Chhattisgarh: बिलासपुर के सबसे बड़े रेलवे स्टेशन पर जन आहार केंद्र 4 साल से बंद, रायगढ़ स्टेशन का भी यही हाल, कोई ठेका लेने को तैयार नहीं
Chhattisgarh News: दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर के सबसे बड़े रेलवे स्टेशन पर जन आहर केंद्र पिछले 3 साल से बंद पड़ा है. यही हाल रायगढ़ रेलवे स्टेशन का है. यहां भी खाने-पीने को लेकर खुली दुकान बंद है. इसके अलावा बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर कमशम, बुक स्टॉल जैसी सुविधाएं ठप है. यह सारी दुकान वह है जिसे रेलवे ने मुसाफिरों की सुविधा के लिए स्टेशन कैंपस में तैयार करवाया और यह दावे किए की चलती ट्रेनों में लोगों को रियायती दरों पर शुद्ध भोजन मिलेगा और उन्हें घर जैसी सुविधाएं उपलब्ध होगी, लेकिन बिलासपुर स्टेशन से दूसरे जिले राज्य और अन्य स्थानों पर जाने वाले लोग अब परेशान है. उनका कहना है कि सफर में सबसे ज्यादा तकलीफ उन्हें खाने-पीने को लेकर होती है. उनका आरोप है कि इसका लाभ प्लेट फार्म वेंडर उठा रहे हैं जो प्लेटफार्म पर खड़े होते हैं और कभी बासी खाना तो कभी अन्य खाने पीने के उत्पादों का मनमर्जी रकम वसूल लेते हैं. इसका लाभ सिर्फ वेंडर नहीं बल्कि प्लेटफार्म पर संचालित होने वाले वह स्टॉल संचालक भी उठा रहे हैं जिन्हें लेकर रेलवे ने सारे उत्पादों को लेकर दाम तय किया है लेकिन हर उत्पाद के पीछे 20 से 30 रुपए अधिक पैसे वसूले जा रहे हैं। विस्तार न्यूज़ ने जब इस बात की पड़ताल शुरू की तो कुछ ऐसी बातें सामने आई जो हैरान करने वाली थी.
सामने आया कि रेलवे स्टेशन पर हर उत्पाद के पीछे 5 से ₹10 वसूले जा रहे हैं. बिलासपुर से भोपाल तक सफर कर बिलासपुर पहुंचे कि यात्री ने बताया कि उन्हें न सिर्फ पीने के पानी बल्कि भोजन के पैकेट के अलावा अन्य उत्पादों में भी खरीदने और इसका उपयोग करने को लेकर काफी समस्या हुई है. इसके अलावा भी ट्रेनों में सफर करने वाले लोग खुद को इसके कारण ही ठगा सा महसूस कर रहे हैं. कुल मिलाकर स्थिति ठीक नहीं है और रेलवे के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि उन्होंने इस बात को लेकर कुछ वेंडर और स्टॉल संचालकों के खिलाफ कार्यवाही की है.
कोई टेंडर उठाने को तैयार नहीं
रेलवे में ट्रेन बंद पड़ी है और जो चल रही है उनमें भी कई ट्रेनें रद्द कर दी जा रही है. यही वजह है कि प्लेटफार्म पर दुकान चल नहीं रहे हैं और रेलवे के अलावा उन ठेकेदारों को घाटा उठाना पड़ रहा है जो यहां दुकान चलाने का टेंडर उठा रहे हैं. बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर जाना हर केंद्र और रायगढ़ के जन आहार केंद्र का यही मामला सामने आ रहा है कि यहां कोई ठेकेदार मुसाफिरों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए इन दुकानों को संचालित करने को लेकर ठेका लेने तैयार नहीं है.
ट्रेनों का स्टॉपेज भी कम कर दिया
बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर पहले 10 ट्रेन रुक करती थी लेकिन अब मुश्किल से तीन ट्रेन रुक रही है. बाकी कुछ ट्रेनों का स्टॉपेज उसलापुर स्टेशन पर कर दिया गया है. इनमें उत्कल शालीमार दानापुर जैसी कुछ विशेष ट्रेन शामिल है. उसलापुर में शालीमार और गिनती की कुछ और ट्रेनों का स्टॉपेज कर दिया गया है और यही वजह है कि बिलासपुर स्टेशन पर नजारा पूरी तरह बदल गया है. मुसाफिरों के अलावा दुकान संचालकों को प्लेटफार्म पर दुकान चलाने में समस्या हो रही है.
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कभी भी ट्रेनें हो सकती है रद्द
बिलासपुर रेलवे स्टेशन जोन है. इस जोन के अधीन रायपुर नागपुर और बिलासपुर रेल मंडल आते हैं. यही वजह है कि लोगों को इस स्थान से बड़ी उम्मीद है, लेकिन जिस तरह से बिलासपुर स्टेशन का बुरा हाल है सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर ऐसी सुविधा मुसाफिरों को क्यों हो रही है सबसे बड़ी बात है कि रेलवे के आंकड़े बताते हैं कि उन्होंने दो साल में 2000 से अधिक ट्रेनों को रद्द और प्रभावित किया है. जिसका खामियाजा लाखों मुसाफिरों को उठाना पड़ा है कुल मिलाकर स्थिति कब सुधरे की यह कोई बताने को तैयार नहीं है और यही वजह है कि न सिर्फ सफर बल्कि सफर के दौरान खाने पीने की सुविधा और बाकी बातों को लेकर भी मुसाफिर खूब समस्या झेल रहे हैं.
रेलवे स्टेशन पर हो रही यात्री असुविधा को लेकर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम अनुराग कुमार सिंह का कहना है कि पिछले कुछ सालों से जान आहार केंद्र और कुछ दुकानों का ठेका किया जा रहा है लेकिन कोई ठेकेदार यहां टेंडर लेने को तैयार नहीं है यही वजह है कि यह केंद्र बंद पड़ा है. उनके मुताबिक यात्रियों की शिकायत पर खाने-पीने के मामलों में तत्काल कार्यवाही होती है. साथी ट्रेनों के अनियमित होने के मामले में उनका कहना है कि कुछ ट्रेनों को छोड़कर बाकी ट्रेनिंग चल रही है और यात्रियों को समस्या नहीं हो रही है. उनके मुताबिक कभी रेलवे बड़े कामों के कारण ट्रेनिंग निरस्त जरूर कर रहा है, लेकिन उसका लाभ आने वाले दिनों में यात्रियों को ही मिलना है.