Chhattisgarh में बेसुध वन मंडल अधिकारी, एक हफ्ते तक पड़ा रहा हाथी का शव, लेकिन नहीं लगी भनक!

Chhattisgarh: बिलासपुर में वन मंडल अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां लोरमी इलाके में संदिग्ध अवस्था में हाथी का शव मिला है, जो करीब 6 दिन पुराना बताया जा रहा है. हैरानी की बात है कि वन मंडल के अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी.
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हाथी (फाइल फोटो)

Chhattisgarh:  वन मंडल में अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां मुंगेली के लोरमी इलाके में संदिग्ध अवस्था में हाथी का शव मिला है, जो 5 से 6 दिन पुराना बताया जा रहा है. टिंगीपुर के जंगल मिले हाथी के शव पर सिर और गले के हिस्से में चोंट के निशान हैं. ऐसे में आशंका जताई  जा रही है कि शिकारियों के द्वारा करेंट तार बिछाकर शिकार करने की प्लानिंग थी.

वनमंडल अधिकारियों की लापरवाही

पूरे मामले पर मुंगेली वनमंडल के अधिकारियों की गंभीर लापरवाही देखने को मिली है. अचानकमार टाइगर रिजर्व के जंगल से लगे लोरमी रेंज में स्थित टिंगीपुर में खुलेआम हाथी के शिकार की घटना को अंजाम दे दिया गया. बावजूद उसके वन महकमा बेपरवाह बना रहा. यही वजह है कि लोरमी के नजदीक होने के बावजूद 5 से 6 दिनों तक वन महकमे को हाथी के शव के पड़े होने की जानकारी तक नहीं मिल पाई.

त्योहार मनाने में मशगूल

त्योहारी सीजन में पूरा वन अमला जंगल की सुरक्षा को छोड़कर त्योहार मनाने में मशगुल रहा. दूसरी तरफ शिकारी खुलेआम जंगल के अंदर जाकर शिकार जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. वहीं हाथी के मौत के बाद भी मुंगेली वनमंडल के जिम्मेदार बड़े अधिकारी मौके से नदारद हैं. सिर्फ छोटे कर्मचारी ही हाथी के शव की सुरक्षा में तैनात दिखे.

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गौरतलब है कि लोरमी इलाके में लगातार एक के बाद एक शिकार की कई घटनाएं सामने आते रहती हैं. 2 साल पहले भी इस इलाके में बाघ के दो शावकों का शव संदिग्ध अवस्था में बरामद हुआ था. उस वक्त भी शिकार कीआशंका जताई गई थी. उसके बाद भी अधिकारी वन जीव की जान बचाने मे गंभीर नहीं दिखाई दे रहे हैं. इस मामले मै सामने आये वीडियो के बाद सवाल उठ रहे है कि हाथी कि मौत के बाद अधिकारियों के लिया क्या जरूरी था जंगल की सुरक्षा या गैर गंभीरता.

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