Chhattisgarh: भूपेश बघेल ने बीजेपी पर साधा निशाना, बोले- सरकार बने 6 महीने हो गए, अभी तक कोई जांच नहीं हुई पूरी
Chhattisgarh News: पूर्व सीएम भूपेश बघेल आज दिल्ली और हिमाचल दौरे पर रवाना हुए. जाने से पहले रायपुर एयरपोर्ट पर उन्होंने कहा कि दिल्ली से हिमाचल और हिमाचल से उत्तर प्रदेश आखिरी चरण का जो चुनाव है उसमें भाग लेने जा रहा हूं. साथ ही उन्होंने बीजेपी पर भी जमकर निशाना साधा है.
भूपेश बघेल ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
देश का माहौल इसी से पता चल जाता है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता बहकी-बहकी बात करने लगे हैं. प्रधानमंत्री कहते हैं हो सकता है, मेरा जन्म बायोलॉजिकल नहीं है. वह परमात्मा के दूत के रूप में आए हैं, उसी को साबित करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा यह कहते हैं कि जगन्नाथ जी मोदी जी के भक्त हैं. यह स्थिति इनकी हो गई है. कल प्रधानमंत्री ने कहा यह बैंक बंद कर देंगे. बैंक का राष्ट्रीयकरण कांग्रेस ने किया था. आप खाते लूट लेंगे. इस प्रकार की बातें इनके कार्यकाल में बैंक बंद हो गया और लूट के भागने वाले 10 साल में वापस आए भी नहीं. दूसरी बात यह कहते हैं कि बिजली कनेक्शन वह काट देंगे अपने बिजली कितना लगाया है 2-4-5 हज़ार गांव में उसके पहले लाखों गांव में बिजली कांग्रेस शासन काल में लगा है आपने क्या किया है फिर बोलते हैं की टोटी चोरी करके यह ले जाएंगे. इससे हास्यास्पद बात और क्या हो सकती है.
नारायणपुर में हुई मुठभेड़ पर दी प्रतिक्रिया
भूपेश बघेल ने कहा कि हमारे सरकार के पहले जो सत्ता में थे, बफर जोन में ही कैंप खुले थे. रिकॉर्ड आप निकल कर देखें. जितने भी कोर एरिया में कैंप खुले हैं, वह हमारी सरकार के समय खुले हैं. कोर सेक्टर में हमने कैंप खोल सड़कों के जाल बिछाए बिजली का भी प्रबंध किया सारी सुविधाओं की व्यवस्था की जॉब कार्ड राशन कार्ड नहीं बने थे. सबको हमने बनाया. उनके शासनकाल में होता था मई महीना आता था सारे मीडिया में यही चलता था कि राशन कैसे पहुंचेगा? एक ट्रक राशन पहुंचाने में चार कॉलम की खबरें छपती थी. सफलतापूर्वक राशन पहुंचा यह सारी स्थिति दूर हो गई है. अब सब कुछ आसानी से पहुंच रहा है. कोर सेक्टर में कैंप खुल रहा है, तो सर्चिंग आसानी से होती है. आज अपनी पीठ थपथपा रहे हैं, कारण यह है हमने सारी चीजों की व्यवस्था की. इंद्रावती नदी में दो पुल हमने बनाए. अंदर गांव में आंगनबाड़ी केंद्र, पीडीएस खुला, सड़के बनी. हजारों पट्टे दिए गए, कैंप खुला तब जाकर ऐसी स्थिति बनी है, लेकिन आप अपनी पीठ थपथपा रहे हैं. इसलिए क्योंकि पुराना इंफ्रास्ट्रक्चर था इसलिए आप कह रहे हैं.
झीरम मामले में लोगों को अभी तक नहीं मिल न्याय
झीरम मामले में इसलिए न्याय नहीं मिल पाया है, क्योंकि एनआईए से हमने बार-बार कहा आप जांच नहीं कर पा रहे हैं. फाइनल रिपोर्ट अपने सबमिट कर दी राज्य सरकार को जांच शॉप दे उन्होंने नहीं सौंपा केंद्रीय गृहमंत्री जब आए थे बैठक हुई थी. मैंने मांग उठाई थी अनेक पत्राचार राज्य सरकार ने किया मैंने एनआईए होम मिनिस्ट्री को पत्र लिखा था आखरी में उन्होंने कहा आप पत्र मत लिखिए हम नहीं दे पाएंगे इसका मतलब षड्यंत्र हुआ था उसको छुपाने की कोशिश की जा रही है और यह मजाक कर रहे हैं कि आपके जेब में है, मतलब विजय शर्मा की हिम्मत है कि मेरे जेब से निकाल ले आप सत्ता में बैठे हैं तो इसका मतलब यह नहीं की किसी के गिरेबान में हाथ डालने का आपको अधिकार मिल गया आपको किसने अधिकार दे दिया कि जेब से निकलना पड़ेगा। केंद्र में हम सरकार में आ रहे हैं एनआईए सही दिशा में जांच करेगी. एनआईए को इन्होंने पंगु बनाकर रखा है ईडी आईटी को पंगु बनाकर रखा है.
साय सरकार अब किसी नगर सैनिक या कोतवाल से कराएंगे घोटाला की जांच
शराब घोटाला, कोयला घोटाला मजेदार बात यह है, पहले आईटी ने जांच की उसके बाद ईडी ने जांच के 2 साल हो गया. वह फाइनल रिपोर्ट सबमिट ही नहीं कर पाए हैं. अब उन्होंने ईओडब्ल्यू को दे दिया. वह भी क्या कर लेंगे जब 2 साल तक आईटी और ईडी ने जांच किया है, उसके बाद आप क्या जांच कर लेंगे मुझे लगता है. साय सरकार किसी नगर सैनिक या कोतवाल से जांच कराएंगे. केंद्रीय एजेंसी जांच कर ली उसमें कुछ नहीं मिला और आप फाइनल रिपोर्ट सबमिट नहीं कर पाए 2 साल हो गया उसके बाद अब अपनी जान छुड़ाने के लिए उन्होंने ईओडब्ल्यू को दे दिया, ईओडब्ल्यू क्या करेंगे लिकर के मामले में सुप्रीम कोर्ट उस कैस को खारिज कर दिया अब ईओडब्ल्यू में एफआईआर दर्ज कर पकड़ लिया जो आपको अधिकार मिला है. उसका सीधा-सीधा दुरुपयोग दिखाई देता है कोयला मामले में भी आप लोग क्या कर रहे हैं फाइनल रिपोर्ट तो अपने सबमिट नहीं किया क्यों नहीं किया 2 साल बीत गया अब ईओडब्ल्यू को दे दिए वह रिमाइंड पर लिए हैं यह सारी चीज बदले की भावना से राजनीति आप कर रहे हैं यह राजनीतिक मामला है इसके अलावा उनके पास कुछ नहीं है आपके पास कुछ होता तो फाइनल रिपोर्ट सबमिट कर देना चाहिए. 2 साल 3 साल से आप जांच कर रहे हैं और रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं कर पा रहे हैं इससे हास्यास्पद बात क्या होगी. आखिर आप क्या छुपाना चाहते हैं हम कहते रहे हमको दो हम जांच करेंगे हमने क्लोजर रिपोर्ट फाइल कर दिया उसके बाद एनआईए है उसे राज्य सरकार को नहीं दिया.
अभी तक कोई जांच पूरी नहीं हुई – भूपेश बघेल
केवल गुमराह कर रहे हैं गोठान में भी स्थिति यह है सारी महिलाएं वापस हो गई हैं वर्मी कंपोस्ट बना है उसका भुगतान नहीं हुआ आप भुगतान नहीं करेंगे गरीबों को। गरीबों के साथ अपने मजाक बनाया है जांच करने की बात कर रहे हैं जांच करने की घोषणा कर दिए जांच में हुआ क्या कौन से गोठान में जाकर किस जिले में जाकर अपने जांच की, केवल गोठान अपने बंद कर दिया आने वाले बरसात में उसका असर दिखाई देगा जब फसल बोने में किसानों को कठिनाई होगी आपको कोई लेना-देना नहीं है आपको केवल बदनाम करना था आप तो गौ भक्त नहीं है गौ मांस के जो निर्यातक हैं उसे अपने ढाई सौ करोड़ रुपये चंदा लिया है तो गौ माता के सेवक बनने का आप ढूंढ तो नहीं कर सकते आपके हाथ गौ माता के खून से सने हुए हैं ढाई सौ करोड़ रुपये लिया है आपने एसबीआई की सूची में स्पष्ट है आपके पूरे अधिकारियों के हाथ रंगे हैं गौ माता के खून से.
पुनर्वास नीति को लेकर विजय शर्मा पर साधा निशाना
भूपेश बघेल ने कहा कि मूर्खतापूर्ण बात कर रहे हैं, यह आपको इतने साल हो गए आप पुनर्वास नीति की बात कर रहे हैं जितने भी नक्सली आत्म समर्पण किए हैं वह पुनर्वास नीति के कारण किए हैं, उन लोगों के जो उनके शासनकाल में आत्मसमर्पण किए थे. उनका मकान तक नहीं मिला था दंतेवाड़ा में हमने फ्लैट बनाए चाबी दी , राज्यपाल के साथ हम लोग गए थे. देवकी कर्म साथ में थी हमने सबको घर दिया जमीन दी सब कुछ हम लोगों ने किया और कौन सी पुनर्वास नीति बनाएंगे विजय शर्मा तय कर ले जिस दिन गृहमंत्री बने उन्होंने कहा नक्सली से हम बात करेंगे फिर उन्होंने क्या नक्सली मुझे टेलीफोन से भी बात कर सकते हैं कितने टेलीफोन से नक्सलियों ने बात की कितने बार नक्सलियों का फोन आया प्रदेश में बताएं नक्सलियों से मीटिंग करने का आपने क्या प्रयास किया. अब नक्सली आत्मसमर्पण नीति के बारे में बताएं पहले वह मीटिंग का क्या हुआ यह बताएं.
अब तक कोई जांच पूरी नहीं हुई
भूपेश बघेल ने कहा कि बीजेपी सरकार को 6 महीने हो गए है, 6 महीने में सिर्फ हैंड-ओवर किया हैं. उन्होंने कहा था कि पहले कैबिनेट में 18 लाख आवास मिलेगा. लेकिन आवास का आता-पता नहीं है. कहते है, विष्णुदेव साय-साय फैसला कर रहे हैं, लेकिन जो फैसला कर रहे हैं, वह कैबिनेट की बजट में शामिल नहीं होता है. आप पीएससी के बारे में राज्यपाल के भाषण में डलवाया 6 महीना हो गया अभी तक हैंडोवर नहीं हुआ जांच क्या करेंगे केवल आप राजनीतिक लाभ के लिए बोले ताकि लोग धीरे-धीरे भूल जाए कार्रवाई करें जो गलत किया उसे फंसी टांगें.