प्रभावित किसान लगातार आंदोलन कर रहे है पर जिला प्रशासन और गेल इंडिया कोई संज्ञान नहीं ले रहे है. दुर्ग संभाग उपायुक्त ने 05 मार्च 2024 को ज्ञापन लेते हुए कहा थी कि जल्द जाँच करवाएंगे और किसानो की एक सैयुक्त बैठक बुलाई जाएगी लेकिन आज दिनांक तक न कोई जाँच हुई और न ही कोई बैठक बुलाई गई. जिला प्रशासन और गेल इंडिया किसानो से धोखा धडी कर रहे है. दुर्ग के 10 गाँव में गैस पाइपलाइन डाल दी गई लेकिन अभी तक अधिकतर किसानो को मुआवजा का भुगतान नहीं हुआ है. किसान अपना पैसा लगा कर खेत को समतल कर रहे है जब की यह काम गेल (इंडिया) को करना था. कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया है अब 21 गाँव के समस्त प्रभावित किसान एक बड़ा आंदोलन जिला मुख्यालय में करने की तैयारी कर रहे है.