Chhattisgarh: बेजुबान जानवरों को रेस्क्यू करते बंदर-कुत्ते ने काटा, फिर भी 30 हजार जीवों की बचा चुकी जान, जानिए क्या है निधि की कहानी

Chhattisgarh News: जानवरों से इतना लगाव है कि निधि ने जानवरों की सेवा करने के लिए लोको पायलट कि नौकरी छोड़ दी थी.
Chhattisgarh News

निधि तिवारी

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में 28 साल की एक लड़की अपनी जान जोखिम में डालकर बेजुबान जानवरों की जान बचाने में लगी है. उन बेजुबान जानवरों की जो घायल है, या फिर बेसहारा है. हैरान करने वाली बात यह है कि इन जानवरों की जिंदगी बचाते समय कुत्ते, बंदर और खतरनाक जानवरों ने उसे कई बार काटा है. लेकिन वह बिना किसी परवाह के अब तक 30 हजार जानवरों की जान बचा चुकी है.

बिलासपुर के कुदुदंड की रहने वाली है निधि

बिलासपुर के कुदुदंड में रहने वाली निधि तिवारी बताती है कि बचपन से ही उसे बेजुबान जानवरों से प्रेम था. तखतपुर के ढनढन गांव में जब वह अपनी मां के साथ रहा करती तब पहले तो उन्हें बिल्लियों से लगाव हुआ. दो बिल्लियां आपस में लड़ रही थी तब एक बेहद बुरी तरह घायल हो गई थी. तब उन्होंने उसके जख्मों पर मरहम पट्टी कर उसकी जान बचाई थी. बस तभी से उन्होंने यह ठान लिया था कि जब मौका मिलेगा या बेजुबान जानवर तकलीफ में होंगे वह उनकी जिंदगी बचाएगी. इसके चलते ही वह खतरनाक से खतरनाक जानवरों की जान बचा चुकी है. इनमें घोड़े, बिल्ली, गाय, बकरी, कबर बिज्जू और कई ऐसे दूसरे जीव शामिल है. जो मनुष्य का जान भी ले सकते हैं. इसके बाद भी वह यह नेक काम कर रही है.

ये भी पढ़ें – क्यों विवादों में है CGPSC की परीक्षा, क्या UPSC की तर्ज पर परीक्षा होने से अभ्यर्थियों को होगा फायदा?

जानवरों के प्रेम में छोड़ दी लोको पायलट की नौकरी

निधि तिवारी विस्तार न्यूज़ को बताती है कि उन्हें कुछ साल पहले लोको पायलट बनने का मौका मिला था और उन्होंने इसका एग्जाम भी पास कर लिया. लेकिन बाद में उन्हें जानवरों के साथ रहना और उन्हें जीवन देना ज्यादा अच्छा लगा यही कारण था कि उन्होंने नौकरी ज्वाइन नहीं किया. एक शेल्टर डालकर आज जानवरों की मदद कर रही है.

घायल जीवों को हाथों से खिलाती है खाना

निधि के घुरुअमेरी शेल्टर में अभी भी दो दर्जन से अधिक कुत्ते, एक दर्जन से अधिक बंदर, बिल्ली, बकरी, गाय रह रहे हैं. इनमें घायल कुछ बंदरों का हाथ, आंख, नाक नहीं है. तो गाय, बकरियां और कुत्ते भी शारीरिक रूप से जख्मी पड़े हैं. निधि उन्हें रोज अपने हाथों से खाना खिलाने आती है, और एक डॉक्टर के तौर पर उन्हें ग्लूकोज चढ़ाने के अलावा सलाइन भी देती है. अब यही उनका जीवन है, और बेजुबान जानवरों को वह अपने बच्चों की तरह रखते आ रही है.

थाने में करवा चुकी है 8 एफआईआर

निधि का जानवरों के प्रति दर्द भी ऐसा है कि वह घायल अवस्था में उन्हें नहीं देख सकती यही कारण है कि जब भी इंसानों ने कुत्ते, बिल्ली या बाकी जानवर को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कि है तो इसकी शिकायत निधि ने थाने में कर दी है, और करीब 8 से ज्यादा ऐसे मामलों में जुर्म दर्ज करवाए जा चुके है. जिनमें जानवरों के साथ क्रूरता बर्बरता की गई है.

ज़रूर पढ़ें