Chhattisgarh: विस्तार न्यूज़ की ख़बर का हुआ बड़ा असर, बीजापुर जिले को जल्द मिलेगा नया जिला चिकित्सालय, स्वास्थ्य मंत्री ने किया ऐलान
Chhattisgarh News: बीजापुर के जिला चिकित्सालय को लेकर विस्तार न्यूज़ के विस्तार विशेष में चली खबर पर बड़ा असर देखने को मिला है. छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बीजापुर के पोर्टा केबिन में पढ़ने वाली 2 बच्चियों की मौत के बाद बीजापुर पहुंचकर न सिर्फ बच्चियों की मौत के मामले का गंभीरता से निरीक्षण किया, बल्कि विस्तार न्यूज़ पर चली खबर के बाद इस जिले के लिए नए जिला चिकत्सालय की स्वीकृति की बात भी कही है.
बीजापुर में नए जिला अस्पताल के साथ मिलेगी अन्य सुविधा – स्वास्थ्य मंत्री
बीजापुर के तारलागुड़ा पोर्टा केबिन में पढ़ने वाली बीजापुर के पोर्टाकेबिनों में मलेरिया के कारण मात्र तीन दिनों में 2 बच्चियों की मौत हो गई और मामला राजधानी तक पहुंच गया. बीजापुर से चौंकाने वाली खबर निकल कर आई कि यहां 180 से अधिक बच्चे मलेरिया से पीड़ित हैं और 20 बच्चों को अस्पताल में एडमिट किया गया है. पूरे मामले को समझने, स्वास्थ्य सेवाओं और आश्रमों पोर्टा केबिनों का जायजा लेने के लिए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल बीजापुर पहुंचे. यहां उन्होंने सबसे पहले जिला चिकित्सालय पहुंचकर स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लिया, मरीजों और उनके परिजनों से बात करते हुए प्रशासनिक अधिकारियों और स्वास्थ्य महकमे के नुमाइंदों को समझाइश दी. इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री सीधे बीजापुर के कन्या पोर्टा केबिन पहुंचे और यहां पहुंचकर उन्होंने पोर्टा केबिन की व्यवस्था का जायजा लिया और पोर्टा केबिन की बच्चियों से बातचीत की. इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बीजापुर के लिए एक सर्वसुविधा युक्त और आधुनिक जिला चिकित्सालय बनाने की बात भी कही है.
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विस्तार न्यूज़ की खबर का हुआ असर
बस्तर में मलेरिया के प्रकोप से हर साल कईयों जानें चली जाती हैं, और चूंकि बीजापुर भी बस्तर का ही एक जिला है, इसलिए बस्तर में मलेरिया के प्रकोप को देखते हुए राज्य और केंद्र सरकार को गंभीरता से काम करने की जरूरत है, हालांकि विस्तार न्यूज़ पर जिला चिकित्सालय की खबर पर राज्य सरकार ने मुहर तो लगा दी है लेकिन सबसे जरूरी है इस जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को जमीन पर उतारने की दिशा में काम करना जो कि बहुत आसान काम नहीं है. इस जिले में डॉक्टर्स से लेकर टेक्निकल इक्विपमेंट्स तक की कमी महसूस की जाती है और साथ ही यह बात भी गौरतलब है कि यहां रेगुलर चिकित्सकों की कमी लंबे समय से बनी हुई है. इन समस्याओं के समाधान के लिए प्रशासनिक तंत्र को भी मजबूती से काम करने की जरूरत है.