Chhattisgarh: अभिषेक मिश्रा हत्याकांड के दो आरोपियों को हाई कोर्ट ने किया दोषमुक्त, जिला न्यायालय ने सुनाई थी सजा
Chhattisgarh News: भिलाई के बहुचर्चित अभिषेक मिश्रा हत्याकांड के दो दोषियों को बिलासपुर हाई कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया है. वहीं एक अन्य आरोपित विकास जैन की पत्नी किम्सी जैन को दुर्ग न्यायालय ने पहले ही दोषमुक्त कर दिया था.
जिला न्यायालय ने सुनाई थी आजीवन कारावास की सजा
जिला न्यायालय ने मामले के दो आरोपित विकास जैन और अजीत सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. जिला न्यायालय के फैसले को दोनों आरोपितों ने बिलासपुर उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. उच्च न्यायालय में मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और रविंद्र कुमार अग्रवाल ने की. आरोपितों की ओर से उच्च न्यायालय में प्रकरण की पैरवी करने वाली अधिवक्ता उमा भारती साहू ने बताया कि यह पूरा मामला परिस्थिति जन्य साक्ष्य पर टिका हुआ था.
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पिता ने किम्सी जैन की रिहाई को हाईकोर्ट मे दी थी चुनौती
अभियोजन पक्ष सुनवाई के दौरान घटना की कड़ियों को जोड़ नहीं पाया, जिसका लाभ आरोपितों को मिला. वहीं अभिषेक मिश्रा के पिता आई.पी. मिश्रा ने किम्सी जैन की रिहाई को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. किम्सी के मामले में उच्च न्यायालय ने जिला न्यायालय के फैसले को उचित ठहराते हुए आई.पी. मिश्रा के आवेदन को खारिज कर दिया.
क्या है पूरा मामला
शंकराचार्य ग्रुप आफ कालेज जुनवानी के डायरेक्टर अभिषेक मिश्रा 9 नवंबर 2015 को अपने घर से निकला था. 10 नवंबर 2015 को दुर्ग के जेवरा चौकी में अभिषेक मिश्रा की गुमशुदगी दर्ज कराई गई. 22 दिसंबर 2015 को पुलिस ने संदेह के आधार पर स्मृति नगर निवासी विकास जैन, उसके चाचा अजीत सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ की. 23 दिसंबर 2015 को पुलिस ने स्मृति नगर निवासी अजीत सिंह के मकान स्थित परिसर में अभिषेक के शव को बरामद किया. 24 दिसंबर 2015 को विकास की पत्नी किम्सी जैन को भी पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार किया था.