Gariaband: 20 दिन में 15 लोगों ने किया सुसाइड अटेंप्ट, 3 की मौत, SDM-SDOP ने कैंप लगाकर की काउंसलिंग
गरियाबंद
पुरुषोत्तम पात्र (गरियाबंद)
Gariaband: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के इन्दागांव से हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां सिर्फ 20 दिनों में 15 लोगों ने सुसाइड अटेंप्ट किया है. इनमें से 3 लोगों की मौत हो गई है.
गांव के हालात ऐसे बन गए हैं कि रोजाना कोई न कोई आत्महत्या की सोचने लगा है।पुलिस और प्रशासनिक अफसर भी पहुंचे फिर नहीं थमा तो ग्रामीणों ने देवी देवता का भी शरण लेकर इस बला को दूर करने का मिन्नत कर रहे.
15 लोगों ने किया सुसाइड अटेंप्ट, 3 की मौत
गरियाबंद जिले के मैनपुर विकास खंड के इन्दागांव बस्ती जहां पिछले एक सप्ताह में कभी पुलिस की टिम जांच के में पहुंच रही तो कभी प्रशासनिक अफसर स्वास्थ्य और मनोवैज्ञानिकों की टिम के साथ पहुंच रहे, क्योंकि यहां पिछले 20 दिनों में 15 से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या की कोशिश किया जिसमें 3 ने मौत को गले लगाने में सफल हो गए. आत्महत्या के कोशिश का मामला रोजाना किसी न किसी के घर से आ रहा है. प्रशासनिक प्रयास को नकाफी मान ग्रामीणों ने आत्मसंतुष्टि के लिए गांव के देवी के शरण में भी पहुंच गए हैं.
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21 मार्च को फांसी के फंदे तक पहुंचने वाले कमल की किसी तरह मौत के मुंह से बचाने वाले पिता तक पहुंच कारण जानने की कोशिश किया तो उसने चौंकाने वाली बात बताई, बेटे को बचाने के बाद आज उसकी बहु भी मौत की ओर खींची जा रही थी. घर में रखे रस्सी और जिससे फंदा बनाया जा सकता है हर उस वस्तु को दूर रख रहे हैं. 19 मार्च को मौत को गले लगाने वाले चंद्रशेखर यादव के पिता ने बताया कि बेटे के दोस्त कोमल ने 14 मार्च को आत्महत्या कर लिया था, तब वो डिप्रेशन में था, लेकिन इन्हें उम्मीद नहीं थी कि चंद्रशेखर भी आत्महत्या कर लेगा.
बेरोजगारी की समस्या ले रही जान
मामले की पड़ताल आगे बढ़ी तो पता चला कि 3000 से ज्यादा आबादी वाले गांव में रोजगार और हाथ में काम का अभाव है. गांव में कूल कृषि योग्य जमीन 494 हेक्टेयर है, जिसमें 500 से ज्यादा कृषक परिवार खेती तो करते है पर उनमें से महज 112 हेक्टेयर जमीन राजस्व रिकॉर्ड में कृषि भूमि के नाम पर दर्ज है. 300 से ज्यादा किसान चार पीढ़ियों से जमीन का रिकॉर्ड बंदोबशत कराने दफ्तरों का चक्कर काट रहे. गांव में 200 से भी ज्यादा युवा पढ़े लिखे है पर उनके हाथ में काम नहीं है. प्रशासनिक अफसरों ने स्किल डेवलमेंट का भरोसा दिलाया है, पर ग्रामीणों को डर है कि गांव में मंजूर उप तहसील, सहकारी बैंक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जैसे स्किल डेवलमेंट की बात भी केवल वादों तक सीमित न रह जाए।ग्रामीणों का मानना है कि बेरोजगारी की चिंता से युवा मौत को गले लगा रहे.