Chhattisgarh: अब तितलियों को जानने और पहचानने का मिलेगा मौका, बारनवापारा अभ्यारण्य में इस दिन बटरफ्लाई मीट का होगा आयोजन

Chhattisgarh News: वन विभाग और बारनवापारा अभ्यारण्य मिलकर 21 से 23 अक्टूबर 2024 को बटरफ्लाई मीट का आयोजन करने जा रहे है. जिससे प्रकृति प्रेमियों को तितलियों को करीब से जानने और पहचानने का मौका मिलेगा. साथ ही विषय विशेषज्ञ तितलियों के पर्यावास और उनके महत्त्व के संबध में महत्वपूर्ण जानकारियां प्रतिभागियों के साथ बाटेंगे.
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Chhattisgarh News: वन विभाग और बारनवापारा अभ्यारण्य मिलकर 21 से 23 अक्टूबर 2024 को बटरफ्लाई मीट का आयोजन करने जा रहे है. जिससे प्रकृति प्रेमियों को तितलियों को करीब से जानने और पहचानने का मौका मिलेगा. साथ ही विषय विशेषज्ञ तितलियों के पर्यावास और उनके महत्त्व के संबध में महत्वपूर्ण जानकारियां प्रतिभागियों के साथ बाटेंगे. इस आयोजन की तीसरी कड़ी है. इसके पूर्व 2022 और 2023 में यह आयोजन किया गया था. विभाग द्वारा बटरफ्लाई मीट की तैयारी पूरी कर ली गई है. आयोजन में भाग लेने और जानकारी प्राप्त करने के लिए क्यू आर कोड भी जनरेट किया गया है. जिसके माध्यम से आसानी से पंजीयन कराया जा सकता है. मीट में प्रतिभागी स्टूडेंट के 15 सौ रूपये और अन्य व्यक्तियों के लिए 2 हजार रूपये पंजीयन शुल्क रखा गया है. इसके साथ ही भाग लेने के लिए 18 वर्ष से 60 वर्ष की आयु निर्धारित की गई है.

तितलियों को जानने और पहचानने का मिलेगा मौका

बता दें कि बारनवापारा अभ्यारण्य में 150 प्रजाति के तितली और मोथ पायी जाती हैं. जिसमे से वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की शेड्यूल वन की क्रिमसन रोज (पैचीलौप्टा हेक्टर) डनाइड इगली (हाइपो सिलिमस मिसीपस) शेड्यूल दो की सिपोरा निरिसा, होगारा एनेक्स, यूक्रीशॉप्स सीनेजस, जेनेलिया लेपीडिया रपेला वरुणा, लैंपिडर्स बोइहन, तजुना शिप्स आदि पाई जाती है. शेड्यूल छह के भी बहुत से प्रजातियां पाई जाती हैं. विगत तीन वर्षों से बारनवापारा अभ्यारण्य में 14-16 हाथियों का दल निवास कर रहा है. साथ ही साथ विगत 8 माह से एक बाघ लगातार अभ्यारण्य में विचरण कर रहा है. बारनवापारा नाम बार और नवापारा गाँव से मिलकर बना है. बारनवापारा अभ्यारण्य अपनी स्थापना के बाद से ही देश के हर हिस्से से पर्यटकों को आकर्षित करता रहा है. बारनवापारा वन्यजीव अभ्यारण्य छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार भाटापारा जिले में स्थित है. अभ्यारण्य का कुल क्षेत्रफल 244.66 वर्ग किमी है. अभ्यारण्य की स्थलाकृति समतल और लहरदार इलाका है. ऊँचाई 640 मीटर समुद्र तल तक है. बालमदेही,जोंक और महानदी नदियाँ अभयारण्य की जीवन रेखा हैं, जो अभयारण्य की जल कमी को पूरा करने के लिए अभयारण्य के साथ बहती हैं. वार्षिक वर्षा 1200 मिमी है इस अभ्यारण्य में सागौन, साल और मिश्रित वन की मुख्य वनस्पति है. पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने के लिए इसमें शिकार और शिकारियों का अच्छा घनत्व है. अभ्यारण्य के अंदर स्थित बलार जलाशय में कई आर्द्रभूमि पक्षी और मछलियाँ पाई जाती हैं. यह अभ्यारण्य लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए इकोटूरिज्म को बढ़ावा देता है.

बारनवापारा तक पहुँचने के लिए रायपुर से सड़क मार्ग से दो घंटे का सफर करना पड़ता है. यह रायपुर से NH53 पर 78वें किलोमीटर पर 106 किलोमीटर दूर है. पटेवा एक छोटा शहर है जहाँ बारनवापारा से 28 किलोमीटर की दूरी पर मौसम अनुकूल सड़क पर गाड़ी चलाकर पहुँचा जा सकता है.

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