Chhattisgarh: टाइम्स यंग यूनिवर्सिटी की वर्ल्ड रैंकिंग में गुरू घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने लहराया परचम, पूरे भारत में मिला 37वां स्थान

Chhattisgarh: यह पहला मौका है, जब गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय ने द टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड यंग यूनिवर्सिटी रैंकिंग में भागीदारी की. इससे पहले नैक द्वारा गुरु घासीदास विश्वविद्यालय को ए++ रैंकिंग दी गई थी.
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गुरुघासी दास यूनिवर्सिटी

Chhattisgarh News: गुरू घासीदास विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) द टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड यंग यूनिवर्सिटी रैंकिंग में 401-500 के बैंड में शामिल होकर अंतरराष्ट्रीय अकादमिक मानचित्र पर चमक उठा है. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल के सशक्त, दूरदर्शी एवं लोकप्रिय नेतृत्व व कुशल मार्गदर्शन में पिछले लगभग तीन वर्षों में किये गये प्रयास और निरंतर सकारात्मकता के परिणाम स्वरूप सफलता मिल रही हैं.

गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी ने पहली बार की भागेदारी

यह पहला मौका है, जब गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय ने द टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड यंग यूनिवर्सिटी रैंकिंग में भागीदारी की. यूनाइटेड किंगडम से प्रकाशित होने वाली विश्व प्रसिद्ध पत्रिका टाइम्स हायर एजुकेशन प्रतिवर्ष विश्व की नवसृजित उच्च शिक्षण संस्थानों की रैंकिंग को जारी करता है. इससे पहले नैक द्वारा गुरु घासीदास विश्वविद्यालय को ए++ रैंकिंग दी गई थी.

कुलपति आलोक चक्रवाल ने जताई खुशी

विश्व रैकिंग में स्थान पाने पर कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल ने हर्ष व्यक्त करते हुए शिक्षकों, शोधार्थियों, विद्यार्थियों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों के सहयोग एवं अथक परिश्रम के लिए आभार जताया. उन्होंने कहा कि शोध, अनुसंधान एवं नवाचार के क्षेत्र में विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार निरंतर आगे बढ़ रहा है. नैक ए++ रैंकिंग के बाद विश्वविद्यालय में नई ऊर्जा का संचार हुआ है, जिसका परिणाम इस अंतरराष्ट्रीय स्तर की रैंकिंग में साफ परिलक्षित हो रहे है.

कुलपति ने अन्य चीजों को लेकर दी जानकारी

कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 उच्च शिक्षा संस्थानों को भारतीय गौरवशाली एवं वैभवशाली ज्ञान पंरपरा के निर्वहन के साथ ही वैश्विक आवश्यकताओं के अनुरूप शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण एवं वैज्ञानिकता लागू करने के लिए प्रेरित करती है. गुरु घासीदास विश्वविद्यालय राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापन कर विद्यार्थियों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध है. स्वावलंबी छत्तीसगढ़ योजना के अंतर्गत विद्यार्थियों को उद्योगों की जरुरूत के मुताबिक तैयार कर आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है.
कुलपति प्रो. चक्रवाल ने कहा कि उद्यमिता एवं स्टार्ट अप की दिशा में भी विश्वविद्यालय ने नये आयाम छुए हैं. इनोवेशन सेंटर, कौशल विकास केन्द्र एवं टेकनालॉजी इनेबलिंग सेंटर की स्थापना के साथ ही विश्वविद्यालय ने अद्वितीय स्टार्ट अप इकोसिस्टम तैयार किया है जिसने समन्वित प्रयासों के माध्यम से शोध एवं विकास केन्द्र के मार्गदर्शन में दो जी8 कंपनियों के माध्यम से छात्रों द्वारा उत्पादन एवं विपणन की व्यवस्था शुरू की है तथा 15 से ज्यादा स्टार्ट अप प्रारंभ किये हैं.

166 देशों के 5 लाख शिक्षाविदों ने किया वोट

रैंकिंग की विश्वसनीयता को  बनाए रखने के लिए द टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड यंग यूनिवर्सिटी रैंकिंग द्वारा 166 देशों के 5 लाख शिक्षाविदों से उनकी राय ली है. दुनियाभर के 68 हजार संस्थानों के इन शिक्षाविदों का शोध एवं अनुसंधान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान है.

50 साल से कम आयु के संस्थान होते हैं शामिल

बता दें कि इस रैंकिंग में 50 साल या उससे कम अवधि में स्थापित उच्च शिक्षा संस्थानों को शामिल किया जाता है. भारत से इस रैंकिंग में 84 युवा संस्थानों ने भागीदारी की थी जिसमें गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय को 37वां स्थान प्राप्त हुआ है.

रैंकिंग में मूल्यांकन के बिंदु

शोध की गणुवत्ता, उद्योगों के साथ संबंध, अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण, शोध एवं शैक्षणिक वातावरण विषयों के आधार पर दी जाती है रैंकिंग.

2018-2022 के शोध पत्र हुए शामिल

इस रैंकिंग में वर्ष 2018-2022 के बीच में प्रकाशित शोध पत्रों को शामिल किया गया है. 16.5 मिलियन शोध प्रकाशनों में 134 मिलियन साइटेशन का विश्लेषण किया गया. इस सर्वे में 27,950 पीयर रिव्यूड जर्नल्स को शामिल किया गया.

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